नवापारा के माँ काली मंदिर में महानिशीथकाल में हुई विशेष पूजा, 108 दीपों की रोशनी से जगमगाया मंदिर प्रांगण

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– दीपावली की अमावस्या तिथि पर नवापारा नगर में स्थित माँ काली मंदिर में भक्तिभाव से माँ काली की विशेष पूजा-अर्चना सम्पन्न हुई। महानिशीथकाल में साधकों और श्रद्धालुओं ने माता की आराधना कर नगर की सुख-शांति और समृद्धि की कामना की। पूजा में शामिल होने नगर के कई भक्तजन पहुंचे। माँ काली मंदिर समिति के अध्यक्ष मेघनाथ साहू ने बताया कि पिछले 23 वर्षों से इस पूजन का आयोजन किया जा रहा है।
मंदिर परिसर में भव्य सजावट की गई थी। रात्रि 12 बजे विशेष महानिशीथकालीन पूजन विधि के अंतर्गत पंडित पदुम महाराज द्वारा काली मंत्रों के साथ अनुष्ठान कर पूजा संपन्न कराई गई। अर्धरात्री से शुरू हुआ अनुष्ठान सुबह 4.30 बजे सम्पन्न हुआ। अर्ध रात्रि में माता काली को बलि देने की रस्म निभाई गई लेकिन यहां पशु बलि नहीं दी जाती। बल्कि सफेद कद्दू (रखिया) से इस प्रथा को निभाया गया । पूजा-अर्चना में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए और माता के जयकारों से वातावरण भक्तिमय हो गया।

काली मंदिर के पुजारी पं. पदुम महाराज ने बताया कि महानिशीथकाल में की गई काली पूजा से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है और घर में सुख, सौभाग्य एवं ऐश्वर्य की वृद्धि होती है। लक्ष्मी पूजा के साथ साथ अमावस्या तिथि की मध्य रात्रि मां काली का भी विशेष पूजन अर्चन किया जाता है। 3 घंटे चले इस पूजन के पश्चात अंत में यज्ञ हवन कर पूजा संपन्न की गई।
108 दीपक जलाकर किया दीपदान

इस दौरान श्रद्धालुओं ने 108 दीपक जलाकर दीपदान किया। दीपों की श्रृंखला से पूरा मंदिर प्रांगण आलोकित हो उठा। पूजा में मंदिर समिति के अध्यक्ष मेघनाथ साहू, डॉ मोहन सोनकर, रामरतन निषाद, धीरज साहू, दिलीप यादव, मन्नू तारक, प्रकाश मेश्राम, उत्तम देवांगन, किशोर साहू, श्री कान्त साहू सहित अन्य भक्तगण सम्मिलित हुए। इस बार अमावस्या तिथि 2 दिन पड़ने से किसी मंदिर में संपूर्ण रात्रि में पड़ी अमावस्या में पूजा हुई तो किसी में अगले दिन यानि आज अमावस्या पूजा की जाएगी।
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