महानदी पर बने पुल का एक हिस्सा धंसा, गाड़ियों का आवागमन पूरी तरह किया गया बंद, राहगीर हो रहे परेशान
(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :- धमतरी जिले के मगरलोड कुरुद मार्ग पर 30 साल पहले महानदी पर बने पुल का एक हिस्सा धंस गया है। जिस पर सुरक्षा के चलते वाहनों का प्रवेश पूरी तरह बंद कर दिया गया है। जिससे कुरुद – मगरलोड के बीच आवागमन काफी प्रभावित हो रहा है।
जानकारी के अनुसार धमतरी जिले के मगरलोड क्षेत्र में मेघा से कुरूद जाने के लिए महानदी पर सन 1990 में पुल का निर्माण शुरू किया गया था जो 1994 में शुरू किया गया। लेकिन 30 सालों में ही पुल का एक हिस्सा धंस गया है। जिसके चलते पुल में किसी दुर्घटना की आशंका को देखते हुए अलर्ट जारी कर पुल पर बाइक, वाहनों और कार का प्रवेश वर्जित कर दिया गया है। जिससे राहगीरों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
बता दे कि ग्राम मेघा में कुरूद जाने वाले मुख्य मार्ग पर महानदी के बीच बना यह पुल धमतरी से गरियाबंद को जोड़ता है। रोजाना इस मार्ग से हजारों लोगों की आवजाही होती है। पुल के क्षतिग्रस्त होने से लोगों को आवाजाही के लिए लंबे मार्ग का उपयोग करना पड़ रहा है जिससे लोगों का समय और पैसा दोनों ज्यादा लग रहा।
जान जोखिम में डाल कर नदी कर रहे पार
बताया जा रहा है कि बाइक सवार शॉर्टकट के चक्कर में नदी पर बने एनिकेट से जान जोखिम में डाल कर नदी पार कर रहे है। बरसात के कारण एनिकेट में पानी भरा हुआ है साथ ही बरसात के कारण फिसलन भी है। ऐसे में कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
रेत निकासी को लेकर लोगों में आक्रोश
लोगों का कहना है कि बीते कुछ सालों में ओवरलोडेड रेत हाइवा और दूसरे भारी वाहनों का आना-जाना बढ़ गया है। इसके साथ ही नदी से मनमाने तौर पर रेत निकासी के कारण भी पुल की नींव कमजोर पड़ रही है। रेत का ज्यादा खनन होने के कारण पुल की नींव पर असर पड़ रहा है। पुल के धसने का एक कारण यह भी हो सकता है। जिसे लेकर लोगों में काफी आक्रोश है। उनका कहना है कि रेत बेचकर कुछ लोग अपनी जेबे भर रहे है लेकिन उसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। अगर यह स्थिति बनी रही तो नदी का अस्तित्व भी खतरे में आ सकता है।
वीडियो
छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज से जुड़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
https://chat.whatsapp.com/JX915fd2qkkF6jzTiG0R0W