गरियाबंद जिले में अत्यधिक बारिश के कारण 5 केन्द्रों में रोका गया धान खरीदी, अब तक 14 लाख 96 हजार 830 क्विंटल की हुई धान खरीदी

देवभोग अनुभाग के 15 धान खरीदी केन्द्रों के 31 प्रतिशत धान का हो चुका उठाव

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :- गरियाबंद जिले में धान खरीदी का सिलसिला अनवरत जारी है। 14 नवम्बर से शुरू हुए धान खरीदी अभियान अंतर्गत जिले में अब तक 30 हजार 664 किसानों से 14 लाख 96 हजार 830 क्विंटल धान की खरीदी की जा चुकी है। डीएमओ श्री अमित चन्द्राकर ने बताया कि देवभोग अनुभाग के अंतर्गत आने वाले 15 खरीदी केन्द्रों में अब तक 31 प्रतिशत धान का उठाव किया जा चुका है। सभी जगहों से निरंतर रूप से धान का उठाव जारी है।

डीएमओ ने बताया कि देवभोग क्षेत्र के कुछ स्थानों में हुए अत्यधिक बारिश के कारण देवभोग अनुभाग अंतर्गत आने वाले 15 खरीदी केन्द्रों में से 5 केन्द्रों में धान खरीदी को आज रोका गया है। उन्होंने बताया कि बारिश के कारण किसानों द्वारा खरीदी केन्द्रों तक लाये जाने वाले धान को पानी में भीगने से बचाने एवं इस कारण किसानों को होने वाली असुविधा से बचाने देवभोग अनुभाग के 5 खरीदी केन्द्रों में धान खरीदी आज नहीं किया गया। इन केन्द्रों में खोकसरा, झीरीपानी, देवभोग, दीवानमुड़ा एवं निष्टीगुड़ा शामिल है। उन्होंने बताया कि मौसम धान खरीदी लायक होते ही पुनः सुचारू रूप से जारी कर दी जायेगी। इस दिवस के लिए काटे गये टोकन को अन्य दिवस में शिफ्ट कर दिया जाएगा। जिससे किसानों को दोबारा टोकन लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

उल्लेखनीय है कि धान खरीदी का यह अभियान 31 जनवरी 2025 तक चलेगा। कलेक्टर श्री दीपक अग्रवाल के मार्गदर्शन में जिले में धान खरीदी सुचारू रूप से जारी है। सभी समितियों में धान खरीदी के लिए आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित किये गये है। जिससे पंजीकृत किसान सुविधाजनक रूप से अपना धान उपार्जन केन्द्रों में बेच रहे है।

खरीदी की चाक-चौबंद व्यवस्था

खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस खरीफ वर्ष के लिए गरियाबंद जिले में 90 हजार 970 किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है। इसमें 4662 नये किसान शामिल है। इस वर्ष 90 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से 5 लाख 36 हजार 768 मेट्रिक टन धान खरीदी अनुमानित है। खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के धान खरीदी की चाक-चौबंद व्यवस्था की गयी हैं।

जिले में अवैध धान बिक्री, खरीदी एवं परिवहन के प्रकरणों में धान जप्ती की कार्यवाही भी लगातार की गई है। किसी भी स्तर की गड़बड़ी रोकने के लिए एवं जिले में सतत् निगरानी हेतु नियंत्रण कक्ष कलेक्टोरेट में बनाया गया है, साथ ही नोडल अधिकारी भी क्षेत्रों का दौरा कर धान खरीदी की व्यवस्थाओं का निरंतर जायजा ले रहे है।

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