प्रसव के बाद महिला की मौत, परिजनों ने अस्पताल में 6 घंटे किया प्रदर्शन, शव रखकर हाईवे किया जाम

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– जिले के एक निजी अस्पताल में गर्भवती महिला की मौत हो गई। घटना के बाद गुस्साए परिजनों ने शव को राष्ट्रीय राजमार्ग पर रखकर जमकर प्रदर्शन किया। करीब एक घंटे तक चले प्रदर्शन के दौरान राजमार्ग पर यातायात ठप रहा। जाम की खबर मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। परिजनों ने महिला की मौत के लिए अस्पताल के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। मामला राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ इलाके का है।

जानकारी के अनुसार, डोंगरगढ़ ब्लॉक के मेरेगांव निवासी ओमकार पटेल की पत्नी सरोज (21 वर्ष) को सिरदर्द के इलाज के लिए 30 अगस्त को कृष्णा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। गर्भवती महिला की डिलीवरी की तारीख नजदीक होने के कारण 31 अगस्त को उसी अस्पताल में उसका प्रसव कराया गया। महिला ने बच्चे को जन्म दिया। प्रसव के बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। आनन-फानन में कृष्णा अस्पताल के डॉक्टरों ने महिला को चिखली स्थित संजीवनी अस्पताल रेफर कर दिया। इलाज के लिए भर्ती महिला की तबीयत में 5 दिनों तक कोई सुधार नहीं हुआ और शुक्रवार को उसकी मौत हो गई।

डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप

मृतक महिला के परिजनों और ग्रामीणों ने कृष्णा अस्पताल के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि अस्पताल में इलाज की समुचित व्यवस्था न होने पर उसे भर्ती किया गया था। प्रसव के बाद महिला की तबीयत बिगड़ गई और मामला बिगड़ गया। यहां ब्रेन के डॉक्टर न होने के कारण उसे वेंटिलेटर वाली एम्बुलेंस से रायपुर ले जाने की सलाह दी गई। परिजनों के कहने पर उसे वहां भर्ती कर उसे बचाने का प्रयास किया लेकिन शुक्रवार सुबह करीब 10 बजे उसकी मौत हो गई।

झटके आने के कारण कराया प्रसव

कृष्णा अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार, मृतका के परिजन प्रसव कराने को तैयार नहीं थे। महिला को झटके आने के कारण प्रसव कराकर बच्चे को बचाया गया। महिला की बिगड़ती तबीयत को देखते हुए परिजनों को हायर सेंटर जाने की सलाह दी गई। कृष्णा अस्पताल प्रबंधन ने महिला के प्रसव और अन्य इलाज के लिए 80 हजार रुपए लिए। महिला की मौत और हालत बिगड़ने पर परिजनों को 30 हजार रुपए वापस कर दिए गए।

निजी स्कूल में शिक्षिका थी मृतका

महिला की मौत के बाद गुस्साए परिजनों और ग्रामीणों ने कृष्णा अस्पताल के खिलाफ करीब 6 घंटे तक प्रदर्शन और नारेबाजी की। ग्रामीणों ने महिला का शव नेशनल हाईवे पर रखकर 1 घंटे तक प्रदर्शन किया। हाईवे जाम की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें हटाया। अस्पताल प्रबंधन द्वारा मृतका के परिजनों को 3 लाख रुपये मुआवजा देने पर सहमति जताने के बाद ही मामला शांत हुआ। बताया गया कि मृतका एक निजी स्कूल में शिक्षिका थी।

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