बारिश में भी नहीं थमा श्रद्धालुओं का उत्साह, छुरा में मध्यरात्रि तक चलता रहा गणेश विसर्जन

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) किशन सिन्हा : बीते रविवार को छुरा नगर गणेशोत्सव के रंग में पूरी तरह सराबोर नजर आया। दिनभर चली धार्मिक गतिविधियों के बाद देर रात तक गणपति बप्पा की विसर्जन यात्रा अद्वितीय दृश्य बन गई। आसमान से मूसलाधार बारिश हो रही थी, सड़कों पर पानी नदीनुमा बह रहा था, लेकिन श्रद्धालुओं का उत्साह और भक्ति की भावना किसी भी तरह कम नहीं हुई। भक्ति और उल्लास से भरा यह नजारा हर किसी के लिए यादगार बन गया।

विसर्जन यात्रा का आरंभ नगर पंचायत कार्यालय के पास से हुआ, जहां आकर्षक झांकी विशेष आकर्षण का केंद्र रही। विद्युत रोशनी से जगमगाते पंडाल, रंग-बिरंगी सजावट और धार्मिक प्रतीकों से सजी विशाल झांकी में गणपति बप्पा की प्रतिमा विराजमान थी। श्रद्धालु लगातार वहां पहुंचकर बप्पा के दर्शन करते रहे। महिलाओं ने मंगल गीत गाए, बच्चे खुशी से झूमे और युवक-युवतियां डीजे व ढोल-ताशों की थाप पर थिरकते रहे।

झांकियों की बात करें तो इस वर्ष भी नगरवासियों ने उत्सव को और भव्य बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। गढ़ियादेव गणेशोत्सव परिवार गढ़ियापारा की झांकी में रायपुर के UB साउंड की धुन गूंज उठी। श्री सिद्धि विनायक समिति की प्रस्तुति में कचना धुरवा धूमल की झंकार ने सभी को मंत्रमुग्ध किया। श्री शिवालय खलील ने रायपुर के इशु दी की प्रस्तुति दी, वहीं युवा भक्ति गणेशोत्सव समिति छुरा ने DJ ज्योति म्यूजिक राजिम की धुन पर श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया।

अगले बरस तू जल्दी आ से गुंजा नगर 

इसके अलावा, गादीकोट गणेशोत्सव समिति की भव्य तैयारी, माँ शीतला गुरु समिति की ओर से शिवम् धूमल भिलाईगढ़, माँ वैष्णव समिति धमतरी की सुमधुर झंकार, बाल गणेशोत्सव समिति संतोषी पारा द्वारा मां चंडी धूमल राजिम की प्रस्तुति और शूरा मास्टर्स की ओर से N.E.K. डीजे की शानदार धुन ने पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया। बजरंग चौक गणेशोत्सव समिति ने परंपरागत बाजा और इंजीनियर बाजा के साथ न केवल धार्मिकता बल्कि सांस्कृतिक धरोहर का भी परिचय कराया। वहीं, मुख्य मंच पर कलाकार आकाश डीजे (गरियाबंद) की धुनों ने माहौल को और जीवंत कर दिया।

पूरे नगर में जगह-जगह स्वागत द्वार सजाए गए थे। श्रद्धालु अपने-अपने घरों की छतों और बालकनियों से भी बप्पा की झलक पाने आतुर दिखाई दिए। बारिश के बीच भी जगह-जगह पुष्पवर्षा होती रही और श्रद्धालु “गणपति बप्पा मोरया – अगले बरस तू जल्दी आ” के जयघोष के साथ बप्पा को विदाई देते रहे।

 

सबसे खास दृश्य मध्यरात्रि में सामने आया, जब तेज बारिश और भीड़ के बीच विसर्जन यात्रा अपने चरम पर थी। ढोल-ताशों और डीजे की गूंज इतनी प्रबल थी कि बारिश की आवाज दब गई। आतिशबाजी की चमक से रात का आसमान रोशन हो उठा। नमी और ठंडक के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। देर रात तक गणपति बप्पा की प्रतिमाओं का विसर्जन होता रहा और अंत में पूरा छुरा नगर भक्ति और एकता का प्रतीक बन गया।

गणेशोत्सव के समापन के साथ नगरवासियों ने आपसी सौहार्द और भाईचारे का संदेश देते हुए अगले वर्ष बप्पा के स्वागत की तैयारी का संकल्प लिया। सचमुच, यह आयोजन छुरा नगर के लिए न सिर्फ धार्मिक आस्था बल्कि सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक साबित हुआ। 

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