महिलाओं के आजीविका संवर्धन का उत्सव : क्षेत्रीय सरस मेला 2025 का भव्य शुभारंभ, 18 अक्टूबर तक होगा आयोजित

मेले में छत्तीसगढ़ के सभी जिलों के साथ-साथ आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, गोवा, कश्मीर, मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों के स्व-सहायता समूह भी भाग ले रहे हैं।

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– स्व-सहायता समूहों की महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करने और उनके उत्पादों के प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से क्षेत्रीय सरस मेला 2025 का आयोजन साइंस कॉलेज मैदान, रायपुर में किया जा रहा है। यह मेला 18 अक्टूबर 2025 तक चलेगा।

इसका शुभारंभ जिले के प्रभारी मंत्री एवं वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप तथा उच्च शिक्षा एवं राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने किया। मुख्य अतिथि केदार कश्यप ने अपने संबोधन में कहा कि क्षेत्रीय सरस मेला 2025 हमारे प्रदेश सहित देश की महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक सराहनीय पहल है। उन्होंने कहा कि यह वर्ष हमारे प्रदेश की रजत जयंती वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है और इन 25 वर्षों में छत्तीसगढ़ ने विकास के कई आयामों को छुआ है। राज्य सरकार महिलाओं के आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण के लिए निरंतर कार्य कर रही है।

लोकल फॉर वोकल

श्री कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश आर्थिक रूप से सशक्त हुआ है। हमें लोकल फॉर वोकल की दिशा में आगे बढ़ते हुए स्व-सहायता समूहों की बहनों द्वारा निर्मित उत्पादों का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने शासन की लखपति दीदी एवं ड्रोन दीदी जैसी योजनाओं का भी उल्लेख किया।

उच्च शिक्षा एवं राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि हमारा देश और प्रदेश आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर है, और क्षेत्रीय सरस मेला इसका सशक्त उदाहरण है। इस मेले में 202 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें प्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों के स्व-सहायता समूहों ने अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार संस्कृति को बढ़ावा देने तथा ग्रामीण अंचलों तक सभी मूलभूत सुविधाएं पहुँचाने के लिए सतत कार्यरत है।

विभिन्न उत्पाद प्रदर्शित एवं विक्रय किए जा रहे

एनआरएलएम (राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन) के साथ-साथ छत्तीसगढ़ ग्रामोद्योग विभाग के 15 स्टॉल, नाबार्ड तथा जिला उद्योग एवं व्यापार केंद्र को भी स्टॉल आवंटित किए गए हैं। मेले में विभिन्न राज्यों और जिलों के हस्तशिल्प, माटीकला, बांस शिल्प, बेलमेटल, पैरा आर्ट, टेराकोटा, नारियल व जूट उत्पाद, सवई घास व गोबर उत्पाद, कोसा साड़ी, मोमबत्तियाँ, अचार और अन्य खाद्य उत्पाद प्रदर्शित एवं विक्रय किए जा रहे हैं।

यह आयोजन स्व-सहायता समूहों की महिलाओं के लिए अपने उत्पादों के विपणन, कौशल विकास और आयवृद्धि का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान कर रहा है, जिससे उनकी आत्मनिर्भरता और आजीविका संवर्धन के प्रयासों को नई दिशा मिल रही है।

मेले में कुल 202 स्टॉल स्व-सहायता समूहों के उत्पादों के लिए तथा 16 फूड स्टॉल स्थापित किए गए हैं, जहाँ आगंतुकों को विभिन्न राज्यों के पारंपरिक व्यंजन और हस्तशिल्प देखने व खरीदने का अवसर मिल रहा है। इस मेले में छत्तीसगढ़ के सभी जिलों के साथ-साथ आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, गोवा, कश्मीर, मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के स्व-सहायता समूह भी भाग ले रहे हैं।

इस अवसर पर विधायक सुनील सोनी, जिला पंचायत अध्यक्ष नवीन अग्रवाल, जिला पंचायत उपाध्यक्ष संदीप यदु, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव भीम सिंह, कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह, जिला पंचायत सीईओ कुमार बिश्वरंजन, एनआरएलएम के मिशन संचालक अश्विनी देवांगन सहित अनेक जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित रहे।

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