जहरीले सांप के काटने से मां-बेटी की मौत, गांव में पसरा मातम, बारिश में जहरीले जीवों से सावधान रहने की जरूरत

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– बारिश शुरू होते ही जहरीले जीवों की संख्या बढ़ने लगी है, जो जानलेवा साबित हो रही है। ऐसी ही एक घटना सामने आई है जिसमें जहरीले सांप के काटने से मां-बेटी की मौत हो गई। घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव में भी मातम पसरा है। घटना बलौदा बाजार जिले के कसडोल थाना क्षेत्र की है।
जानकारी के अनुसार, ग्राम ठाकुरदिया निवासी सतवती पारदी (35) और उसकी बेटी देविका (9) घर में फर्श पर सो रही थीं। इसी दौरान एक जहरीले सांप ने दोनों को डस लिया। सांप के काटने के बाद दोनों की हालत बिगड़ने लगी। गंभीर हालत में परिजन दोनों को तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले गए। डॉक्टरों ने दोनों की हालत गंभीर बताई। कुछ ही देर में सीएचसी में देविका की मौत हो गई।
सतवती की हालत ज्यादा बिगड़ने पर उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया। वहां इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई। घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने दोनों का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया। एक ही रात में मां-बेटी दोनों की मौत से पूरा गांव शोक में डूबा है। गांव में मातम का माहौल है।
बरसात के मौसम में जहरीले जीवों से सावधान रहने की जरूरत
बता दें कि बरसात का मौसम शुरू होते ही पानी बढ़ने से सांप, बिच्छू और जहरीले कीड़ों का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में इन जहरीले सांपों और कीड़ों से सतर्क रहने की जरूरत है। डॉक्टर का कहना है, अगर आपके आसपास किसी को सांप, बिच्छू या कोई जहरीला कीड़ा काट ले तो उसे तुरंत नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं। डॉक्टरों का मानना है कि सभी सांप जहरीले नहीं होते। ज्यादातर मौतें सांप काटने के बाद घबराहट में होती हैं। वर्तमान में जहरीले सांप के काटने का भी इलाज उपलब्ध है। एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन से पीड़ित के शरीर से सांप का जहर कम किया जाता है।
ग्रामीण क्षेत्रों में सर्पदंश के ज्यादा मामले
सांप काटने पर झाड़-फूंक या बैगा-गुनिया के चक्कर में न पड़कर बिना देर किए निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में जाकर चिकित्सकीय सलाह लेना चाहिए। सांप काटने की घटनाएं ग्रामीण और वनांचल क्षेत्रों में अधिक होती है। बहुत से ग्रामीण जमीन पर सोते हैं। इससे उनके सर्पदंश के शिकार होने की आशंका और अधिक बढ़ जाती है। सर्पदंश से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार ग्रामीणों को बारिश के मौसम में जमीन पर नहीं सोने और मच्छरदानी लगाकर सोने की सलाह दी जाती है।
क्या न करें
- बिना टार्च या रोशनी के अंधेरे स्थान पर न जाएं।
- घरों के आसपास झाड़-झंखाड़ न जमने दें।
- मिट्टी की गगरी या ऐसे बर्तनों के सहेजने से बचें।
- छोटे बच्चों को किसी बड़े की निगरानी में ही बाहर जाने दें।
- घरों में दिखने वाली बिलों को अनदेखा न करें।
क्या करें
- खाद्य पदार्थों व पीने के पानी को ढंककर रखें।
- घरों में समुचित प्रकाश की व्यवस्था रखें।
- घर में चूहे न रहने पाएं, इसके उपाय करें।
- बिस्तर को बिना ठीक से झाड़े न बिछाएं तथा मच्छरदानी का प्रयोग करें।
- जूता, चप्पल आदि को एक बार जमीन पर पटकने के बाद ही पहनें।
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