चांद को देख सुहागिनों ने तोड़ा व्रत : पर्व को लेकर नवविवाहिताओ में दिखा खासा उत्साह
(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) नवापारा :- नगर सहित अंचल में करवा चौथ के पर्व पर सुबह से सुहागिन महिलाओं ने निर्जला व्रत रखा। बुधवार को करवा चौथ का त्योहार परंपरागत तरीके से भक्तिभाव पूर्वक मनाया गया। सुहागिनों ने सजधज कर आस पड़ोस की महिलाओं के साथ एकत्र हो सामूहिक रूप से करवाचौथ की कथा सुनीं और पति के दीर्घायु होने की कामना कर देर शाम छलनी में चंद्र दर्शन के बाद पति के हाथों उपवास तोड़ा।
इस दौरान जगह-जगह पूजा पाठ किया गया । घरों में पकवान भी बने। इस मौके पर मंदिरों में भी सुबह से भीड देखने को मिला। नवापारा के वार्ड क्र. 16 राम जानकी मंदिर में करवा चौथ के पावन पर्व पर सुहागिन महिलाओं ने अपनी सुहाग के लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का पूजा राम जानकी मंदिर की गई। पं. परमेश्वर मिश्रा के मंत्रोच्चारण के साथ महिलाओं ने पूर्जा अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना की।
नवविवाहिताओ में दिखा खासा उत्साह
करवा चौथ को लेकर अधिकांश महिलाओं के अलावा पहली बार व्रत रखने वाली नवविवाहिताओं में इस पर्व को लेकर खासा उत्साह दिखा। करवा चौथ का व्रत रखने वाली सुहागिनें अलग ही नजर आई। श्रृंगार के साथ दूल्हन की तरह तैयार रही। दिनभर इनका समय पूजा-अर्चना में बीता, करवा चौथ उद्यापन में महिलाओं ने कथा सुनी।
वैसे करवाचौथ का व्रत हर समाजिक लोगों द्वारा द्वारा अलग-अलग ढंग से मनाया जाता है। कुछ समाज की महिलाएं छलनी से चंद्र को देखती हैं और उसके बाद पति के हाथों जल ग्रहण कर व्रत छोड़ती हैं। कई सुहागिनें सरगी में दीपक जलाकर चंद्रदेव की पूजा करती हैं और व्रत छोड़ती हैं। सभी महिलाएं इस व्रत को अखंड सौभाग्य के लिए रखती हैं। करवा चौथ में सरगी का काफी महत्व हैं। सरगी सास की तरफ से बहू को दिया जाने वाला उपहार है।
जानकारों के अनुसार चन्द्रमा की प्रसन्नता का अर्थ है, स्वयं प्रजापिता ब्रह्मा का प्रसन्न होना। इस दिन गणेश की पूजा परिवार की बुद्धि निर्मल कर देती है और चन्द्रमा शक्ति प्रदान करते हैं। मां पार्वती सभी व्रतधारी महिलाओं को सदा सुहागन होने का वरदान देती हैं।
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