अन्नदाता बन रहे शोषण का शिकार: KYC के नाम पर किसानों से 120 रुपए तक की लूट, कर्मचारियों पर संरक्षण का आरोप
बैंक मैनेजर ने जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ा

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) किशन सिन्हा:- देश का अन्नदाता किसान जो दिन-रात मेहनत करके खेतों में अनाज उगाता है। आज भी उसे सरकारी और बैंकिंग व्यवस्था की पेचीदगियों में उलझाकर शोषण किया जा रहा है। किसान जो स्वभाव से सरल और अधिकतर ग्रामीण इलाकों का निवासी है। अक्सर कम पढ़ा-लिखा होता है। जिसके चलते उसके लिए अंग्रेजी जैसे कठिन बैंकिंग शब्दों, नियमों और कागजी कार्रवाई को समझना एक बड़ी चुनौती होती है।
ऐसे में उनकी मदद के लिए बैंकों में बैंक मित्र बनाए गए हैं, ताकि किसान को भटकना न पड़े, लेकिन जब बैंक मित्र ही किसानों को लूटने लगे तो परेशानी और गहरा जाती है। एक ओर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसान सम्मान निधि देकर किसानों की मदद कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ केवाईसी के नाम पर बैंकों में खुली लूट हो रही है। किसानों से 100 से 120रुपए की वसूली की जा रही है, इसको लेकर किसान परेशान हैं।
बैंक के बाहर सेवा का नहीं, वसूली का नाटक
ब्लाक मुख्यालय छुरा में स्थित जिला सहकारी बैंक में ऐसा ही मामला सामने आया है। क्षेत्र के डांगनबाय गांव का एक किसान जब अपना केवाईसी आईडी अपडेट कराने बैंक पहुंचा तो उसे बताया गया कि फॉर्म बाहर से भरना पड़ेगा। बैंक के ठीक सामने मंच पर एक युवती बैठी थी जो केवाईसी फॉर्म भरने के एवज में 100 से 120 रुपए ले रही थी।
किसानों के मुताबिक उनके जैसे कई किसान हैं जो मजबूरी में वहां पैसे देकर अपना काम करवा रहे थे क्योंकि बिना फॉर्म भरे काम नहीं हो सकता था।
मीडिया के पहुंचने पर मामला प्रकाश में आया

इस मामले की जानकारी जैसे ही मीडिया को लगी तो मीडियाकर्मी तत्काल मौके पर पहुंचे। मंच के पास बैठी युवती किसानों से केवाईसी फॉर्म भरने के एवज में पैसे ले रही थी। जब हमारे प्रतिनिधि ने उनसे पूछा कि क्या वह बैंक कर्मचारी हैं, तो उन्होंने कर्मचारी होने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वह सिर्फ किसानों का फॉर्म भरकर उनकी सेवा कर रही हैं। फॉर्म भरने में समय लगता है, किसान खुद ही पैसे देते हैं।
बैंक प्रबंधन ने शिकायत से पल्ला झाड़ा
जब किसानों ने शाखा प्रबंधक से इस अवैध वसूली की शिकायत की, तो उन्होंने पूरी अनभिज्ञता जताते हुए जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया। बैंक प्रबंधक ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है, किसानों ने आवेदन किया है, हम इसकी जांच कराएंगे। जब बैंक मित्र के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि यहां स्टाफ की कमी है।
लंबे समय से चल रहा लूट का खेल
किसानों का कहना है कि फॉर्म भरवाकर किसानों से लूट का यह खेल लंबे समय से चल रहा है। यह वसूली खुलेआम बैंक के सामने होती है और बैंक कर्मचारियों को इसकी जानकारी न हो, यह संभव नहीं है। किसानों का कहना है कि बैंक कर्मचारी के संरक्षण में यह लूट चल रही है, क्योंकि उनके निर्देश पर ही हम बाहर जाकर फॉर्म भरवाते हैं।
किसानों का गुस्सा फूटा

किसानों ने साफ शब्दों में कहा है कि अब यह लूट नहीं चलेगी। अगर जल्द ही इस पर रोक नहीं लगाई गई तो हम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर सख्त कार्रवाई की मांग करेंगे।
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