सरपंच की मनमानी : बिना पंचायत प्रस्ताव के कर दी लाखों की हेराफेरी, मुरुम उत्खनन के लिए खनिज विभाग से भी नही ली परमिशन, जानिए पूरा मामला
मेड को भी नहीं छोड़ा, 50 से अधिक फलदार वृक्षों का अस्तित्व खतरे में

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :- नवापारा नगर के समीपस्थ ग्राम पंचायत चिपरीडीह मे सरपंच और उपसरपंच की मिलीभगत से भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है। सरपंच – उपसरपंच ने मिलीभगत कर तालाब मे अवैध उत्खनन कर लाखों की मुरुम मिट्टी बेच डाली। इसके लिए ना तो पंचायत में प्रस्ताव करवाया न ही विभाग से अनुमति लेना मुनासिब समझा ।
बता दे कि समीपस्थ ग्राम चिपरीडीह जो की पूर्व में पटेवा का आश्रित ग्राम था पहली बार स्वतंत्र पंचायत के रूप में अस्तित्व में आया। प्रथम सरपंच क्षमता साहू और उप सरपंच विमल साहू चुने गए। पहले स्वतंत्र पंचायत बनने से गांव के लोगों में उम्मीद जगी की गांव का विकास द्रुत गति से होगा, परंतु सरपंच एवं उप सरपंच की तानाशाही कार्य प्रणाली से गांव के लोगों में निराशा, भय और आक्रोश का वातावरण निर्मित हो गया है।

ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है जहां जून 2023 में ग्राम के डंगनिया तालाब की मशीन द्वारा अवैध खुदाई कराकर उसका सारा मुरूम बेच दिया गया। तालाब को 10 फीट से ज्यादा गहरा खोदने के बाद, तट को भी नहीं छोड़ा गया है । पेड़ की जड़ों से मिट्टी पूरी तरह हटा दी है जिससे आसपास लगे लगभग 50 बड़े फलदार वृक्षों का अस्तित्व खतरे में आ गया है। बारिश में पेड़ के आसपास की थोड़ी बहुत बची मिट्टी हटते ही पेड़ अपना अस्तित्व खो बैठेंगे।
ना पंचायत में प्रस्ताव न खनिज विभाग की अनुमति

इतनी गहरी खुदाई करने के लिए ना ही पंचायत में प्रस्ताव पारित किया गया है ना ही खनिज विभाग से अनुमति ली गई। पहले गाँव वालों को भरोसे मे लिया गया कि इस मुरुम का उपयोग गाँव के लिए ही उपयोग किया जाएगा फिर सारा का सारा मुरूम अवैध तरीके से बेच दिया गया और तो जिसने भी इसका विरोध किया उन्हे डराया और धमकाया गया ।
ग्राम के ही आरटीआई कार्यकर्ता डोमेश कुमार साहू ने सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी के आधार पर बताया की बिना ग्राम पंचायत के प्रस्ताव के अधिकतर कार्य किया जा रहा है। मनमर्जी पूर्वक काम होने से लोगों में आक्रोश है। विरोध करने वाले को पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा खुले आम धमकी दी जाती है जिससे लोगों में भय का वातावरण बना हुआ है।
खेतों तक पहुंचने नहीं बचा मार्ग

तालाब के साथ साथ मेड की भी खुदाई कर मार्ग अत्यंत सकरा तथा जगह-जगह से काट दिया गया है जिसमें पैदल चलना भी दूभर हो गया है। किसानी के समय कृषकों को अत्यंत ही कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है । जहां पहले वाहन पहुँच जाते थे वहाँ अब पैदल चलना भी दूभर हो रहा है । इतने बड़े स्तर पर खुदाई से राजस्व का बड़ा नुकसान हुआ है । यह राशि पंचायत के खाते में न जाकर इन लोगों ने अपनी जेबे भरी है
मजदूरों से की गई है 200 रुपए की अवैध वसूली
खुदाई करने से पहले मनरेगा के तहत लोगों को रोजगार देकर मशीन जाने लायक मार्ग बनाया गया। फिर लोगों को बताया गया कि मुरूम का उपयोग गांव के धरसा रोड बनाने, ऊबड़ खाबड़ मार्ग को भरने के लिए किया जाएगा। इस हेतु गाड़ी लगाने के लिए सभी मजदूरों से 200 – 200 रुपए की अतिरिक्त वसूली की गई। नहीं देने वालों को कहा गया की मजदूरी का पूरा भुगतान नहीं किया जाएगा, राशि को काटकर भुगतान किया जाएगा।
उच्चाधिकारियों से शिकायत परंतु कार्यवाही शून्य
आरटीआई कार्यकर्ता डोमेश कुमार साहू ने पंचायत से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी। जिसमें पंचायत द्वारा जानकारी दी गई कि किसी भी प्रकार का पंचायत प्रस्ताव नहीं हुआ है। माइनिंग विभाग का कोई आदेश नहीं है। अनुविभागीय अधिकारी का कोई आदेश नहीं है किसी प्रकार की राशि पंचायत को नहीं मिली है। उक्त सूचना के अधिकार तहत मिले दस्तावेज के आधार पर डोमेश कुमार साहू ने एसडीएम अभनपुर, कलेक्टर खनिज शाखा रायपुर को इस संबंध में शिकायत की परंतु अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है।
क्या कहते है जिम्मेदार
इस संबंध में गांव के उपसरपंच विमल साहू ने बताया लोगों को डराने धमकाने वाली कोई बात नहीं है। मजदूरों से पैसा लेने की बात स्वीकारते हुए कहाकि मशीन से खूदाई के लिए पैसा लिया गया है । सरपंच क्षमता साहू के मोबाइल नंबर 9399928980 में बार बार संपर्क करने पर भी उन्होंने फोन नहीं उठाया। सचिव महेश सिन्हा ने कहा कि मुरूम खुदाई के संबंध में कोई भी प्रस्ताव पंचायत में पास नहीं हुआ है। मैंने पूरी जानकारी सूचना के अधिकार में आवेदक को उपलब्ध करा दी है।
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