मिनीमाता राज्य अलंकरण से सम्मानित लोक कलाकार का निधन, कला जगत मे शोक

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :- छत्तीसगढ़ की लोक कलाकार अमृता बारले अब इस दुनिया में नही रही। उन्होंने 65 साल की उम्र में अंतिम सांसे ली। आपको बता दें, अमृता बारले मिनीमाता राज्य अलंकरण सम्मान से राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित राष्ट्रीय ख्यातिलब्ध भरथरी एवं पंथी कलाकार थी।

अमृता बारले का जन्म सन् 2 मई 1958 में छत्तीसगढ़ के ग्राम- बठेना, वि.ख. पाटन, जिला दुर्ग में हुआ था। अमृता बारले के द्वारा छत्तीसगढ़ के ग्राम बठेना (दुर्ग) से 9 वर्ष की उम्र में सन् 1970 से 2023 तक कला यात्रा रही है। अमृता बारले की तबियत बीते कुछ दिनों से खराब थी। इस वजह से उन्हें शंकराचार्य हॉस्पिटल जुनवानी, भिलाई के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। वहां वो जिंदगी और मौत से लड़ रहीं थी।

अंततः अमृता बारले का 12 अक्टूबर 2023 को शाम 4 बजे निधन हो गया। आज पूर्वान्ह 12 बजे तक पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन हेतु उनके निज निवास आशीष नगर भिलाई में रखा जाएगा। उसके बाद 12 बजे से उनके निवास स्थल सड़क नंबर 3 सी आशीष नगर रिसाली, से रिसाली मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार होगा।

लोक गीत से अमृता बारले की आवाज लोगों का छू लेती है दिल

छत्तीसगढ़ के मशहूर वरिष्ठ लोक गायक बैतल राम साहू के साथ प्रमुख लोक गीत , तोला बंदत हंव बाबा, जय सतनाम चंदैनी तर्ज, कइसे करों मैं मया के बखान । मैं तो जीयत हांवों जोड़ी मोर तोरे च खातिर , मोर बासी के खवाइया कहां गए रे , इनका प्रसिद्ध गीत आज भी लोगों के दिल को छू लेती है।

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