अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला से रायपुर जिले के बच्चों का हुआ वर्चुअली संवाद, पूछे बच्चों ने रोचक सवाल, क्या मिला जवाब..
मैने प्रधानमंत्री जी से मिला होमवर्क किया पूरा, आप भी टीचर से मिला होमवर्क करें पूरा

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो मुझे होमवर्क दिया था, उसे मैंने पूरा किया। जब लौटने के बाद उनसे मुलाकात की, तब कुछ नया होमवर्क भी उन्होंने दिया। इसी होमवर्क के कारण आज रायपुर जिले के पूरे छत्तीसगढ़ के स्कूली बच्चों के साथ वर्चुअली मुलाकात कर रहा हूं और अपने अनुभव शेयर कर रहा हूं। जिससे बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित हो और वे स्पेस में कार्य करने के लिए अग्रसित हों। यह बात अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में पहुंचने वाले पहले भारतीय अतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने दानी स्कूल की छात्रा प्रियांशी मिश्रा के सवाल के जवाब में कही।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय इस मौके पर अतंरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला से संवाद किया तथा उनका आभार व्यक्त किया। इस वर्चुअल कार्यक्रम में रायपुर जिले सहित पुरे प्रदेश के स्कूली बच्चे वर्चुअली रूप से जुड़कर देखा। साथ ही रायपुर, धमतरी और जशपुर के बच्चों ने संवाद किया।
क्या आपको प्रधानमंत्री ने होमवर्क दिया था
प्रियांशी ने शुभांशु से पूछा- हमें टीचर होमवर्क देते है, क्या आपको प्रधानमंत्री ने होमवर्क दिया था। श्री शुभांशू ने उक्त जवाब देते हुए स्कूली बच्चों से प्रश्न पूछा कि टीचर आप को जो होमवर्क देते हैं उसे पूरा करते हैं क्या? उन्होंने कहा कि हमारे अच्छे के लिए देते हैं उसे अवश्य पूरा करें।
शुभांशु ने बच्चों से कहा कि भारत में यह अद्भुत समय है। हम अंतरिक्ष विज्ञान में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। यहां के बच्चों में भी प्रतिभा है। उन्होंने कहा कि वे आगे बढ़ें, मेहनत करें उन्हें आगे बढ़ने से कोई रोक नही सकता। भारत अभी गगनयान जैसे अनेक अंतरिक्ष अभियान संचालित करने की ओर है। हो सकता है कि इन्हीं स्कूलों बच्चों मे से कोई हमारे बीच रहे। इनमें से कोई बच्चा चन्द्रमा में भारत की ओर से कदम रखें। मेरी शुभकामनाएं……….
45 मिनट ही सो पाएंगे अंतरिक्ष में
आत्मानंद शहीद स्मारक स्कूल फाफाडीह नोमान अली ने प्रश्न पूछा कि ’जब आप अंतरिक्ष पर थे तो आप दिन और रात के बीच फर्क कर पा रहे थे या नहीं’
इस पर शुभांशु ने कहा कि मेरे जैसा कोई भी अन्य अंतरिक्ष यात्री जब स्पेस में होता है तो वह पृथ्वी के एक दिन में 16 चक्कर लगाता है। सूर्य को देखकर सोने की कोशिश करें तो वह 45 से 90 मिनट ही सो पाएगा। इसलिए हम जीएमटी के अनुसार अपनी समय सारिणी बनाते हैं। जिसमें समय पर उठना, खाना, रिसर्च करना और सोनाा इत्यादि होता है।
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