पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड: एसआईटी का गठन, तीन आरोपी हिरासत में, अवैध निर्माण पर चला बुलडोजर

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :- पत्रकार मुकेश चंद्राकर का शव शुक्रवार देर शाम ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के बैडमिंटन कोर्ट के पास बने टैंक के अंदर से मिला है। हत्या के बाद शव को छुपाने के लिए उस टैंक को फिर से प्लास्टर कर पूरी तरह से पैक कर दिया गया था। टैंक तुड़वाने और उसे खाली करवाने में पुलिस को तीन घंटे लगे। पुलिस ने अनुसार पत्रकार की कुल्हाड़ी मारकर हत्या की गई है। बताया जा रहा है कि जिस ठेकेदार सुरेश के टैंक से शव मिला है उसके खिलाफ कुछ दिन पहले मुकेश ने खबर चलाई थी।

माना जा रहा है कि हत्या के पीछे इसी ठेकेदार का हाथ है। घटना के विरोध में आज शनिवार को बीजापुर को बंद किया गया था। पत्रकारों ने नेशनल हाइवे पर बैठकर सुबह से चक्काजाम कर दिया। पत्रकारों ने मांग की है कि आरोपियों की संपत्ति जब्त कर सरकारी संपत्ति घोषित करें। आरोपियों को गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। अंतिम यात्रा के दौरान सभी की आंखें नम रही। सभी इस हत्याकांड को लेकर बेहद आक्रोशित दिखे।

तीन आरोपी गिरफ्तार
इस मामले में रितेश चंद्राकर को रायपुर एयरपोर्ट से पकड़ा गया वहीं महेंद्र रामटेके सुपरवाइजर और दिनेश चंद्राकर को बीजापुर से गिरफ्तार किया गया। मामले में मुख्य आरोपी ठेकेदार सुरेश अब भी फरार है। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमों का गठन किया गया है, जो संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही हैं।

पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज सुंदरराज पी द्वारा पत्रकार मुकेश चंद्रकार की हत्या के मामले की विवेचना के लिए आईपीएस मयंक गुर्जर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बीजापुर के नेतृत्व में 11 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया है। मुकेश चंद्रकार की हत्या के मामले में बीजापुर थाना में अपराध पंजीबद्ध किया गया है।
एसआईटी का गठन
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की नृशंस हत्या की घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इस हत्याकांड में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के निर्देश दिए गए हैं। हमारी सरकार अपराधियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाएगी और पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था को बनाए रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ बताते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पत्रकारों की स्वतंत्रता और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार का दायित्व है।

मामले की गंभीरता को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आईपीएस मयंक गुर्जर के नेतृत्व में 11 सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। फारेंसिक टीम साइंटिफिक और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर घटना की जांच कर रही है। अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और उनके द्वारा किए गए अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया है।
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