गरियाबंद जिला अस्पताल में पदस्थ सिविल सर्जन निलंबित, महिला डॉक्टर से प्रताड़ना और दुर्व्यवहार का आरोप

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :- गरियाबंद जिला अस्पताल में पदस्थ सिविल सर्जन को निलंबित कर दिया है। इस संबंध में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा आदेश जारी किया गया है। यह कार्यवाही मानसिक प्रताड़ना और दुर्व्यवहार के आरोप पर मिले जांच प्रतिवेदन के आधार पर की गई है।
दरअसल, गरियाबंद जिला अस्पताल में पदस्थ मुकेश हेला पर महिला डॉक्टर्स ने मानसिक प्रताड़ना और दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था। जिसके बाद जांच कमेटी बनाई गई थी। जांच कमेटी की प्रमुख जिला सीईओ रीता यादव ने रिपोर्ट 11 नवंबर को सौंप दी थी। जिसमें लगाए गए आरोपों की पुष्टि की गई थी। जिसके बाद विभाग ने निलंबन आदेश की कार्रवाई की है।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मंत्रालय के अवर सचिव मुकेश चौहान द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि डॉ. एम.के. हेला, सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक, जिला चिकित्सालय गरियाबंद द्वारा महिला चिकित्सा अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार किया गया है। उनके द्वारा जिन शब्दों का प्रयोग किया गया है, वह अभद्रता की श्रेणी में आता है। उक्त कृत्य कदाचरण की परिश्रेणी में आता है जो छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के सर्वथा विपरीत हैं। अतः परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए उन्हे तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।
नाराज थे कलेक्टर और विधायक
विधायक रोहित साहू और कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने अलग-अलग समय पर जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया था। सिविल सर्जन इस निरीक्षण में अस्पताल से अनुपस्थित मिले थे, जिसके चलते अफसर व जनप्रतिनिधियों ने भी नाराजगी व्यक्त की थी।
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