गरियाबंद में पुष्पा पार्ट-2, सागौन लकड़ी की तस्करी, नदी में बहाकर ले जाते थे लकड़ियां, जानिए पूरा मामला

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :- गरियाबंद फिल्म पुष्पा की तरह सागौन लकड़ी की तस्करी की जा रही थी। इसकी जानकारी मिलने पर पुलिस टीम मौके पर पहुंचकर तस्करी करने वाली गैंग को गिरफ्तार किया है।
जानकारी के अनुसार गरियाबंद के उदंती सीतानदी अभयारण्य में पुष्पा गैंग की तर्ज पर बेशकीमती सागौन लकड़ी की तस्करी करने वाली गैंग पर अभयारण्य प्रशासन की कार्रवाई शुरू हो गई है। पहले ही मिशन में वन अमले ने गिरोह के 4 सदस्यों को गिरफ्तार करने के अलावा भारी मात्रा में सागौन लकड़ी के स्लीपर व उससे बन रहे फर्नीचर को जब्त किया है, जिसकी कीमत 10 लाख से ज्यादा बताई जा रही है।
उदंती सीतानदी अभयारण्य के उपनिदेश वरुण जैन ने बताया कि गोपनीय सूचना मिली कि वन परिक्षेत्र रिसगांव के चमेदा गांव से लगे सागौन प्लांटेंशन से ओडिशा के 15 व्यक्ति गीले सागौन के पेड़ों की कटाई कर 15 नग सागौन स्लिपट साइकिल ले जाने वाले हैं। सूचना के अनुसार वन परिक्षेत्र रिसगांव के वन अमल ने घेरा बंदी की। 1 आरोपी पकड़ में आया और बाकी 14 आरोपी मौके से फरार हो गए। हालांकि बाद में 3 और गिरफ्तारी हुई।
ओडिशा में बनाया था नेटवर्क
आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एन्टीपोंचिग टीम उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व गरियाबंद को शामिल किया गया। बताया जा रहा है कि इन सभी लोगों ने ओडिशा में नेटवर्क बनाया था। जिसके बाद सागौन की तस्करी करते थे। कृष्णा पिता बिसंबर हल्बा के घर तलाशी लेने पर सागौन का पलंग, पल्ला और खुर्सी जब्त किया गया। ग्राम राजपुर के फरार आरोपी मंगलूराम के घर से 15 नग कट्टा सागौन का लट्ठा मिला। फिर रंजीत के घर बाड़ी का तलाशी ली गई। जहां से 4 नग सागौन लट्ठा, 36 नग सागौन पल्ला और 6 नग साल की चौखट कड़ी जब्त किया गया।
गरियाबंद और ओडिशा की संयुक्त टीम ने ग्राम सोनपुर के सुजीत मजुमदार और संतोष विश्वास समेत अन्य लोगों के घरों का तलाशी ली। संतोष विश्वास के घर से फर्नीचर, पल्ला और लट्ठा जब्त किया गया है। अन्य घरों से कुल 3 मेटाडोर सागौन की लकड़ी, सागौन लकड़ी की बनी फर्नीचर, पल्ला, चिरान और लट्ठा बरामद किया गया।
बरसाती नदी से बहाकर जंगल के बाहर करते थे तस्करी
बताया जा रहा है कि लकड़ी तस्करों की यह गैंग अभ्यारण के जंगलों से इमारती हरे भरे पेड़ों की कटाई कर ओडिशा में सप्लाई कर रहा था। हथियार से लैस इस गिरोह में 15 मुख्य आरोपी के अलावा इनके कई सहयोगी भी हैं। बारिश के दिनों में पेड़ों को काटकर उदंती नदी में बहाकर ओडिशा से ले जाते थे। बरसात में ज्यादा कटाई होती थी। उसमें जंगल में अतिक्रमणकारियों का भी हाथ होता था। पिछले चार साल से सक्रिय यह गैंग अब तक लाखों के पेड़ों को काट चुका था।
ओडिशा व छत्तीसगढ़ वन विभाग द्वारा सभी फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है। इस कार्रवाई में उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व गरियाबंद व नवरंगपुर वनमंडल के समस्त वन कर्मचारी, अधिकारी और पुलिस विभाग गरियाबंद का विशेष योगदान रहा।
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