तिमाही परीक्षा शुरू, स्कूलों में अब तक नहीं पहुंची कई विषयों की पुस्तकें, पढ़ाई पर संकट, इधर शिक्षक बाँट रहे गूगल ज्ञान..

किताबों की समय पर आपूर्ति को लेकर क्या कोई जवाबदेही तय होगी ?

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) : एक जुलाई से स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो गई है। जबकि सरकारी स्कूलों में कई क्लासों की किताबें अब तक पूरी नहीं आयी हैं, जिससे बच्चों को अधूरे कोर्स की किताबें मिली हैं। ऐसे में बच्चे ठीक से पढ़ाई भी नहीं कर पा रहे हैं।

बता दे कि नये सत्र में स्कूल खुले लगभग दो माह से ज्यादा का समय बीतने को है, कई स्कूलों में तिमाही परीक्षायें भी शुरू हो गई है पर अभी तक कई स्कूलों में कई विषयों की पुस्तकें पहुंची ही नहीं है। इस स्थिति को देखते हुये पालक मोहनी साहू व छ.ग. महिला सेवा संस्थान की महिलायें किताबों को स्कूलों तक उपलब्ध कराने की मांग लेकर जनदर्शन पहुंची, जिससे बच्चों को समुचित व अच्छी शिक्षा प्राप्त हो सके व बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो। उनके साथ डॉ संदीप मेश्राम, भारती साहू, मुनीजा हुसैनी, मंजू टेमरे, सरस नेताम व पोषण सिन्हा भी उपस्थित थे।

अभिभावकों का कहना है कि वे अपने बच्चों को नियमित रूप से स्कूल भेज रहे हैं, लेकिन किताबों के अभाव में बच्चों को पढ़ाई समझ नहीं आ रही है। होमवर्क करना भी उनके लिए मुश्किल हो गया है। इससे बच्चों की शिक्षा पर गंभीर असर पड़ रहा है। अब देखना यह होगा की इन नन्हों की सुधी कब तक ली जाती है, उन्होंने बताया कि पूर्व में भी कुछ अन्य पालकों द्वारा भी यह मांग की गई थी, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। 

अब सवाल यह उठता है कि शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन इस गंभीर स्थिति की ओर कब ध्यान देगा? बच्चों की पढ़ाई के साथ खिलवाड़ आखिर कब तक चलता रहेगा? किताबों की समय पर आपूर्ति को लेकर क्या कोई जवाबदेही तय होगी?

शिक्षक बांट रहे गूगल ज्ञान

यह स्थिति कई जिलों में बनी हुई है। रायपुर जिले के कई स्कूलों में भी किताबों की समस्या से छात्र और पालक जूझ रहे है। शिक्षक भी गाइड और मोबाइल का सहारा लेकर बच्चों को ज्ञान बांट रहे है। ऐसा ही एक मामला गोबरा नवापारा के पीएमश्री हरिहर स्कूल का है जहां गूगल से प्रश्नों का जवाब खोज कर छात्रों को भेजा जा रहा है। जिसका स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है।

कुछ पालकों ने नाम न छापने की शर्त में बताया कि स्कूल के कुछ शिक्षकों द्वारा प्रश्नों का जवाब गूगल से खोज कर भेजा जा रहा है। जब इसकी शिकायत की गई तो शिक्षकों ने बच्चों को ही लताड़ लगा दी गई। ऐसे में डर से अब बच्चे और पालक सामने नहीं आना चाह रहे। अब सवाल यह है कि क्या परीक्षाओं में यह जवाब मान्य होगा और गूगल पूरी जानकारी सही दे सकता है ?

क्या कहते हैं अधिकारी

इस संबंध में पीएम श्री हरिहर स्कूल नवापारा की प्राचार्य फाखरा खानम दानी ने कहा कि पुस्तकों के अभाव में गूगल से जवाब निकाल कर पढ़ाया जा रहा है और कोई विकल्प ही नहीं है।

वहीं विकासखंड शिक्षा अधिकारी धनेश्वरी साहू ने कहा कि पूर्व में पुस्तकों का मांग पत्र मांगा गया था तब स्कूल ने उपलब्ध नहीं कराया था। अभी दो दिनों के अंदर अन्य स्कूलों से पुस्तकें उपलब्ध करा दी जाएगी।

 

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