शिक्षा और मनोरंजन का संगम: सशिमं नवापारा में गणित एवं आनंद मेला सम्पन्न, बच्चों में दिखा उत्साह

जीवन में अगर आगे बढ़ना हैं तो किसी भी तरह के भय को मन से निकाल दीजिए

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– व्यंजनों की सौंधी खुशबू मनोरंजन के उत्पादन आदि कलेवर और विभिन्न रंग लिए गणित एवं आंनद मेला का भव्य आयोजन सशिमं नवापारा में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ श्री राम जानकी शिक्षण समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार शर्मा, सचिव प्रफुल्ल दुबे, सहसचिव कोमल साहू, मुख्य वक्ता महेश कंसारी व्याख्याता शासकीय हरिहर स्कूल नवापारा, प्राचार्य गौरीशंकर निर्मलकर, ने महान गणितज्ञ श्री निवास रामानुजन के छायाचित्र पर दीप प्रज्वलित कर किया।

कार्यक्रम में गणितीय विषय से संबंधित प्रदर्शनी, उल्टी-सीधी गिनती, पहाड़ा, भाषण, रंगोली, प्रश्नमंच, चित्रकला, निबंध, मॉडल, में कमाक्षी ध्रुव, दीपिका, अंकित, खुशबू साहू, श्वेता, स्वाति, जय कंसारी, नूपुर जगने, रिम्शा, भाविका, हर्षित, अंकित, आरती, जिनेन्द्र योगेंद्र, खुशबू देवांगन, टामिनी, हेमेश्वरी साहू ने अपनी प्रतिभा का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। इस अवसर पर कक्षा बारहवीं के नीलेश यादव ने कहा कि रामानुजन का जन्म 22 दिसंबर 1887 में भारत के दक्षिणी भाग में हुआ था। गणित के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें आज भी याद किया जाता हैं उनके द्वारा तैयार किए गए प्रमेयों का अध्ययन आज तक दुनिया भर के छात्रों द्वारा किया जाता है और अपने जीवन काल के बहुत कम वर्षों के भीतर उन्होंने गणित में कुछ असाधारण खोजें कीं।

जयदेव मिश्रा, कबीर साहू ने गणितीय नवाचार में प्रदूषण रोकने, जल संरक्षण, आग से बिजली उत्पन्न करने के मॉडल का प्रदर्शन किया, जिसकी सभी ने खूब सराहना की। साथ ही आंनद मेला में छत्तीसगढ़ी एवं भारतीय व्यंजनों के लगभग तीस स्टॉल लगाएं गए, जिसका आंनद अभिभावक गण और बच्चों ने लिया। सभी कार्यक्रम वरिष्ठ आचार्य नरेश यादव, दीपक देवांगन, कृष्ण कुमार वर्मा के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया।

भय को अपने मन से निकाल दीजिए 

इस अवसर पर उद्बोधन में मुख्य वक्ता महेश कंसारी ने कहा कि सशिमं. नैतिक शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी संस्था हैं। जन्म से अंत तक जीवन में गणित का प्रयोग होता हैं। जीवन में आगे बढ़ना हैं तो सबसे पहले किसी भी तरह के भय को अपने मन से निकाल दीजिए। अनावश्यक दबाव न रखे दिमाग में, सिर्फ मेहनत कीजिए, परिणाम भी अच्छे ही मिलेंगे।

अध्यक्षता कर रहे विनोद कुमार शर्मा ने कहा गणित मेला का उद्देश्य बच्चों बच्चो में छुपी कला को एक अवसर प्रदान करना हैं। आंनद मेला जैसे नाम से ही स्पष्ट हैं प्रसन्नता उत्साह और सक्रियता का संगम हैं, जिसमें मनोरंजन के साथ ही अपनी कला एवं संस्कृति से बच्चें परिचित होते हैं। इस प्रकार के आयोजन होते रहने से मानसिक विकास होता हैं।

कार्यक्रम का सफलता पूर्वक संचालन चेतन साहू एवं आभार प्राचार्य गौरीशंकर निर्मलकर ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में शिक्षक नरेंद्र साहू, नारायण प्रसाद पटेल, तामेश्वर साहू, नंद कुमार साहू, रेणु निर्मलकर, नंद कुमार साहू, तामेश्वर साहू, संजय सोनी, परमेश्वर सिन्हा, हुलेश्वरी, मंजू , ममता, देवकी, लोमेश साहू, प्रतिभा यादव, मानसी साहू का महत्वपूर्ण योगदान रहा। उक्त जानकारी प्रचार प्रसार से सरोज कंसारी ने दी।

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