शालाओं और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के संबंध में रायपुर कलेक्टर ने ली प्रेसवार्ता, जिले में अभनपुर सहित 04 शालाओं का समायोजन

शिक्षण व्यवस्था को गुणवत्तापूर्ण बनाने किया जा रहा है युक्तियुक्तकरण: डॉ सिंह

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– रायपुर कलेक्टर डॉ गौरव कुमार सिंह ने जिले में संपन्न हुए शालाओं और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के संबंध में जानकारी देने हेतु प्रेसवार्ता ली। उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर और समावेशी बनाने के लिए शालाओं और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है।

डॉ सिंह ने विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि नगरीय इलाकों में छात्रों की तुलना अधिक शिक्षक पदस्थ हैं, जबकि ग्रामीण और दूरस्थ अंचलों की शालाओं में स्थिति इसके विपरीत है। वहां शिक्षकों की कमी है, जिसके चलते शैक्षिक गतिविधियां प्रभावित हो रही हैैं। इस स्थिति को सुधारने के उद्देश्य ही राज्य सरकार द्वारा युक्तियुक्तकरण का कदम उठाया गया है। इससे जिन शालाओं में शिक्षक की जरूरत है, वहां शिक्षक उपलब्ध होंगे।

उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया से ग्रामीण क्षेत्रों में गणित, रसायन, भौतिकी और जीव विज्ञान जैसे विषयों के विषय-विशेषज्ञ उपलब्ध होंगे। बच्चों को अच्छी शिक्षा, बेहतर शैक्षणिक वातावरण और बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। छात्र-शिक्षक अनुपात स्कूलों में संतुलित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 और राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के दिशा-निर्देशों के अनुरूप शिक्षकों और शालाओं का युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है।

04 शालाओं का समायोजन

डॉ सिंह ने बताया कि रायपुर जिले में 04 शालाओं का समायोजन हो रहा है। जिसमें 1 अभनपुर और 3 रायपुर नगर के स्कूल शामिल हैं। ग्रामीण क्षेत्र में जहां वह स्कूल जो जिनके अगल-बगल एक किलोमीटर की परिधि में दूसरा स्कूल था और बच्चों की संख्या 10 से कम थी वहीं नगरीय क्षेत्र में 500 मीटर के भीतर दूसरा स्कूल था और बच्चों की संख्या 30 से कम थी ऐसे चार विद्यालयों का यहां समायोजन दूसरे विद्यालय में किया गया है बाकी 385 विद्यालयों को एक ही परिसर में जो प्राइमरी स्कूल या मिडिल स्कूल थे उनको एक विद्यालय के रूप में क्लस्टर विद्यालय के रूप में विकसित किया गया है।

डॉ सिंह ने कहा कि 1422 अलग-अलग स्कूल थे। इस प्रक्रिया के बाद अब 1033 स्कूलों के रूप में पूरे स्कूलों की व्यवस्था रहेगी। उन्होंने कहा कि रायपुर जिले में अतिशेष शिक्षकों की संख्या 1013 है, जिनमें व्याख्याता 127, मिडिल स्कूल के 237 और सहायक शिक्षक 645 शामिल है।

जिले में जो अतिशेष शिक्षक और रिक्तियां थी उसके अनुसार काउंसलिंग कर पदस्थापना की गई है। इससे पढ़ाई का स्तर बढे़गा और अच्छे परिणाम मिलने में सहयोग मिलेगा। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ कुमार बिश्वरंजन उपस्थित थे।

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