ब्रेकिंग : बदले गए अभनपुर BMO, निलंबित करने जारी हुआ था आदेश, जानिए क्या है पूरा मामला

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :- अभनपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ प्रभारी खंड चिकित्सा अधिकारी (BMO) को निलंबित करने हेतु आदेश जारी किया गया था। जिसमें बीएमओ पर घोर भ्रष्टाचार में लिप्त होने के गंभीर आरोप लगे थे। इसके अलावा विभाग में सेंटिंग करके सबसे जूनियर होने के बाद भी प्रभारी बीएमओ बनने का आरोप लगा था। मामले की जांच के बाद निलंबन कार्रवाई करने संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं के उपसंचालक द्वारा आदेशित जारी किया गया था।
आदेश जारी होने के बाद अभनपुर प्रभारी खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. उमेश विश्वास को हटाकर उनके स्थान पर डॉ. संजीव मेश्राम प्रभारी जिला टीकाकरण अधिकारी को अतिरिक्त प्रभार देकर अभनपुर प्रभारी खंड चिकित्सा अधिकारी नियुक्त किया गया है। यह आदेश कार्यालय मुख्य चिकित्सा अधिकारी रायपुर द्वारा जारी किया गया है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अभनपुर में आयुष्मान भारत में हो रहे भ्रष्टाचार के संबंध में एक समाचार पत्र में कई बार समाचार प्रकाशित हुआ था। प्रकाशित समाचार में अभनपुर सीएचसी में पदस्थ प्रभारी बीएमओ डॉ. उमेश विश्वास पर भ्रष्टाचार में लिप्ट का आरोप लगा जिसमें ‘‘इंसेटीव के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती कर रहे सर्दी खांसी के फर्जी मरीज, इससे डाक्टरों ने कमाए 10-10 लाख’’ दूसरी प्रकाशित खबर ‘‘अस्पतालो में इंसेटीव घोटाला, मरीजो की पर्ची में बदलते है, डाक्टरो का नाम, इलेक्ट्रीशीयन को बना देते है स्वीपर ताकि मिले पैसे’’ ।
सबसे जूनियर फिर भी बनाए प्रभारी BMO
प्रकाशित खबर ‘‘इसेंटीव घोटाला में अभनपुर सीएचसी में केवल तीन डाक्टरों में बट रहे इंसेटीव के पैसे’’ तथा ‘‘स्वास्थ्य विभाग में ज्यादा सेंटिंग, सबसे जूनियर फिर भी प्रभारी बीएमओ’’ बनाने का आरोप लगा है। इसके साथ ही मामले की शिकायत होने पर जांच में रायपुर जिले के उच्चाधिकारियों द्वारा लीपापोती कर संरक्षण देने का आरोप लगा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए संघ द्वारा भ्रष्टाचारी अधिकारी को तत्काल पद से हटाते हुए निलंबन की कार्यवाही करने तथा संरक्षण देने वाले उच्चाधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने का अनुरोध किया गया।
दिए गए थे कार्रवाई के निर्देश
इस संबंध में संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं के उपसंचालक (विज्ञप्त) ने डॉ. उमेश विश्वास को खण्ड चिकित्सा अधिकारी अभनपुर के प्रभार से मुक्त करते हुए जांच कर प्रतिवेदन तत्काल उपलब्ध कराने एवं निलंबित करने की कार्रवाई हेतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र प्रेषित किया था। जिसके बाद उक्त कार्रवाही की गई है।
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