सरकार की छवि धूमिल कर रहा है डीपीआई, शिक्षकों को परेशान करने का बन गया है अड्डा – संयुक्त शिक्षक संघ

ऑनलाइन अवकाश स्वीकृत अव्यवहारिक, शिक्षकों की समस्याओं से नही है सरोकार

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :- छत्तीसगढ़ सरकार में शिक्षा विभाग सबसे बड़ा विभाग है और इस विभाग में सबसे अधिक कर्मचारी है जिसमें शिक्षक की एक बड़ी संख्या जो सरकार के कर्मचारी होने के साथ ही राज्य की जनता भी है। शिक्षा विभाग को धरातल पर संचालित करने वाला लोक शिक्षण संचालनालय डीपीआई को शिक्षकों की समस्याओं, उनके कार्यों के प्रगति, उनके हक और अधिकारों से कोई मतलब नहीं रह गया है , बल्कि इसके उलट आए दिन अव्यावहारिक और शिक्षकों को परेशान करने वाले तुगलगी फरमान जारी किए जा रहे हैं। ऐसा कहना है छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त संघ का । 

संघ के प्रांताध्यक्ष केदार जैन ने आगे कहा कि सभी विभाग चाहता है कि उसको विभाग की समस्याओं और कमियों का पता चले जिसका निराकरण किया सके लेकिन डीपीआई एक ऐसा कार्यालय है जिसे शिक्षा विभाग और शिक्षकों की समस्याएं जानना ही नहीं, बल्कि समस्याओं को लेकर कार्यालय में आने से अपने तुगलगी फरमान के जरिए रोका जा रहा है। डीपीआई अपने इस कार्य व्यवहार से सरकार की छवि को धूमिल कर शिक्षकों के मन में सरकार के खिलाफ नकारात्मकता का उपज करने में लगा हुआ।

ऑनलाइन अवकाश स्वीकृती अव्यवहारिक

डीपीआई स्तर पर वर्षों से व्याख्याता और प्राचार्य पदोन्नति लंबित है यहां तक वरिष्ठता सूची को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है जबकि जिला और संभाग स्तर पर दो-दो बार सहायक शिक्षकों की पदोन्नति हो गई है। शिक्षकों का अवकाश लेखा ऑनलाइन करते हुए ऑनलाइन अवकाश स्वीकृत की पद्धति लागू की गई है जो की आधे अधूरे स्थिति में है और ऐसा लगता है कि इसे सिर्फ शिक्षकों को परेशान करने के लिए ही किया गया।

जिसमें आकस्मिक जैसे अवकाश को जो अचानक काम पड़ने पर हर कर्मचारी को लेने का अधिकार है, उसे अवकाश में जाने के पूर्व स्वीकृति करने के बाद ही अवकाश पर रहने की बात कहीं गई है। एडुपोर्टल के माध्यम से अवकाश की व्यवस्था पूरी तरह से अपूर्ण है जिला, संभाग और डीडीओ स्तर पर अलग-अलग तरीके से अवकाश की गणना की गई है। इससे निश्चित तौर पर शिक्षक परेशान होंगे। दूसरे विभाग में यह लागू नहीं हुआ है सिर्फ शिक्षा विभाग में ही इसे लागू करना समझ से परे है। ऑनलाइन स्थिति में उपस्थिति के साथ अवकाश स्वीकृत एक सिस्टम से होना होता है तभी सफल रहता है। उपस्थित ऑफलाइन और अवकाश ऑनलाइन यह पूरी तरह से अव्यावहारिक और परेशान करने का तरीका है।

मुख्यमंत्री से मिलकर सौंपेगें ज्ञापन

शिक्षकों के पदोन्नति सहित अवकाश स्वीकृत, सेवा पुस्तिका संधारण एवं सत्यापन, एरियर्स राशि का भुगतान, परीक्षा अनुमति आदि लंबित है जिससे डीपीआई को कोई सरोकार नहीं है संघ के प्रांताध्यक्ष केदार जैन सहित प्रांतीय पदाधिकारी श्रीमती ममता खालसा, ओमप्रकाश बघेल, अर्जुन रत्नाकर, गिरजा शंकर शुक्ला, माया सिंह, सोहन यादव, नरोत्तम चौधरी, रूपानंद पटेल, ताराचंद जयसवाल, विजय राव आदि ने डीपीआई द्वारा शिक्षकों के समस्याओं को लेकर कार्यालय में मिलने से रोके जाने या पूर्व अनुमति के आदेश को तत्काल निरस्त करने, ऑनलाइन अवकाश सुकृति को रोक लगाने, व्याख्याता एवं प्राचार्य की शीघ्र पदोन्नति करने सहित शिक्षकों की समस्याओं को विकासखंड स्तर पर कैंप लगाकर समाधान करने का मांग किया है ।

उपरोक्त सभी बातों को लेकर शीघ्र ही संघ का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मिलकर विस्तृत रूप से उनको अवगत कराकर ज्ञापन सौंपेगा और उचित कार्यवाही की मांग करेगा यह जानकारी संघ के मीडिया प्रभारी अमित दुबे द्वारा प्रदान किया गया।

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