रायपुर जिले में इतने विद्यालयों का होगा युक्तियुक्तकरण, प्रक्रिया में ये स्कूल होंगे शामिल

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– छत्तीसगढ़ में शिक्षा व्यवस्था को अधिक प्रभावी, समावेशी और गुणवत्तापूर्ण बनाने की दिशा में एक ठोस कदम उठाया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के प्रावधानों के अंतर्गत प्रदेशभर में शालाओं के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया आरंभ हो गई है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य बच्चों को बेहतर शैक्षणिक वातावरण, योग्य शिक्षक और संसाधनयुक्त अधोसंरचना उपलब्ध कराना है।

विद्यालयों के समायोजन की जिम्मेदारी विकासखंड स्तरीय समितियों को सौंपी गई है, जो शालाओं का भौतिक परीक्षण कर यह आकलन करेंगी कि किन विद्यालयों का अन्य विद्यालयों में समायोजन किया जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालय जिनमें विद्यार्थियों की संख्या 10 से कम है और शहरी क्षेत्रों में 30 से कम, उन्हें इस प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा।

समायोजन उपरांत विद्यालयों का संचालन उन भवनों में किया जाएगा, जिनकी अधोसंरचना सुदृढ़ और शिक्षण के अनुकूल है। इससे छात्रों को बेहतर कक्षाएं, पुस्तकालय, खेल मैदान और प्रयोगशालाएं उपलब्ध हो सकेंगी। समायोजित विद्यालयों की शैक्षणिक सामग्री और अभिलेख उच्चतर संस्था प्रमुख के अधीन रखे जाएंगे, जिससे प्रशासनिक और शैक्षणिक प्रबंधन अधिक सुगम होगा।

रायपुर जिले में कुल 389 स्कूलों का युक्तियुक्तकरण

इसी कड़ी में रायपुर शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार जिले के स्कूलो का युक्तियुक्तकरण किया गया है। इसके अनुसार रायपुर जिले में कुल 389 स्कूलों का युक्तियुक्तकरण किया गया है। इनमें एक ही परिसर के विद्यालय जिनमें शिक्षा विभाग के 384 आदिवासी विकास विभाग के 1 स्कूल और ग्रामीण क्षेत्र के 1 किमी के भीतर विद्यालय जिनमें एजुकेशन विभाग के 1 स्कूल और शहरी क्षेत्र में 500 मीटर के भीतर के विद्यालय में शिक्षा विभाग के 3 विद्यालय शामिल है, जिनका युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि युक्तियुक्तकरण का उद्देशय मानव भौतिक संसाधन का सही उपयोग करना और संतुलन बनाए रखना है। इससे सभी स्कूलों में विद्यार्थियों और शिक्षकों का अनुपात सही होगा और गुणवत्ता पूर्वक शिक्षा प्रदान करने में सहयोग मिलेगा।

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