फायरिंग के पीछे थी पुरानी दुश्मनीः राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई में बरसीं गोलियां, 7 आरोपी गिरफ्तार, 100 से अधिक CCTV खंगालकर सुलझाया गोलीकांड

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– जनपद उपाध्यक्ष के कार्यालय के बाहर हुई अंधाधुंध फायरिंग की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है। शूटआउट मामले के मुख्य आरोपी सहित सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो नाबालिग भी शामिल हैं। पुलिस ने आरोपियों के पास से देशी पिस्टल, कट्टा, मैगजीन, जिंदा कारतूस, मोबाइल फोन सहित बड़ी मात्रा में आपत्तिजनक सामग्री जब्त की है। पूरा मामला बिलासपुर जिले के मस्तूरी थाना क्षेत्र का है।
जानकारी के अनुसार मस्तूरी थाना क्षेत्र के नहर पार इलाके में कांग्रेस नेता और जनपद उपाध्यक्ष नितेश सिंह के ऑफिस में हमला हुआ था। घटना के समय नितेश सिंह अपने सहयोगियों के साथ ऑफिस के बाहर बैठे थे। तभी जोंधरा चौक की ओर से दो बाइकों पर सवार चार नकाबपोश युवक पहुंचे। पीछे बैठे हमलावरों ने आते ही बिना कुछ कहे ताबड़तोड़ गोलियां चलानी शुरू कर दी। हमले में जनपद उपाध्यक्ष के रिश्तेदार चंद्रकांत सिंह के हाथ और राजू सिंह के पैर में गोली लगी।
100 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले
दोनों को अपोलो अस्पताल बिलासपुर में भर्ती कराया गया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंची। पुलिस ने घटनास्थल को सील कर दिया और मामले की जांच में जुट गई। पुलिस की एसीसीयू यूनिट और मस्तूरी थाना टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए जांच के दौरान 100 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले। तकनीकी साक्ष्य, मोबाइल लोकेशन और लगातार निगरानी के आधार पर पुलिस ने अज्ञात हमलावरों की पहचान कर कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए आरोपियों तक पहुंच बनाई।
आपसी रंजिश और राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई का विवाद
जांच में सामने आया कि यह वारदात पुरानी आपसी रंजिश और राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई का नतीजा थी। बताया गया कि नितेश सिंह और मुख्य आरोपी विश्वजीत अनंत के परिवारों के बीच जमीन की खरीद-फरोख्त, अतिक्रमण और स्थानीय राजनीति को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। दोनों पक्षों ने पहले भी मस्तूरी और सिविल लाइन थाने में एक-दूसरे के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज कराई थीं।
कई दिनों तक की रेकी
पुलिस के अनुसार, विश्वजीत अनंत ने नितेश सिंह और उनके साथियों को जान से मारने की साजिश रची थी। उसने अपने भाइयों और सहयोगियों के साथ कई दिनों तक रेकी की और तय किया कि नितेश सिंह को उसी स्थान पर निशाना बनाया जाएगा, जहां वह रोजाना शाम को बैठता था। पहली बार 25 अक्टूबर को हत्या की योजना बनाई गई थी, लेकिन योजना असफल रही।
28 अक्टूबर की शाम हुई थी वारदात
इसके बाद 28 अक्टूबर की शाम करीब 6 बजे आरोपी दो मोटरसाइकिलों में सवार होकर पहुंचे और ऑफिस के बाहर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इस घटना में नितेश सिंह के साथी राजू सिंह और चंद्रकांत सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए। घटनास्थल से 13 खाली खोखे और 10 चली गोलियां बरामद की गईं। जिन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। प्रारंभिक रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि गोलीबारी में इस्तेमाल हथियार वही थे, जो आरोपियों के पास से जब्त किए गए हैं।
जांच के दौरान पुलिस को यह भी पता चला कि आरोपी विश्वजीत अनंत को तारकेश्वर पाटले नामक व्यक्ति ने 1 लाख रुपये नकद दिए थे, जिसे उसने हमले में शामिल साथियों में बांटा।
दो नाबालिग सहित 7 आरोपी गिरफ्तार
एसएसपी रजनेश सिंह ने बताया कि यह मामला पूरी तरह आपसी रंजिश और वर्चस्व की लड़ाई का परिणाम है। पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों और जांच के आधार पर मुख्य आरोपी विश्वजीत अनंत (29 वर्ष) सहित अरमान उर्फ बलमजीत अनंत (29 वर्ष), चाहत उर्फ विक्रमजीत (19 वर्ष), मोहम्मद मुस्तकीम उर्फ नफीस (29 वर्ष), मोहम्मद मतीन उर्फ मॉन्टू (22 वर्ष) और दो नाबालिगों को गिरफ्तार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। एसएसपी ने कहा कि अपराधियों के खिलाफ नो टॉलरेंस पॉलिसी के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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