बस्तर दशहरा : ‘कुटुंब जात्रा’ रस्म के साथ हुई देवी-देवताओं की ससम्मान विदाई, 600 साल से अधिक पुरानी परंपरा

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– अपनी अनूठी परंपराओं और रस्मों के लिए विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व की एक और महत्वपूर्ण रस्म, ‘कुटुंब जात्रा’, रविवार को स्थानीय महात्मा गांधी स्कूल परिसर के गुड़ी में संपन्न हुई। इस रस्म के तहत पूरे बस्तर संभाग एवं पड़ोसी राज्य ओडिशा व महाराष्ट्र के समीपवर्ती गांव से पर्व में शामिल हुए हजारों देवी-देवताओं के छत्र और डोली को बस्तर राजपरिवार के सदस्य कमलचंद भंजदेव ने विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर ससम्मान विदा किया। यह रस्म 75 दिनों तक चलने वाले बस्तर दशहरा पर्व की समाप्ति की ओर इशारा करती है। 

600 साल से अधिक पुरानी परंपरा

बस्तर दशहरा की सबसे खास बात यह है कि केवल इसी पर्व में इतनी बड़ी संख्या में एक-एक गांव के देवी-देवताओं के छत्र और डोली शामिल होते हैं। रियासत काल से चली आ रही यह परंपरा आज भी कायम है, जिसमें राजा-महाराजाओं की तरह राजपरिवार के सदस्य और दशहरा समिति गांव-गांव से आए देवी-देवताओं और उनके पुजारियों को ससम्मान विदा करते हैं।

‘रूसूम’ देकर दी गई विदाई

बस्तर दशहरा पर्व

परंपरानुसार, दशहरा पर्व में शामिल होने आए संभाग के सभी ग्राम के देवी-देवताओं को श्रूसूमश् (दक्षिणा/भेंट) भी दी गई। राजपरिवार के सदस्य कमलचंद भंजदेव और दशहरा समिति ने देवी-देवताओं के छत्र और डोली लेकर पहुंचे पुजारियों को कपड़े, पैसे और मिठाइयां देकर उनकी ससम्मान विदाई की।

शहर के गंगामुण्डा वार्ड में स्थित देवगुड़ी में श्रद्धालुओं ने अपनी मनोकामना अनुसार देवी देवताओं को भेंट भी अर्पित किया। बस्तर राजपरिवार और दशहरा समिति की अगुवाई में संपन्न हुई इस कुंटुब जात्रा रस्म के साथ ही, 600 साल से अधिक पुरानी बस्तर दशहरा पर्व की परंपराएं विधि विधान से पूरी की गईं। इस दौरान पूरे परिसर में उपस्थित देवी-देवता का आपस में मेल मिलाप देखते ही बन रहा था। देवी देवताओं के लाठ, डोली के साथ झुमते सिरहा और विभिन्न क्षेत्रों के आंगादेव का खेल माहौल को आकर्षक एवं अचम्म्भित किया। इस अवसर पर स्थानीय एवं आस-पास के गांव से पहुंचे श्रद्धालुओं ने भी देवी-देवताओं का अपने परंपरा के अनुसार पूजा-अर्चना कर उनका आशीर्वाद लिया।

छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज से जुड़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें

https://chat.whatsapp.com/BS4iWWfFiNDDwvO04RHCp3?mode=ems_wa_c

यह खबर भी जरुर पढ़े

मुरिया दरबार में शामिल हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मांझी-चालकी से किया सीधा संवाद

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button