राजिम क्षेत्र का एक और आदतन आरोपी छह माह के लिए जिला बदर, कलेक्टर ने जारी किया आदेश, ये गंभीर अपराध है दर्ज

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :- राजिम क्षेत्र के एक आदतन आरोपी को जिला बदर का आदेश जारी किया गया है। इसके खिलाफ गुण्डागर्दी, मारपीट, बलात्कार सहित अन्य गंभीर अपराध दर्ज हैं। जिसे देखते हुए गरियाबंद कलेक्टर द्वारा आदेश जारी किया गया है। आदेश के अनुसार आरोपी गरियाबंद तथा समीपवर्ती रायपुर, धमतरी, महासमुंद जिलों की सीमाओं से 6 माह के लिए बाहर किया गया है।
जानकारी के अनुसार कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी दीपक अग्रवाल ने जिले के आदतन आरोपी नसरूद्दीन कुरैशी उर्फ नसरू पिता शाहबुद्दीन कुरेशी ग्राम दुतकैया को छह माह के लिए जिला बदर कर दिया है। कलेक्टर अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 की धारा-5 (ख) के तहत् दाण्डिक प्रकरण क्रमांक 202406220600002 में आदेश पारित कर नसरूद्दीन कुरैशी के विरूद्ध जिला बदर की कार्यवाही की है।
पाक्सो एक्ट, बलात्कार जैसे मामले है दर्ज
नसरूद्दीन कुरैशी के विरूद्ध थाने में विभिन्न प्रकरणों में अपराध दर्ज हैं। नसरूद्दीन कुरैशी सन् 2018 से लगातार गुण्डागर्दी, मारपीट, झगड़ा विवाद व लुटपाट, जान से मारने की धमकी, प्रतिबंधित हथियार लेकर घुमने, बलात्कार जैसी कई अपराधिक गतिविधियां करते आ रहा है। उनके खिलाफ पाक्सो एक्ट का अपराध एवं आर्म्स एक्ट के तहत भी प्रकरण दर्ज है। नसरूद्दीन कुरैशी के खिलाफ थानों में भारतीय दण्ड विधान की धारा 392, 341, 323, 506, 294, 394, 427, 363, 366,376,104, 4 एवं अन्य धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध कर अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया जा चुका है। नसरूद्दीन कुरैशी के विरूद्ध जिला बदर की कार्रवाई वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गरियाबंद के प्रतिवेदन के आधार पर की गई है।
इस संबंध में जिला दण्डाधिकारी दीपक अग्रवाल ने आदेश भी जारी कर दिया है। नसरूद्दीन कुरैशी को 29 जुलाई 2024 तक गरियाबंद जिले और सीमावर्ती जिलों रायपुर, धमतरी एवं महासमुन्द जिले की सीमाओं से बाहर जाने का आदेश जारी किया गया है। नसरूद्दीन कुरैशी को जिला दण्डाधिकारी न्यायालय गरियाबंद की पूर्व अनुमति प्राप्त किए बिना इन जिलो की सीमाओं में अगले छह माह की अवधि अर्थात 28 जनवरी 2025 तक प्रवेश नहीं करने का भी आदेश दिया गया है।
आमजनों में भय का माहौल
नसरूद्दीन कुरैशी की आपराधिक प्रवृत्ति से आमजनों में भय का माहौल व्याप्त है। उसके खिलाफ विभिन्न आपराधिक मामलों और प्रतिबंधात्मक कार्रवाईयों के बाद भी आपराधिक प्रवृत्तियों पर रोक नहीं लग पा रही है। आम जनता आरोपी के विरूद्ध छोटी-मोटी घटनाओं में पुलिस रिपोर्ट करने में भी असुरक्षित महसूस करती है। आरोपी के इस क्षेत्र में रहने से भविष्य में भी उसके अपराधों में संलग्न रहने और अपने दूसरे साथियों के साथ मिलकर गंभीर अपराधों को अंजाम देने की भी संभावना है। आरोपी की लगातार अपराधिक गतिविधियों में संलग्न रहने की प्रवृत्ति से आम जनता में भय का माहौल है और जनता की परेशानियों को दूर करने के लिए नसरूद्दीन कुरैशी को छत्तीसगढ़ राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 की धारा-5 (ख) के प्रावधानों के तहत जिला बदर किया गया है।
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