सिंचाई के लिए पानी की मांग: मंत्री रविन्द्र चौबे ने समीक्षा बैठक मे दिए ये निर्देश
जलाशयों में जल भराव और सिंचाई के लिए पानी की मांग की समीक्षा
(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :- प्रकृति के भरोसे खेती करने वाले किसानों के माथे मे लकिरे पड़ गई है । लगातार 10 से 12 दिनों से पानी ना गिरने से खेतों मे दरार कि नौबत आ गई है। निदाई का काम भी काफी प्रभावित हो रहा है ऐसे मे किसानों द्वारा नहरों मे पानी की मांग की जा रही है ।
जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे ने महानदी भवन, मंत्रालय स्थित अपने कक्ष में सिंचाई जलाशयों में जल भराव की स्थिति और कृषकों द्वारा सिंचाई के लिए जल की मांग के संबंध में विभागीय अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में मंत्री रविन्द्र चौबे ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसानों को जलाशयों से सिंचाई के लिए मांग और आवश्यकता के अनुसार पानी छोड़ा जाए।
बैठक में विभागीय अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में 12 वृहद और 34 मध्यम परियोजनाओं में औसतन 79 प्रतिशत जल भराव है। वर्तमान में महानदी जलाशय परियोजना (गंगरेल), मिनीमाता (हसदेव) बांगो परियोजना, तांदुला जलाशय, खारंग जलाशय, सीकासार जलाशय, मनियारी, कोडार, घोंघा, कोसारटेडा (बस्तर), खरखरा, गोंदली, श्याम घुन्घुट्टा, छिरपानी जलाशय सहित अन्य मध्यम एवं लघु जल परियोजनाओं जलाशयों से किसानों को मांग अनुरूप जल प्रदाय किया जा रहा है। राज्य के अन्य जलाशयों से भी सिंचाई के लिए पानी दिया जा सकता है।