अवैध रेत घाट पर मजदूर की संदिग्ध मौत, खनिज विभाग के अधिकारियों की शह पर चल रहे अवैध रेत घाट
लाश को चीरघर में छोड़ फरार हुए रेत माफिया
(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज)नवापारा :- समीपस्थ ग्राम पारागांव में अवैध रेत घाट में एक मजदूर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। दरअसल, लखना पारागांव,चंपारण क्षेत्रों में विगत कई दिनों से माफियाओं द्वारा अवैध रूप से रेत घाट का संचालन किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इन रेत माफियाओं को खनिज विभाग के अधिकारियों का शह प्राप्त है। जिससे रेत माफिया बेखौफ होकर महानदी का सीना चीरकर रेत घाटों से रेत का उत्खनन और परिवहन बेखौफ कर रहे हैं। खनिज विभाग के अधिकारियों के संरक्षण के चलते रेत माफियाओं का हौसला इस कदर बुलंद हो चुका है कि घाट में खुलेआम हत्या जैसी बड़ी वारदात को अंजाम देने में भी नहीं हिचक रहे हैं।
सत्ता बदली परंतु स्थिति बद से बदतर
गौरतलब है कि खनिज मंत्रालय खुद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के पास होने के बाद भी विभाग के अधिकारीयों ने रेत माफियाओं को खुली छूट दे रखी है जिससे भाजपा सरकार की छवि पर भी दाग लग रहा है। अभनपुर विकासखंड के ग्राम लखना, पारागांव, सेमरा, चम्पारण सहित कई जगहों पर खनिज विभाग से सेटिंग कर कई सत्ताधारी दल के नेता तथा उनके समर्थक रेत घाट का अवैध संचालन कर रहे है। ये माफिया दिन के उजाले में रेत को सरकारी जगह पर डंप करवाते है और रात में बेखौफ होकर इसका परिवहन करते हैं।
जानकारी के अनुसार खनिज उप संचालक किशोर कुमार गोलघाटे को अवैध रेत उत्खनन को लेकर कई बार सूचना दी गई लेकिन सूत्रों के मुताबिक घाट को एक दिन की सील बंद कार्रवाई कर फौरन सेटिंग कर काम पुनः शुरू करवा दिया जाता है। नतीजतन आज अभनपुर क्षेत्र में रेत माफियाओं का गुंडाराज हावी हो गया। गुरुवार को खनिज विभाग के अधिकारी भारतद्वाज नवापारा पहुंचे और हमारी टीम ने इस विषय में उनसे बात करनी चाही तो वे इस मामले से कन्नी काटते हुए माइनिंग अधिकारी अनिल साहू से जानकारी लेने की बात कहते हुए निकल गए।
क्या है पूरा मामला
ग्राम घोंट (सुंदर नगर) निवासी राजेश यादव रेत घाट पर मजदूरी का काम करता था। बुधवार की देर रात रेत घाट पर मजदूर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। रेत माफिया के लोग मजदूर को घाट से उठाकर नवापारा सीएचसी लाए और चीरघर में रखकर भाग गए। घटना की जानकारी परिजनों को सुबह हुई। परिजन नवापारा सीएचसी पहुंचे और लाश को देखने के बाद उसके होश उड़ गए। मृतक के शरीर पर चोट के निशान थे। परिजनों ने रेत माफियाओं पर हत्या का आरोप लगाते हुए उचित कार्रवाई की मांग की है।
घटना के बाद राजनीति भी देखने को मिली। नगर के कुछ नेता कार्रवाई की मांग करते दिखे, तो कुछ नेता मामले को रफा-दफा करने में लगे थे। इससे साफ लग रहा था कि इनकी माफियाओं से किस तरह की नजदीकी होगी। पुलिस द्वारा भी मामले में उचित कार्रवाई नहीं की गई। जबकि मजदूर की मौत अवैध संचालित रेत घाट पर हुआ था।
मामले को लेकर आक्रोशित ग्रामीण और परिजन थाने पहुंचे और इस मामले की जांच के लिए आवेदन थाने में दिया। आवेदन में उन्होंने निलेश राजपूत सहित अन्य चार लोगों पर इस अवैध घाट को चलाने की बात कही है। शरीर में चोट के निशान देख कर हत्या का अंदेशा जताया जा रहा है और हत्या का मामला दर्ज करने की बात परिजनों ने आवेदन में कही है।
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