नवनियुक्त सहायक शिक्षक हो जाएंगे बेरोजगार, सरकार से की ये मांग, समर्थन में उतरे विधायक और शिक्षक संघ

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज):- पिछले 6 माह से बस्तर,सरगुजा के सुदूर, बीहड़ जंगलों के प्राथमिक स्कूलों में सेवाएं दे रहे नवनियुक्त साढ़े 4 हजार सहायक शिक्षक बेरोजगार होने जा रहे हैं। इनके बेरोजगार होने से इनके आश्रित कई हजार परिवारों के समक्ष जीवन यापन का संकट गहरा गया है। प्रशासनिक लापरवाही के परिणाम स्वरूप हाई कोर्ट ने इन शिक्षकों को 6 माह की नौकरी के बाद बाहर का रास्ता दिखा दिया है। सभी प्रभावितों ने शासन से अपनी नौकरी बचाने की गुहार लगाई है। इसी कड़ी में विभिन्न शिक्षक संघों ने भी मंत्रियों से मुलाक़ात तथा पत्राचार के माध्यम से नवनियुक्तों का समर्थन किया है।
सम्बन्धित मामले को गम्भीरता से लेते हुए महिला एवं बाल-विकास मंत्री लक्ष्मी रजवाड़े, जगदलपुर विधायक एवं प्रदेश अध्यक्ष किरण देव तथा सामरी विधायक उद्धेश्वरी पैकरा सहित अन्य विधायकों ने भी पत्राचार के माध्यम से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से उक्त मामले को संज्ञान में लेने हेतु निवेदन किया है।
ये है मामला
04 मई 2023 को DPI द्वारा शिक्षकभर्ती का विज्ञापन जारी किया जाता है, जिसमें स्पष्टतः सहायक शिक्षक के पद पर भी बीएड कोर्स को मान्य किया गया है।10 जून 2023 को परीक्षा आयोजित की गई तथा 2 जुलाई 2023 को परीक्षा का परिणाम तथा मेरिट लिस्ट जारी किया गया ।
NCTE के नियमों, प्रकाशित गजट के अनुसार ली थी भर्ती
NCTE 29 जून 2018 को एक गजट प्रस्तुत करती है जिसके आधार पर बीएड कोर्स को प्राथमिक शिक्षा हेतु मान्य किया जाता है। छत्तीसगढ़ के राजपत्र 2019 में भी इसे प्रकाशित किया जाता है। इसी के आधार पर ही 04 मई 2023 को DPI द्वारा शिक्षक भर्ती निकाली गई। जिसके अनुसार सहायक शिक्षक के पद पर बीएड धारी भी मान्य थे।
क्या है NCTE
NCTE एक ऐसी संस्था है तो शिक्षकों की योग्यता का निर्धारण करती है, ऐसी संस्था जिसमें स्कूल शिक्षा, साक्षरता विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, एन.सी.ई.आर.टी., सी.बी.एस. ई., नीति आयोग आदि प्रमुख संस्थाओं के शिक्षाविद शामिल हैं। देश भर तथा छत्तीसगढ़ के लाखों छात्रों ने इसी गजट के आधार पर अपनी जमापूँजी लगाकर बीएड का प्रशिक्षण प्राप्त किया।
साढ़े 4 हजार पद रिक्त होने पर उतने ही भरे जाएंगे
हर हाल में बीएड वालों को बाहर करने की ठान चुके डीएड धारी साढ़े हजार शिक्षकों के बाहर होने पर डेढ़ लाख डीएड वालों को फायदा मिलने की बात कर रहे हैं। जब साढ़े चार हजार पद रिक्त होंगे तो भर्ती भी उतनी ही संख्या की होगी। साल 2019 की शिक्षक भर्ती परीक्षा में बीएड व डीएड दोनों मान्य होने के बाद भी TET (शिक्षक पात्रता परीक्षा) पास न होने की वजह से सैकड़ों पद खाली रह गए थे, इस बार केवल डीएड को लिए जाने से पुनः पद खाली रह जाने की आशंका है।
बेरोजगार हो रहे सहायक शिक्षकों की सरकार से ये है मांग
- छत्तीसगढ़ शासन सुप्रीमकोर्ट में फ्रेश SLP दायर कर हम नवनियुक्तों के लिए स्थगन आदेश (Stay Order) की माँग करे।
- हाल ही में मध्यप्रदेश द्वारा दायर याचिक की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट द्वारा हर राज्य से बी.एड. के पक्ष में सहायक शिक्षक के रिक्त पदों तथा ब्रिज कोर्स की जानकारी माँगी गई थी। छत्तीसगढ़ राज्य में दिसम्बर 2023 की स्थिति में सहा. शिक्षक के 27200 पद रिक्त हैं, लिहाजा ब्रिज कोर्स अथवा विभागीय डी.एड. करवा कर नवनियुक्तों का पद सुरक्षित रखा जा सकता है।
- उच्च न्यायालय में WPS क्रमांक 3541 of 2023 में पुनर्विचार याचिका दायर कर हमारा पक्ष रखा जाए तथा पदमुक्ति की कार्यवाही को शिथिल किया जाए।
- हम बीएड प्रशिक्षित वर्ग 2 के लिए सभी आवश्यक अहर्ताएं रखते हैं, यदि सम्भव हो तो हमें वर्ग 2 में शिक्षक के पद पर नियुक्ति अथवा संलग्नीकरण अथवा समायोजन के द्वारा राहत प्रदान करें।
समर्थन में उतरे विभिन्न शिक्षक संघ
नवनियुक्त सहायक शिक्षकों को बेरोज़गार होने से बचाने के लिए विभिन्न शिक्षक संघ भी मैदान में उतर गए हैं, इनके प्रति सहानुभूति प्रकट करते हुए शालेय शिक्षक संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने जहाँ इन सहा. शिक्षकों को लेकर, वहीं छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने अपने संघ के प्रतिनिधियों को लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल से मुलाकात करके इनकी नौकरी बचाने की माँग की है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ, छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक संघ, छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ, छत्तीसगढ़ क्रांतिकारी शिक्षक संघ आदि संघों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय तथा स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल से पत्राचार के माध्यम से नवनियुक्तों का पद सुरक्षित रखने हेतु आवश्यक कार्यवाही किए जाने की माँग की है।
साल 2019 की शिक्षक भर्ती भी प्रभावित होने की आशंका
हाईकोर्ट के फैसले में यह स्पष्ट उल्लेख है कि दिनाँक 25/11/2021 के राजस्थान हाईकोर्ट के फ़ैसले को मानक मानकर शिक्षक भर्ती (2023) से लगभग 4500 बीएड प्रशिक्षित सहा.शिक्षकों को बाहर किया जा रहा है। अतः 2019 की शिक्षक भर्ती जो कि कोविड की वजह से 2022 में हुई थी, के बीएड प्रशिक्षित अभ्यर्थी जिनकी सँख्या लगभग 3500 है, भी प्रभावित हो सकते हैं।
देवेश शर्मा के सुप्रीम कोर्ट वाले मामले में जिसका फैसला 11 अगस्त 2023 को आया है, जिसे संज्ञान में लेते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के द्वारा प्राथमिक से बीएड प्रशिक्षितों को बाहर कर दिया गया है, इसी फ़ैसले के तहत NCTE के गजट ( 2010) की मिनिमम क्वालिफिकेशन (बीएड+टेट/डीएड+टेट) की अहर्ताएँ न रखने वाले हज़ारों शिक्षकों के प्रभावित होने की आशंका भी नज़र आ रही है। बता दे कि बिहार राज्य में पटना हाईकोर्ट ने इसी आधार पर 2011 से 2018 में उक्त अहर्ताएँ धारण न करने वाले शिक्षकों की पदमुक्ति का आदेश दे दिया था।
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