मुख्यमंत्री ने संत पवन दीवान की जयंती पर किया नमन

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ के लोकप्रिय कवि और प्रसिद्ध कथावाचक संत पवन दीवान की 1 जनवरी को जयंती पर उन्हें नमन किया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने संत दीवान को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा है कि संत पवन दीवान ने छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।
उन्होंने कहा कि पवन दीवान जी की बातों में माटी की सोंधी महक थी, जिससे आम जनता सहज ही जुड़ जाती थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि दीवान जी की यादें छत्तीसगढ़ के जनमानस में हमेशा बनी रहेंगी।
सब होही राख
गरियाबंद जिले के राजिम के पास ग्राम किरवई में 1 जनवरी 1945 को संत कवि पवन दीवान का जन्म हुआ था। श्री दीवान संस्कृत, हिंदी व अंग्रेजी में एमए थे। इसके अलावा वे कई भाषाओं के ज्ञाता थे। युवावस्था में ही संन्यास लेकर वे स्वामी अमृतानंद बन गए थे, लेकिन उनकी ख्याति अपने मूल नाम से ही हुई। गांव-गांव में उनकी कथाएं होती थीं। कविताओं और चुटकियों से भरपूर उनकी कथा सुनने भारी भीड़ उमड़ती थी।
पं. श्यामाचरण शुक्ल जैसे दिग्गज नेता को हराकर वे विधायक बने। उन्हें जेल मंत्री बनाया गया। वे महासमुंद से सांसद भी रहे । छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद उन्हे राज्य गौ सेवा आयोग का अध्यक्ष बनाया गया। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के लिए उन्होंने आंदोलन का नेतृत्व किया और छत्तीसगढ़ के गांधी के रूप में जाने गए। उनकी सब होही राख वाली कविता आज भी लोगों के मधुर स्मृतियों में बसती है।
सब होही राख , राखबे त राख, नई राखस ते झन राख , कतको राखे के कोसिस करिन, नई राखे सकिन।
मैं बतावत हंव तेन बात ल धियान में राख, तंहूं होबे राख, महूं होहुं राख, सब होही राख।
तेकरे सेती भगवान संकर हा, चुपर लेहे राख।
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