गरियाबंद में 10 लाख के इनामी दो हार्डकोर माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण, कई बड़े नक्सली वारदातों में रहे शामिल

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– गरियाबंद जिले में नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) के डीजीएन डिवीजन में सक्रिय एसडीके एरिया कमेटी सदस्य संतोष उर्फ लालपवन एवं सीनापाली एरिया कमेटी सदस्य मंजू उर्फ नंदे ने गरियाबंद पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। दोनों माओवादियों पर 5–5 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
पुलिस के अनुसार शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति, गरियाबंद पुलिस द्वारा चलाए जा रहे समर्पण अभियान, माओवादी संगठन की कमजोर पड़ती विचारधारा, जंगल जीवन की कठिनाइयों तथा पहले आत्मसमर्पण कर चुके साथियों के बेहतर जीवन से प्रभावित होकर दोनों ने हिंसा का रास्ता छोड़ समाज की मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया।
इन घटनाओं में रहे शामिल

आत्मसमर्पित माओवादी संतोष उर्फ लालपवन ग्राम-बण्डरपाली, थाना-आवापल्ली, जिला-बीजापुर का रहने वाला है। यह वर्ष 2005 से संगठन से जुड़ा था और डीजीएन डिवीजन सहित एसडीके एवं उदंती एरिया कमेटी में सक्रिय रहा। गरियाबंद क्षेत्र में सक्रिय रहते हुए वह कई गंभीर नक्सली घटनाओं में शामिल रहा, जिनमें मई 2018 में आमामोरा क्षेत्र में पुलिस पार्टी पर आईईडी ब्लास्ट कर दो जवानों की शहादत, अगस्त 2021 में देवझर-अमली क्षेत्र में तोड़फोड़ व आईईडी ब्लास्ट, सड़क पर पेड़ गिराकर बारूदी सुरंग लगाने, दिसंबर 2021 में पीपलखुंटा एनीकेट निर्माण में लगी गाड़ियों को आग लगाने जैसी घटनाएं प्रमुख हैं। इसके अलावा बेसराझर एवं मेटाल क्षेत्रों में हुई मुठभेड़ों में भी उसकी सक्रिय भूमिका रही, जिनमें कई शीर्ष माओवादी मारे गए।
वहीं मंजू उर्फ नंदे ग्राम-पेंटापाड, थाना-चिंतागुफा, जिला-सुकमा (छ.ग.) के रहने वाली है। यह वर्ष 2002 से माओवादी संगठन से जुड़ी थी और सीनापाली एरिया कमेटी की सदस्य के रूप में गरियाबंद–नुआपाडा सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय रही। वह 31 जुलाई 2023 को बेसराझर पहाड़ी मुठभेड़, जनवरी 2025 के काण्डसर मुठभेड़, मई 2024 के गरीबा मुठभेड़ तथा 11.09.2025 को ग्राम मेटाल के मुठभेड जिसमें सीसी-मनोज, एसजेडसी- प्रमोद उर्फ पाण्डु, ओडिसा स्टेट कमेटी सदस्य- विमल सहित कुल 10 माओवादियों के मारे जाने जैसे प्रमुख घटनाओं में शामिल रही।
पुलिस ने बताया कि आत्मसमर्पण कराने में गरियाबंद पुलिस के साथ एम-30, सीएएफ, कोबरा बटालियन एवं अन्य सुरक्षा बलों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
गरियाबंद पुलिस की अपील
गरियाबंद पुलिस अधीक्षक निखिल राखेचा ने जिले में सक्रिय शेष माओवादियों से अपील की है कि वे शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति का लाभ उठाते हुए किसी भी थाना, चौकी या सुरक्षा कैम्प में आत्मसमर्पण करें और शांतिपूर्ण, सम्मानजनक जीवन की ओर लौटें। आत्मसमर्पण से संबंधित जानकारी के लिए नक्सल सेल गरियाबंद के मोबाइल नंबर 94792-27805 पर संपर्क किया जा सकता है।
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