नवापारा में भगवान महावीर प्रभु का जन्म वांचन धूमधाम से मनाया गया, निकाली गई शोभायात्रा

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :- स्थानीय श्वेताम्बर जैन श्रीसंघ द्वारा आज पर्वाधिराज पर्व पर्युषण के पांचवे दिवस में कल्प सूत्र के वांचन के अनुसार भगवान महावीर का जन्म महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। दोपहर आयोजित भव्य समारोह में स्वाध्याई बंधु में उपस्थित संघ सदस्यों के सामने अपने उद्बोधन में जैसे ही महावीर जन्म की घोषणा की। सकल श्रीसंघ इस प्रसंग को जय जयकारो एवं प्रभु जन्म भजनो से बधाया। सारा मंदिर प्रांगण हर्ष विभोर से पूरित होकर परस्पर एक दूसरे को बधाइयाँ दी।
लाभार्थी भाग्यशाली परिवारों ने सर्वप्रथम थाली बजाकर चंवर ढुरा कर, गोटा पंजरी अर्पण दर्पण दिखाकर पालना झूलाकर अपने को कृतार्थ किया। उपस्थित संघ के श्रावक श्राविकाओं ने इस अवसर अपने को रोक नहीं सके और नृत्य करने लगे। संघ प्रमुख शिखर बाफना, राजकुमार बोथरा आशीष टाटिया, अभिषेक दुग्गड, अजय कोचर ने भी सभी सदस्यों को बधाई देते हुए अपनी खुशी व्यक्त की। महाआरती का लाभ रमेश श्रेयांस बोथरा ने लिया। मंगल दीपक का लाभ स्वरूप आशीष टाटिया परिवार ने लिया। तत्पश्चात भगवान का पालना एवं दिव्य स्वप्नों की प्रतिकृति को शोभायात्रा के साथ बधाकर वापस मंदिर प्रांगण में लाया गया।
राजिम श्रीसंघ मे भगवान जन्म वाचन के लिए स्वाध्यायी वीरेन्द्र मुथा की सानिध्यता में स्वप्न एवं पालने के चढावे हुए। नवापारा श्री संघ में भगवान जन्म के पश्चात सर्वप्रथम पूजन अर्पण का लाभ क्रमशः विजय कुमार राजकुमार बोथरा, रमेश श्रेयांस बोथरा, शेखर शशांक बाफना, राजेन्द्र वैभव बोथरा, प्रकाशचंद बोथरा एवं गुणवंती देवी भंसाली ने विशिष्ट लाभ लेकर पुण्य अर्जित किया। भगवान महावीर का पालना आज कालुराम अमरचंद बोथरा परिवार लाभार्थी परिवार की ओर से मंदिर प्रांगण में विराजमान किया गया। जहां संध्या आरती एवं भव्य संगीत समागम का आयोजन किया गया है।
14 दिव्य स्वप्नों के फल एवं चढ़ावे के लाभार्थी
स्थानीय श्वेताम्बर जैन मंदिर प्रांगण में पर्व पर्युषण के पांचवे दिन स्वाध्यायी बंधु वीरेन्द्र मुथा एवं कुशल कोचर ने प्रवचन सभा में भगवान महावीर के जन्म के पूर्व महारानी त्रिशला माता द्वारा देखे गए 14 दिव्य स्वप्नों का विवरण एवं उसका फल बताया। स्वप्नों में सर्वप्रथम वृषभ, सिंह, लक्ष्मीजी, पुष्पमाला, चन्द्रमा, सूर्य ध्वजा, पूर्ण कलश, पदम सरोवर, क्षीर समुद्र, देव विमान, रत्नराशि निर्धूम अग्नि के साथ मेरुशिखर एवं कल्प सूत्र के भावार्थ स्वाध्यायी बंधुओं ने बताया।
ऐसे दिव्य महा मंगलकारी दिव्य स्वप्नों के चढ़ावे का लाभ ऋषभचंद, प्रकाशचंद, प्रदीप कुमार, पूनमचंद, राजेन्द्र कुमार, मनीष कुमार, वैभव, रमेश, श्रेयांस, राजेश, विजय कुमार, राजकुमार, वीर, संजय कुमार, श्रेणिक, सुनील, प्रतीक बोथरा परिवार, बसंत कुमार पवन झाबक परिवार, उत्तमचंद आदित्य गोलछा, सोनराज, अजय, नमन कोचर परिवार एवं संतोष, संदीप, सचिन बोथरा परिवार ने लेकर अपूर्व लाभ लिया। सबसे महत्वपूर्ण भगवान महावीर के पालने का चढ़ावा कालुराम अमरचन्द बोथरा परिवार ने लिया।
प्रातः प्रवचन में स्वाध्यायी बंधु वीरेन्द्र मुथा एवं कुशल चोपड़ा ने सुंदर ढंग से महास्वप्नों का बखान किया एवं संघ सचिव अभिषेक दुग्गड ने निराले अंदाज में सभी चढ़ावो को अंतिम रूप दिया। आज के इस प्रसंग पर सभी लाभार्थी परिवारों की बहुत बहुत अनुमोदना करते हुए संघ प्रमुख शिखर बाफना ने सभी को मंगल शुभकामनाएं दिए।
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