फिंगेश्वर विकासखण्ड की लखपति दीदी: राष्ट्रीय कार्यशाला में सुनाया अपने लखपति बनने तक का सफर
राजधानी रायपुर में लखपति महिला पहल पर राष्ट्रीय कार्यशाला में जिले की लखपति दीदी ऐमिन साहू ने सुनाया अपने लखपति बनने तक का सफर

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार अंतर्गत दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा लखपति दीदी बनाने की दिशा में विषय पर तीन दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला के अंतिम दिवस 11 जुलाई 2025 को राजधानी रायपुर में प्रदेश भर की चयनित लखपति दीदियों ने अपने संघर्ष, मेहनत व आजीविका से आत्मनिर्भर बनाने की कहानियों, परिचर्चा सत्र का आयोजन हुआ।
उल्लेखनीय है कि कार्यशाला का शुभारंभ ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव शैलेष कुमार, सूक्ष्म व लघु उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव एस. सी. एल. दास द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया था।सत्र में मिशन संचालक जयश्री जैन ने एमीन साहू, लखपति दीदी की कहानी सुन कार्याे व प्रयासों की सराहना की गई। अन्य राज्यों के प्रतिनिधि गण लगातार तालियां बजाकर एमीन साहू का उत्साहवर्धन करते रहे।
एमीन दीदी ने बताया कैसे एक छोटी सी गुमटी से आज बिहान कैंटीन चला रही है। वर्तमान में प्रतिमाह 30 से 40 हज़ार कमा ले रही है। आज की स्थिति में प्रशिक्षणों की सहायता से दीदी विभिन्न प्रकार के अचार जैसे- आम, करौन्दा, नींबू, कटहल, जीमिकान्दा आदि, पापड़, बड़ी फिनाईल, धूपबत्ती बना रही हैं। दीदी के द्वारा अपने उत्पादों की पैकिंग कर गाँव स्तर पर, समूह बैठकों में ग्राम संगठन, कलस्टर बैठकों में, मेलों में स्टाल लगाकर, दुकनों में अपने उत्पादों का विक्रय किया जाता है। जिससे की उनकी वार्षिक आय 3 लाख रूपये से 4 लाख रूपये तक हो चुकी हैं।
राजिम में आउटलेट की शुरूआत
ऐमीन साहू जिला गरियाबंद, विकासखण्ड फिंगेश्वर ग्राम पंचायत तर्रा में निवासरत है। एमीन साहू समूह में जुड़ने से पहले केवल एक गृहिणी के तौर पर परंम्परागत खेती-बाड़ी कर रही थी, जिससे उनकी आय सीमित थी। उक्त कार्य में अपने परिवार के सदस्यों की सहायता करती थी। समूह के माध्यम से अन्य दीदीयों के साथ राशि बचत कर अपनी आवश्यकता को पूरा करने एवं अपनी आय को बढ़ाने हेतु समूह से जुड़ी।
बिहान में महिला लखपति पहल के तहत इनका चिन्हांकन हुआ। इसके द्वारा सभी उत्पादों हेतु राजिम में एक आउटलेट की शुरूआत की गई है। साथ ही इनके द्वारा छ.ग. की पारम्परिक खान-पान जैसे- चीला, फरा, ठेठरी, खुर्मी, गुजिया, बड़ा एवं छ.ग. व्यंजन के स्टाल भी लगाया गया। बिहान के सहयोग से इन्हे भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक का लाइसेंस भी दिलवाया गया।
अनेकों जगह छत्तीसगढ़ी व्यंजन का लगाया स्टाल
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा राष्ट्रीय स्तर गुड़गांव, दिल्ली में आयोजित सरस मेला में फूड जोन हेतु इनका चयन हुआ। सरस मेला अंतर्गत गुरूग्राम, दिल्ली में छत्तीसगढ़ी व्यंजन का स्टाल लगाया गया, जहाँ उनके व्यंजनों को सराहा गया। साथ ही दीदी के द्वारा 15 दिवस के आयोजन में कुल 1 लाख 85 हजार रूपये का विक्रय किया गया। एमिन दीदी के साथ उन्ही के समूह की चार अन्य दीदीयां प्रेमीन गायकवाड़, खेमीन साहू, भुमिका साहू, केवरा साहू भी समूह के माध्यम से फुड जोन मे जुड़कर कार्य कर रही है। साथ ही जिला स्तर आयोजित सभी महत्वपूर्ण जिला स्तरीय आयोजन यथा- राज्योत्सव, आदिवासी गौरव दिवस अन्य कार्याे, महोत्सव इत्यादि में प्रतिभागिता की जाती है।
आयोजन जिसमे राष्ट्रीय मिशन प्रबंधन इकाई सहित देशभर के विभिन्न राज्य यथा मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, उत्तरखंड, तेलंगाना, जम्मू कश्मीर, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड इत्यादि राज्यो के अधिकारी व प्रतिनिधिगण उपस्थित थे। सत्र के अंत में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन संचालक श्रीमती जयश्री जैन ने एमिन साहू को सम्मानित भी किया।
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