तौरेंगा और मरौदा जलाशय में बाढ़ में फंसे लोगों की सुरक्षित निकासी का हुआ अभ्यास, राहत शिविर भी बनाए गए
सफल मॉक ड्रिल से मजबूत हुई जिले की आपदा प्रबंधन रणनीति

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– गरियाबंद जिले में बाढ़ आपदा से निपटने की तैयारियों को परखने और संबंधित विभागों के बीच समन्वय स्थापित करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा एक व्यापक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। यह अभ्यास राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, गृह मंत्रालय भारत सरकार, छत्तीसगढ़ राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण तथा जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण गरियाबंद के संयुक्त तत्वावधान में तौरेंगा और मरौदा जलाशय में किया गया।
जलाशय को कृत्रिम बाढ़ प्रभावित क्षेत्र मानकर सुरक्षा व्यवस्था, राहत एवं बचाव की तैयारी को परखा गया। जिसमें विभिन्न सरकारी एजेंसियों और स्वयंसेवी संगठनों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। मॉक ड्रिल का उद्देश्य बाढ़ जैसी आपातकालीन स्थिति में राहत और बचाव कार्यों की गति, प्रभावशीलता और विभिन्न टीमों के बीच तालमेल का मूल्यांकन करना था।
इस दौरान बाढ़ की स्थिति में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना, घायलों को प्राथमिक उपचार देना, भोजन और आश्रय की व्यवस्था करना, तथा संचार व्यवस्था को बनाए रखना जैसे विभिन्न परिदृश्यों का अभ्यास किया गया। अभ्यास के दौरान आपदा प्रबंधन विभाग, पुलिस, फायर ब्रिगेड, स्वास्थ्य विभाग एवं स्थानीय कर्मियों ने बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने, नावों का उपयोग कर बचाव कार्य करने, अस्थाई राहत शिविर स्थापित करने और चिकित्सा सहायता प्रदान करने का प्रदर्शन किया।
कर्मियों के प्रयासों की सराहना
इस दौरान कलेक्टर बी एस उईके, पुलिस अधीक्षक निखिल राखेचा, जिला सेनानी सहित नगरसेना के बाढ़ आपदा टीम एवं आपदा मित्र की संयुक्त टीम मॉक ड्रिल में मौजूद रहे। कलेक्टर एवं एसपी ने मॉक ड्रिल का बारीकी से निरीक्षण किया और सभी कर्मियों के प्रयासों की सराहना की।
उन्होंने कहा कि यह मॉक ड्रिल हमें अपनी तैयारियों का आकलन करने और किसी भी संभावित कमी को दूर करने में मदद करेगा। हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि हम बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार रहें और जनहानि व संपत्ति के नुकसान को न्यूनतम कर सकें।
पुलिस की भूमिका महत्वपूर्ण
कलेक्टर ने बताया कि यह प्रशिक्षण प्रक्रिया है, मॉक ड्रिल के माध्यम से आपदा के समय राहत एवं बचाव कार्यों की वास्तविक स्थिति का अभ्यास किया गया। जिससे अधिकारियों, कर्मचारियों एवं स्थानीय नागरिकों को आपातकालीन परिस्थिति का अनुभव मिला। मॉक ड्रिल की सफलता ने आपदा प्रबंधन की तैयारियों को मजबूत किया। यह जिले को संभावित आपदाओं से निपटने में सक्षम बनाएगी। सफल मॉक ड्रिल से यह स्पष्ट हो गया है कि जिला प्रशासन बाढ़ आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। पुलिस विभाग के अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने और बचाव कार्यों में पुलिस की भूमिका महत्वपूर्ण है। इस अभ्यास ने हमें अपनी रणनीति को और बेहतर बनाने का अवसर दिया है।
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