पति की लंबी उम्र के लिए महिलाओं ने रखा वट सावित्री व्रत, वट वृक्ष की पूजा कर मांगा आशीर्वाद

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :- नवापारा सहित क्षेत्र की महिलाओं ने वट सावित्री व्रत कर अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखा । महिलाओं ने निर्जला उपवास रख वट वृक्ष की लाल, पीला धागा बनाकर, आम, मूंगदाल, चनादाल, लाल साड़ी, चार आदि नैवेद्य से पूजन अर्पण किया। पूजन के बाद सत्यवान सावित्री की कथा सुनकर भगवान से आशीर्वाद मांग कर घर में अपने पति की पूजा करने के बाद जल ग्रहण कर उपवास तोड़ा।
पुराणों के अनुसार इस व्रत से माता सती ने अपने पति को काल से लड़कर वापस पाया और अपने पति की मृत्यु के बाद भी पुनः जीवित कर लिया। चूंकि माता सावित्री के पति को वटवृक्ष (बरगद ) के पास ही यमदेव ने जीवित किया था और माता सावित्री ने वट वृक्ष की पूजा करके ही जीवन दान मांगा था। बिना अन्न जल ग्रहण के निर्जला उपवास रखा तब काल ने सावित्री की इस पतिव्रता से प्रसन्न होकर पुनः उनके पति को जीवन दान दिया।
सावित्री को पता होता है कि सत्यवान की मृत्यु तीन दिन बाद होने वाली है। मृत्यु के समय से तीन दिनों तक अन्न जल त्याग कर ही अपने पति के लिए उपवास रखना शुरू कर देती है। तब से लेकर आज तक भारतीय स्त्रियां अपने पति की लंबी उम्र और स्वास्थ्य के लिए यह उपवास रखती है । उपवास में पूजन शास्त्री विधि अनुसार करने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है।
सुनी वट सावित्री की कथा
नगर के वार्ड 7 की महिलाओं को कल्याणी कंसारी ने वट सावित्री की कथा सुनाई। बस स्टैन्ड के पास व्रती महिलाओं ने वट पूजन कर गायत्री यज्ञ किया। इस तरह क्षेत्र में वट सावित्री पूजन धूमधाम से मनाया गया।
जिसमें काफी संख्या में उपस्थित होकर व्रती महिलाओं ने कथा का श्रवण किया और वट वृक्ष में धागा बांधकर आशीर्वाद लिया। जिनमें ,रेखा कंसारी,कविता कंसारी, पूजा कंसारी, द्रोपति कंसारी, राजकुमारी वैष्णव, शीला गुप्ता, कुमुद, पुराणिक, सावित्री साहू,रेणु साहू, रेखा साहू, रेशमा साहू ने वट वृक्ष की पूजा की।
इस पूजा के पीछे ऐसी मान्यता है कि जिस प्रकार वट के वृक्ष की आयु काफी लंबी होती है, ऐसे में महिलाएं इस पेड़ की आयु जैसी अपने पति की आयु के लिए वट के वृक्ष से प्रार्थना करती हैं।
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