BREAKING: चंपारण पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री शाह, वल्लभाचार्य मंदिर और चम्पेश्वर महादेव दर्शन कर की पूजा अर्चना, नवागांव हेलीपेड में भाजपा नेताओं ने किया स्वागत

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ के तीन दिवसीय प्रवास पर राजधानी रायपुर पहुंचे है। वे कल रात 23 अगस्त की रात्रि 10 बजे विशेष विमान से रायपुर पहुंचे। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्वामी विवेकानंद विमानतल पर उनका आत्मीय स्वागत किया ।
स्वागत के दौरान उप मुख्यमंत्री अरूण साव और विजय शर्मा, केंद्रीय आवास एवम शहरी विकास राज्य मंत्री तोखन साहू सहित छत्तीसगढ़ मंत्री परिषद के सदस्यगण, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा तथा वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज सुबह 24 अगस्त को चंपारण पहुंचे। उन्होंने महाप्रभु श्री वल्लभाचार्य के दर्शन कर चरणपादुका पूजन किया इसके बाद चंपेश्वर महादेव में पूजा-अर्चना की। उनके साथ सीएम साय और डिप्टी सीएम शर्मा] सांसद बृजमोहन अग्रवाल भी मौजूद रहे।

इसके पूर्व केन्द्रीय गृह मंत्री शाह का हैलीपेड में सांसद रायपुर लोकसभा बृजमोहन अग्रवाल, विधायक इंद्र कुमार साहू और रोहित साहू, पूर्व सांसद महासमुंद चंदूलाल साहू, पूर्व विधायक संतोष उपाध्याय, संभाग आयुक्त महादेव कांवरे सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण ने स्वागत किया।
देशभर में कृष्ण भक्ति की जगाई अलख
चंपारण में महाप्रभु वल्लभाचार्य आश्रम पहुंचने पर केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह का परम्परागत ढंग से स्वागत किया गया। इस मौके पर द्वारिकेश लाल महाराज द्वारा उन्हें महाप्रभु वल्लभाचार्य जी की प्रतिमा भेंट की गई। वल्लभाचार्य निधि ट्रस्ट की ओर से भी उनका स्वागत किया गया तथा हरीश बाबरिया और मोनल बाबरिया द्वारा उन्हें श्रीनाथ जी का चित्र भेंट किया गया।
छत्तीसगढ़ में महाप्रभु वल्लभाचार्य जी के जन्मस्थली चंपारण में देशभर से पुष्टिमार्ग के अनुयायी जुटते हैं। बनारस-दक्षिण प्रवास के दौरान वल्लभाचार्य जी की माता को प्रसव पीड़ा हुई और चंपारण में चम्पेश्वर महादेव मंदिर के निकट उन्होंने बालक को जन्म दिया। वल्लभाचार्य जी ने पुष्टि मार्ग का प्रवर्तन किया और देशभर में कृष्ण भक्ति की अलख जगाई।
पंचकोशी परिक्रमा में शामिल धाम
भारत में हमेशा से उत्तर से दक्षिण भारत की ओर तथा दक्षिण भारत से उत्तर की ओर तीर्थ यात्रा की परंपरा रही है और यह तीर्थ यात्रा महानदी के बहुत से तीर्थ स्थलों के निकट से गुजरती है। चंपारण की कहानी अपने आप में भारत की विशिष्ट सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाती है। उसके साथ ही यह महाप्रभु वल्लभाचार्य एवं भक्ति आंदोलन के आचार्यों की सुंदर परंपरा को भी दर्शाती है जिन्होंने सनातन परंपरा के मूल्यों को संजोया और कृष्ण भक्ति की अलख जगाई।
चौरासी वैष्णवों की वार्ता तथा वल्लभ दिग्विजय जैसे ग्रंथों में महाप्रभु के बचपन और उनकी सुंदर स्मृतियां दर्ज हैं। चंपारण, त्रिवेणी संगम राजिम के निकट है राजिम में भगवान श्री राजीव लोचन विराजित हैं। यह पदम क्षेत्र कहा जाता है। इस पद्म क्षेत्र के चारों ओर पंचकोसी परिक्रमा होती है। इस पंचकोसी परिक्रमा में श्रद्धालु हिस्सा लेते हुए चम्पेश्वर महादेव में जल अर्पित करते हैं।
इस मौके पर सर्व गुजराती समाज के अध्यक्ष प्रितेश गांधी पदीय, वल्लभाचार्य ट्रस्ट के अध्यक्ष चेतन अधिया, वल्लभाचार्य ट्रस्ट के सदस्य वल्लभ अधिया, गुजराती समाज के पदाधिकारी हरीश कुमार बाबरिया, पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू, अपैक्स बैंक पूर्व अध्यक्ष अशोेक बजाज और चंपारण के सरपंच सहित अनेक जनप्रतिधि और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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