ब्रेकिंग: आरोपीयों पर कड़ी कार्रवाही नहीं होने से पत्रकार बैठे धरने पर, रेत माफ़ियाओं के लिए कर रहे ये मांग

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– राजिम क्षेत्र के ग्राम पितईबंद में अवैध रेत उत्खनन के कवरेज करने पहुंचे पत्रकारों पर हमला मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। पत्रकार आरोपीयों पर कड़ी कार्रवाही की मांग कर रहे है। 24 घंटे बाद भी उचित और कड़ी कार्रवाही नहीं होने से पत्रकारों का गुस्सा फूट पड़ा है। वे गरियाबंद जिला मुख्यालय के कलेक्ट्रेट परिसर में धरने पर बैठ गए है। ( पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें )
हालांकि पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की जा रही है। इस मामले में जिला प्रशासन ने अवैध रेत उत्खनन और परिवहन में शामिल चेन माउंटेन और हाइवा वाहन को भी जब्त कर लिया है। लेकिन पत्रकार, आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
अवैध रेत खदान संचालक को बनाया जाए आरोपी
उनकी प्रमुख मांगें है कि आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया जाए। हमलावरों के खिलाफ हत्या के प्रयास (IPC धारा 307) के तहत मामला दर्ज किया जाए। अवैध रेत खनन को रोकने में नाकामी के लिए जिम्मेदार खनिज अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग। जिले में संचालित अवैध रेत खदानों को तत्काल बंद करने के साथ ही बने स्ट्रक्चर को पूरी तरह तोड़ने की मांग ताकि वहाँ फिर से अवैध काम न शुरू किया जा सके। अवैध रेत खदान संचालक जिसके इशारे पर हमला किया गया उसे भी आरोपी बनाया जाए। अवैध खदानों पर खनन का नाप कर माइनिंग एक्ट के तहत कार्रवाही की जाए।
प्रदर्शनकारी पत्रकारों का आरोप है कि जिला कलेक्टर ने इस मामले में अभी तक कोई ठोस संज्ञान नहीं लिया है, जिससे उनका आक्रोश और बढ़ गया है। पत्रकारों का कहना है कि यह हमला न केवल उनकी सुरक्षा पर सवाल उठाता है, बल्कि जिले में अवैध रेत खनन के माफिया तंत्र को भी उजागर करता है। उनका आरोप है कि प्रशासन की निष्क्रियता के कारण रेत माफिया बेखौफ होकर काम कर रहे हैं। धरने में शामिल पत्रकारों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे प्रदर्शन जारी रखेंगे। जिला कलेक्ट्रेट के सामने धरना जारी है, और पत्रकारों ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
मामले में दोषियों के खिलाफ उचित कार्यवाही को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया है। कलेक्टर के द्वारा दोषियों के ऊपर कड़ी कार्यवाही किए जाने के आश्वासन के बाद पत्रकारों ने आंदोलन समाप्त कर दिया। पत्रकारों ने सात दिवस के भीतर कार्यवाही करने का अल्टीमेटम दिया है, समय–सीमा पर कार्यवाही नहीं होने पर उग्र आंदोलन व चक्काजाम की चेतावनी दी गई है। जिले भर से भारी संख्या में पत्रकार पहुंचे हुए थे।
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