सियान सेवा सदन सेवा बना बुजुर्गों का सच्चा संबल, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर मुस्कानों की लौ जलाई

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) किशन सिन्हा:- जीवन के अंतिम पड़ाव पर जब आश्रय, अपनापन और सम्मान की सबसे अधिक आवश्यकता होती है, तब गरियाबंद जिले का सियान सेवा सदन उन सभी बुजुर्गों के लिए एक ऐसा घर बनकर उभरता है, जहां उन्हें न केवल छत मिलती है, बल्कि समाज का प्यार, सेवा और सहयोग भी मिलता है। यह संस्था संस्था प्रमुख आर.जी. सिन्हा के नेतृत्व और समाज कल्याण विभाग जिला गरियाबंद के सहयोग से पिछले कई वर्षों से निरंतर चल रही है।
यहां छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से आए असहाय, निराश्रित और वंचित बुजुर्ग एक परिवार की तरह मिलजुलकर रह रहे हैं। सियान सेवा सदन में न कोई जातिगत भेदभाव है, न कोई सामाजिक दीवार। यहां सिर्फ सेवा, सहानुभूति और सामूहिकता है।
बुजुर्गों से मिलता है प्रेरणा
संस्था में रहने वाले बुजुर्गों के लिए यहां जीवनशैली, दिनचर्या, स्वास्थ्य सेवा और भावनात्मक देखभाल का ऐसा माहौल बनाया गया है, जो उन्हें जीने की उम्मीद तो देता ही है, साथ ही आत्मविश्वास भी प्रदान करता है। प्रशासन, जनप्रतिनिधि और सामाजिक संगठनों के लोग समय-समय पर यहां आकर न केवल व्यवस्थाओं का जायजा लेते हैं, बल्कि बुजुर्गों से मिलकर प्रेरणा भी प्राप्त करते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर बुजुर्गों को मिला नया जीवन
गरियाबंद जिला मुख्यालय के समीप ग्राम भिलाई स्थित सियान सेवा सदन में 21 जून को ग्यारहवां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस बड़े ही धूमधाम, उल्लास और सेवा भावना के साथ मनाया गया। यह कार्यक्रम प्रेरक समिति गरियाबंद के तत्वावधान में आयोजित किया गया, जिसमें बुजुर्गों ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। इसके बाद योग प्रशिक्षकों ने बुजुर्गों को सरल योग आसन, प्राणायाम और ध्यान की क्रियाओं का अभ्यास कराया। योगाभ्यास के दौरान देखा गया कि किस तरह वृद्ध चेहरों पर भी शांति, संतुलन और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हुआ।
सामूहिक योग सत्र के बाद सभी बुजुर्गों के चेहरों पर मुस्कान थी वह मुस्कान जो जीवन की थकान को पीछे छोड़कर आत्मविश्वास और खुशी की ओर ले जाती है। इस अवसर पर संस्था की सक्रिय कार्यकर्ता सुश्री भूपेश्वरी यादव, नंदिनी साहू, पिलेश्वरी ठाकुर, कौशल्या दीवान, लोकेश कुमार साहू और नरोत्तम निषाद उपस्थिती में कार्यक्रम को सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाया गया।
योग व्यायाम नहीं, जीवन की दिशा है
कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने योग के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि योग केवल शरीर को स्वस्थ रखने की क्रिया नहीं है, बल्कि यह मन, आत्मा और विचारों को भी शुद्ध करता है। वृद्धावस्था में जब शरीर कमजोर होता है और मन अकेलापन महसूस करता है, तब योग उन्हें आंतरिक शक्ति, मानसिक शांति और सामाजिक जुड़ाव का अनुभव कराता है। जब सियान सदन और सियान सेवा सदन जैसी संस्थाओं में योग जैसे आयोजन होते हैं, तो यह केवल कार्यक्रम नहीं उत्सव बन जाता है, जहां जीवन फिर से खिल उठता है।
संस्था से प्रेरणा
सियान सदन गरियाबंद की पहचान बन चुका है। जो बताता है कि समाज में अभी भी करुणा और सेवा की भावना जीवित है। यह संस्था उन सभी लोगों को भी संदेश देती है जो अपने बूढ़े माता-पिता या बुजुर्गों को बोझ समझते हैं कि वृद्धावस्था में केवल छत की ही नहीं, बल्कि संवेदनशील हृदय की भी जरूरत होती है। इस आयोजन ने न केवल बुजुर्गों में नई ऊर्जा का संचार किया, बल्कि समाज के हर वर्ग को यह अहसास भी कराया कि ‘‘सेवा ही सच्चा धर्म है, और योग ही सच्ची शक्ति है।’’
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