गरियाबंद में आदि कर्मयोगी अभियान के तहत जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू, ग्राम स्तर पर बनेगा कैडर, स्थापित होंगे आदि सेवा केन्द्र
कलेक्टर बी.एस. उइके ने किया रेस्पॉन्सिव गवर्नेंस प्रशिक्षण का शुभारंभ

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा जिले में जनजातीय विकास और परिवर्तन के लिए व्यक्तियों और संस्थानों को सशक्त बनाने के लिए आदि कर्मयोगी अभियान के तहत वन विभाग के ऑक्सन हॉल में रेस्पॉन्सिव गवर्नेस प्रोग्राम का तीन दिवसीय जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ कलेक्टर श्री बीएस उइके ने किया। इस अवसर पर आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त नवीन भगत, एसडीओ वन विभाग मनोज चन्द्राकर सहित जिला अधिकारी, मास्टर ट्रेनर, ब्लाक स्तरीय प्रशिक्षणार्थी शामिल हुए।
कलेक्टर श्री बीएस उइके ने बताया कि इस अभियान के तहत जिले के अनुसूचित जनजातियों के विकास एवं कल्याण से जुडे़ प्रमुख योजनाओं की संतृप्ति सुनिश्चित करना है। इस अभियान को अंतर्विभागीय समन्वय और सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से किया जाएगा।
अंतिम छोर तक सेवाओं की होगी पहुंच
यह अभियान आदिवासी क्षेत्रों में अंतिम छोर तक सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए है। इस अभियान के अंतर्गत जिले के 05 विकासखंड के 334 आदिवासी बाहुल्य ग्रामों के 64 हजार 877 आदिवासी परिवारों को 17 मंत्रालय के 25 योजनाएं जैसे- आवास, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार आदि से लाभान्वित किया जाएगा। इस अभियान में सभी की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। ताकि गांव में ही लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध सुनिश्चित हो। उन्होंने ब्लॉक स्तरीय मास्टर टेªनर्स को अच्छे से प्रशिक्षण प्राप्त कर ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर लोगों को विभिन्न जानकारी प्रदान करने की बात कही।
इस दौरान आदिम जाति कल्याण विभाग सहायक आयुक्त नवीन भगत ने बताया कि जिला स्तर पर 07 ट्रेनर, ब्लॉक स्तर पर 35 ट्रेनर एवं प्रत्येक ग्राम से न्यूनतम 20 आदि साथी, सहयोगी (अशासकीय संस्थाएं, स्व-सहायता समूह, पंचायत सचिव, युवा, पंच, फ्रंट लाईन कर्मचारी एवं सेवाभावी संगठन, स्वयंसेवक) तैयार किये जा रहे हैं।
इस संबंध में आज ब्लॉक स्तर के 35 मास्टर ट्रेनरों को राज्य स्तर से प्रशिक्षण प्राप्त मास्टर ट्रेनर द्वारा तीन दिवसीय विभिन्न आयामों के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के उपरांत इन मास्टर ट्रेनर द्वारा ग्राम स्तर से चयनित आदि सहयोगी एवं आदि साथी को प्रशिक्षण प्रदान करेंगे।
आदि सेवा केन्द्र की होगी स्थापना
इसके पश्चात ग्राम स्तर पर कैडर चयन कर (न्यूनतम 20 व्यक्ति) ग्राम के सचिव, पंच, स्वसहायता समूह, वन अधिकार समिति, उस क्षेत्र के वनवासी, आदिवासी के कल्याण एवं उत्थान हेतु कार्यरत संस्था, संगठन, युवा और स्थानीय समुदाय के लोगों को जोड़ा जाएगा। जिनका चयन आदि साथी, सहयोगी के रूप में होगा वे चिन्हांकित ग्रामों में बुनियादी सुविधाएं जैसे- आवास, सड़क, पेयजल, स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि के लिए क्रिटिकल गैप को चिन्हांकित करने, शासन के विभिन्न योजनाओं की जानकारी एवं लाभ दिलाने और ग्रामों के परिवारों के साथ संपर्क रखते हुये ग्राम विकास योजना के निर्माण में कार्य करेंगे। इस अभियान अंतर्गत चिन्हांकित प्रत्येक ग्राम में आदि सेवा केन्द्र की स्थापना की जाएगी। जिसमें सभी विभागों से मिलने वाली योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराया जायेगा।
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