अफसरों की लापरवाही: महानदी के घाटों से निकल रहा रोजाना अवैध रेत, ग्रामीण हुए लामबंद तुड़वाया रैम

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– नवापारा राजिम क्षेत्र में रेत घाटों की बाढ़ सी आ गई है। एक अवैध घाट पर कार्रवाही हुई तो दूसरा घाट चालू या कार्रवाही होते ही कुछ ही घंटों में दूसरी मशीन मंगवा कर फिर से काला कारोबार चालू। चेन माउंटेन से चौबीसो घंटे धडल्ले से रेत का अवैध खनन हो रहा है। जिसके बाद अंदरूनी इलाके और छोटी बस्तियों से निकालकर रेत से भरे हाईवा को पकड़े जाने के डर से तेज रफ्तार दौड़ते हुए छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों में भी बगैर किसी वैध दस्तावेज के पहुंचाए जा रहे है।
इस रेत के अवैध खनन में माइनिंग और एनजीटी के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। कुछ लोग पैसे बटोरने के चक्कर में नदियों का हाल बद से बदतर करते जा रहे है। कुछ अफसर कार्रवाई भी करने फील्ड पर उतरते हैं तो उन पर सिंडीकेटों द्वारा राजनीतिक पहुंच दिखाकर नकेल कस दिया जाता है या कहीं अधिकारी ही ढीले पड़ जाते है। कुछ दिनों पहले सिंधौरी, चौबेबांधा रेत घाट में कार्रवाई हुई थी परन्तु कार्रवाई के बाद भी खनन और परिवहन बेखौफ जारी है। ऐसे ही पितईबंद घाट में रायपुर और गरियाबंद जिले के खनिज विभाग ने संयुक्त कार्रवाई की थी परन्तु ठोस कार्रवाई के अभाव में घाट पुनः प्रारंभ हो गए। कुल मिलाकर ये रेत के अवैध कारोबारी शासन-प्रशासन को यही संदेश दे रहे कि कुछ भी कर लो हम नहीं सुधरेंगे।
ग्रामीण हुए लामबंद तुड़वाया रैम
मिली जानकारी के अनुसार गरियाबंद जिले में एक भी रेत घाट वैध नहीं है। परन्तु राजिम क्षेत्र में ही आठ से दस अवैध रेत घाट रेत माफियाओं द्वारा संचालित किया जा रहा है। इसी तहत राजिम क्षेत्र के ग्राम पितईबंद में भी धड़ल्ले से अवैध रेत का उत्खनन हो रहा है। जिस पर कार्रवाही तो हुई थी लेकिन कुछ ही घंटे बाद फिर से यह कारोबार चालू हो गया।
पितईबंद के इस रेत घाट को बंद कराने अब ग्रामीण लामबंद हो गए है। ग्रामीणों ने अवैध रेत घाट को बंद कराने राजिम SDM और तहसीलदार को आवेदन सौंपा। जिसके बाद SDM के निर्देश पर राजस्व विभाग की टीम गाँव पहुंची। और नदी पर बने रैम को काटा गया। मौके पर पटवारी विकाश ठाकुर के साथ कोटवार प्रतिनिधि टुकेश नगारची, सरपंच गोदावरी सहदेव बंजारे, ग्रामीण अध्यक्ष इतवारी मार्कण्डेय, उप सरपंच शेखर बंजारे, पंच सहित ग्रामीण उपस्थित थे।
शासन को करोड़ों रुपए का नुकशान

वैसे इस कार्यवाही के कुछ ही घंटों बाद इन घाटों पर फिर से रेत का अवैध कारोबार चालू हो जाएगा। क्योंकि रेत माफिया और खनिज विभाग के अधिकारीयों की आपसी सांठ गांठ की जानकारी सूत्रों से मिली है। आपसी सांठ गांठ कर ये मोटी रकम लेकर अपनी जेबें भर रहे हैं और शासन को करोड़ों रुपए के राजस्व की क्षति पहुंचा रहे हैं। खनिज विभाग के अधिकारी घाटों में कार्रवाई करने का स्वांग रचते हैं और रेत माफियाओं से मोटा चढ़ावा लेकर कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति कर अपनी पीठ थपथपा कर सिर्फ कागजी कार्रवाई कर मामले को रफा दफा कर देते हैं।
स्थिति तो ऐसी भी है कि कई कार्रवाई का विवरण मीडिया को भी उपलब्ध नहीं कराया जाता, क्योंकि मीडिया में खबरें प्रकाशित हो जाने से अधिकारियों को चढ़ावा मिलना बंद हो जाएगा। कार्रवाई में शामिल अधिकतर अधिकारी मीडियाकर्मीयों के फोन उठाने से परहेज करते हैं।
छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज से जुड़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
https://chat.whatsapp.com/HEADRQ8Pq7N8imBgVZ1X8p