छत्तीसगढ़ में पहली बार ‘उप सरपंच संघ’ का गठन, गरियाबंद जिले के छुरा ब्लॉक से हुई ऐतिहासिक पहल, पूरे प्रदेश में जागी नई उम्मीद

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) किशन सिन्हा : छत्तीसगढ़ के पंचायत व्यवस्था में एक नया अध्याय जुड़ गया है। पहली बार राज्य में ‘उप सरपंच संघ’ का गठन किया गया है, जिसकी शुरुआत गरियाबंद जिले के छुरा विकासखंड से की गई। यह आयोजन न केवल प्रशासनिक दृष्टि से अहम रहा, बल्कि ग्राम स्तर के नेतृत्व को एक नई पहचान देने वाला साबित हुआ। संघ की पहली बैठक की शुरुआत भारत माता की पूजा-अर्चना और सामूहिक वंदना से हुई। बैठक का मुख्य उद्देश्य उप सरपंच संघ का विधिवत गठन और नेतृत्व का चुनाव।

तीन उम्मीदवारों के बीच हुआ अध्यक्ष पद का चुनाव

संघ के अध्यक्ष पद के लिए तीन प्रत्याशी लता मूलचंद साहू (कनेसर), रुपनाथ बंजारे (हरदी) और परमेश्वर यादव (रसेला) चुनाव मैदान में थे। मतदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद परिणाम घोषित किए गए। जिसमें रुपनाथ बंजारे ने भारी मतों से जीत दर्ज की। उन्हें कुल 34 वोट प्राप्त हुए, जबकि लता साहू को 7 और परमेश्वर यादव को 5 वोट मिले। इस तरह रुपनाथ बंजारे को छुरा ब्लॉक उप सरपंच संघ का अध्यक्ष निर्वाचित घोषित किया गया।

घोषित हुई कार्यकारिणी, नेतृत्व में दिखी विविधता

चुनाव के बाद संघ की कार्यकारिणी की भी घोषणा की गई। जिसमें उपाध्यक्षों के रूप में जसप्रीत सिंह मेडली, कुलेश्वर साहू (पोंड), रेखचंद साहू (टेंगनाबासा), सीमा गुप्ता (मुढहीपानी) और दिनेश साहू (नवापारा) को चुना गया। इसी प्रकार महामंत्री पद की जिम्मेदारी महेश्वर साहू (सरकड़ा) को दी गई। सचिव टिकेंद्र साहू (जरगांव), संयोजक के रूप में कृष्णा पटेल (पिपराही) और मुख्य प्रवक्ता के रूप में रेखचंद साहू (खड़मा) को चुना गया। संरक्षक मंडल में सुरेश शर्मा, कैलाश साहू (गोंदलाबाहरा) और लालबहादुर यादव (करकरा) शामिल हैं। सलाहकार पद पर अनुसुइया यादव, खीरमणि हरपाल जैसे अनुभवी सदस्यों को शामिल किया गया है।

उप सरपंचों में उत्सव का माहौल

संघ के गठन की खबर से पूरे गरियाबंद जिले में खुशी की लहर है। उप सरपंचों ने इस नई पहल को अपने अधिकारों और विकास कार्यों की आवाज बुलंद करने का एक सशक्त मंच बताया है। कार्यक्रम में अनेक उप सरपंचों की सहभागिता रही, जिनमें उर्मिला निषाद (अकलवारा), भीखाराम (नवापारा), यामिनी चंद्राकर (दादरगांव), गौरी बाई नेताम (देवरी), राधेश्याम नेताम (भरुवामुड़ा) और अन्य कई प्रतिनिधि शामिल रहे।

इतिहास के पन्नों में दर्ज हुई नई शुरुआत

यह आयोजन छत्तीसगढ़ के पंचायत इतिहास में एक नई इबारत के रूप में दर्ज हुआ है। पहली बार उप सरपंचों ने एकजुट होकर अपनी संस्था बनाई है, जो भविष्य में नीतिगत भागीदारी और ग्राम विकास में अहम भूमिका निभाएगी। वैसे छुरा विकासखंड से शुरू हुई यह पहल न सिर्फ प्रदेश के अन्य जिलों के लिए प्रेरणास्रोत बनेगी, बल्कि उप सरपंचों के आत्मबल और प्रशासनिक भागीदारी को भी नई ऊंचाई देगी। आने वाले समय में इस संघ के जरिए पंचायत स्तर पर मजबूत नेतृत्व और समन्वय देखने को मिल सकता है।

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