पदोन्नति संशोधन निरस्तीकरण की खबर से शिक्षकों में भय,शिक्षक हुवे लामबंद

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :- वन टाइम रेलेक्ससेशन मिलने से पदोन्नत हुवे सहायक शिक्षक अब पदोन्नति में हुवे संशोधन के निरस्तीकरण की आ रही खबरो से काफी डरे हुवे महसूस कर रहे है। शिक्षक सम्वर्ग का कहना है कि एक ही पद पर 12 से 15 वर्ष तक रहने के बाद राज्य सरकार ने उनको पदोन्नति दिया है जिससे शिक्षक सम्वर्ग में काफी खुशी का माहौल था ।
काउंसलिंग के जटिल नियम में उलझकर जहां रायपुर सम्भाग के बहुत से शिक्षकों ने पदोन्नति से वंचित हो जाने के डर से अपने निवास स्थान से 200 किलोमीटर तक कि शालाओं का चयन कर मजबूरी वश सहमति दिया वही ज्यादातर शिक्षकों ने असहमति दिया । असहमति देने के बाद भी सँयुक्त कार्यालय द्वारा उनके वही दूरस्थ स्थान पर पदस्थापना दिया गया । जिसके बाद सहमति से स्थान लेने वाले एवं असहमति देने वाले शिक्षकों ने उचित कारण देते हुवे संयुक्त कार्यालय में स्थान संशोधन के लिए अभ्यावेदन दिया जिस पर कार्यालय द्वारा संशोधन आदेश प्राप्त हुवा। लेकिन कुछ दिन पूर्व शासन ने केविएट लेकर संशोधन निरस्तीकरण की कार्यवाही करने की अपनी मंशा जाहिर कर दिया।
सरकार से किया विनम्र अपील
अब शासन प्रशासन की आपसी रस्साकशी में आम शिक्षक उलझ कर रहा गया । विकासखंड अभनपुर में नवपदस्थ शिक्षकों से सरकार से विनम्र अपील किया है कि मानवीय दृष्टिकोण से पदोन्नति संशोधन निरस्त न किया जाए क्योंकि इसमें उनका कोई दोष नही है वे अपने गृह जिले एवं विकासखंड में भी स्थापित हो चुके है अन्यत्र जाकर कार्य कर पाना सम्भव नही है ।
शिक्षकों का कहना है पदोन्नति संशोधन निरस्तीकरण से पदोन्नति उनके लिए अवसर कम आपदा अधिक हो जाएगी यदि राज्य सरकार पदोन्नति निरस्त करती है तो समस्त प्रभावित शिक्षक अपने परिवार जन सहित आमरण अनशन को विवश हो जाएंगे।
और भी खबरों के लिए क्लिक करे :-
संशोधित पदोन्नति सूची रद्द न करने की मांग: विधायक धनेंद्र साहू से शिक्षक सम्वर्ग ने लगाई गुहार