राधा-कृष्ण मंदिर शताब्दी समारोह में आध्यात्मिक प्रवाह: वृंदावन से आईं दीदी राधा किशोरी ने सुनाया नरसी चरित्र
सांसद बृजमोहन अग्रवाल हुए शामिल, कहा- भक्ति ही समाज को जोड़ने की सबसे पवित्र शक्ति

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– नवापारा नगर स्थित सौ वर्षीय श्री राधाकृष्ण मंदिर में आयोजित शताब्दी महोत्सव का आयोजन श्रद्धा और आस्था के उत्कर्ष के साथ संपन्न हो रहा है। मंदिर के 100 वर्ष पूर्ण होने के पावन अवसर पर आयोजित इस ऐतिहासिक महोत्सव में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। मंदिर परिसर भक्ति, आध्यात्मिक ऊर्जा और सांस्कृतिक रंगों से सराबोर है।
वृंदावनधाम से पधारीं पूजनीय दीदी राधा किशोरी ने श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ में भक्तों को भगवान के परम भक्त नरसी मेहता का चरित्र सुनाया। उन्होंने बताया कि कैसे नरसी जी जन्म से वाणीहीन थे, परंतु भगवान शंकर की कृपा से उन्हें वाणी और दिव्य अनुभूति प्राप्त हुई। इसी अनुकंपा ने उन्हें श्रीकृष्ण के महारास दर्शन का दुर्लभ सौभाग्य प्रदान किया। दीदी ने कहा कि जीवन में परमात्मा की प्राप्ति का मार्ग सदैव किसी गुरु के माध्यम से ही संभव है। नरसी जी के लिए स्वयं भगवान शिव सद्गुरु बने और उन्हें श्रीकृष्ण के दर्शन कराए।
दूसरे दिन भक्त-परीक्षा प्रसंग का वर्णन

कथा के दौरान बताया कि भगवान किस प्रकार अपने भक्तों की परीक्षा लेते हैं। नरसी जी ने गृहस्थ धर्म में प्रवेश किया। परमात्मा ने उन्हें सुंदर पत्नी, परिवार और बेटी दी। बेटी का विवाह एक अच्छे घर में कर दिया गया। समय, साधन और सुविधा उपलब्ध थी, इसलिए विवाह बड़े धूमधाम से किया गया। बेटी को एक बेटी हुई और उसके भात भरने की बारी आई। इसी बीच नरसी जी की स्थिति बदलती रही। वे गरीब हो गए। घर के बर्तन बेचकर साधु-संतों को भोजन-प्रसाद की सेवा किया करते थे।
इसी दौरान गांव वालों ने नरसी जी की परीक्षा ली। संतों से झूठ बोल दिया और नरसी जी पर हुंडी लिखने का दबाव बनाया। सांवरिया की कृपा मानकर नरसी जी ने सांवरिया सेठ के नाम हुंडी लिख दी और भगवान श्रीकृष्ण ने हंसते-हंसते वह हुंडी स्वीकार कर ली। नरसी जी ने प्रभु से क्षमा याचना करते हुए कहा “प्रभु, आप बड़े दयालु हैं। यह बेटी के यहां से पत्रिका आई है। इसमें जितना भी सामान लिखा है, उसे देने का समर्थ मेरे पास नहीं है।
शताब्दी समारोह में पहुंचे सांसद बृजमोहन अग्रवाल
श्री राधा-कृष्ण मंदिर के 100 वर्ष पूर्ण होने के पावन अवसर पर शनिवार को छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री एवं रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कार्यक्रम में पहुंचकर भगवान राधा-कृष्ण के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। मंदिर प्रांगण में चल रहे श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ में शामिल होकर उन्होंने कथा श्रवण किया और भक्तिभाव से भरे वातावरण की प्रशंसा की।
उद्बोधन में उन्होंने कहा शताब्दी वर्ष किसी भी मंदिर के लिए केवल समय का प्रतीक नहीं, बल्कि परंपरा, संस्कृति, सेवा और भक्ति का गौरवशाली अध्याय है। यह मंदिर पिछले सौ वर्षों से समाज को जोड़ने, संस्कार देने और आध्यात्मिक दिशा दिखाने का कार्य कर रहा है। भक्ति ही वह शक्ति है जो मन को पवित्र करती है और समाज को एक सूत्र में बांधती है। प्रभु राधा-कृष्ण सभी पर सदैव कृपा बनाए रखें।
इस दौरान सांसद श्री अग्रवाल का मंदिर ट्रस्ट समिति के मोहनलाल अग्रवाल, सचिव अभिषेक अग्रवाल तथा सदस्य गोपाल अग्रवाल, गिरधारी अग्रवाल, नयन अग्रवाल आदि ने स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मान किया। समारोह के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु कथा का श्रवण कर रहे है, और मंदिर के शताब्दी वर्ष के शुभ संयोग को उत्साह व भक्ति के साथ मना रहे है।
हेमंत बृजवासी के भजनों पर जमकर झूमें भक्त

कार्यक्रम के दौरान रात 8 बजे से भक्ति रस से सराबोर माहौल उस समय चरम पर पहुंच गया जब हेमंत बृजवासी मंडली ने मंच संभाला। मंडली द्वारा प्रस्तुत भजन और कृष्ण लीला से जुड़े भक्ति गीतों ने ऐसा दिव्य वातावरण निर्मित किया कि पूरा पंडाल झूम उठा।

भजनों की मधुर धुन, ताल और सुरों की अनोखी संगति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने सपने में रात आए मुरली जी, साँसों की माला में, होली खेल रहे बिहारी जी जैसे भक्ति गीतों के साथ महादेव, माँ काली और राधाकृष्ण जी के भजनों से देर रात तक झूमने पर मजबूर कर दिया।
श्रद्धालु तालियां बजाते, हर-हर गोविंद के जयघोष लगाते और भक्ति में लीन होकर भजनों पर थिरकते नजर आए। हेमंत बृजवासी की सुमधुर आवाज और मनोहारी प्रस्तुति ने कार्यक्रम को यादगार बना दिया।
आज दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक नानी बाई का मायरा, फिर शाम 7.30 बजे से 10.30 बजे तक लीला स्पिरिचुअल बैंड का भजन कार्यक्रम का आयोजन होगा।
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