नवापारा के ये बच्चे गर्मियों की छुट्टियों का कर रहे सदुपयोग, अपने जेब खर्च से गौ सेवा कर बच्चे बन रहे प्रेरणास्त्रोत

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– छुट्टियों में बच्चे आराम करना और आज कल मोबाइल पर गेम खेलना ज्यादा पसंद करते है वहीं नवापारा नगर के कुछ बच्चे गर्मियों की छुट्टियों में गौ सेवा कर अपनी छुट्टियों का सदुपयोग कर रहे है। वे गौ माता को चारा खिलाकर, उनकी देखभाल कर रहे हैं और इस तरह से समाज में अच्छा कार्य करने की प्रेरणा दे रहे हैं। गौ सेवा के माध्यम से बच्चों में पशु प्रेम और सेवा भावना का विकास हो रहा है।

जहां लोग दिनभर अपनी व्यस्त दिनचर्या में उलझे रहते हैं, ये बच्चे सुबह उठकर पहले तो सब्जी मंडी से वेस्ट सब्जियों को इकट्ठा करते है फिर रात में नगर में घूम घूम जहां भी गौवंश दिखाई दे उन्हे चारा खिलाते है। जब सारा नगर अपने काम समेट कर विश्राम करने में लग जाते है तब ये बच्चे सडक़ों पर घूमने वाली बेसहारा गायों के लिए चारे की व्यवस्था कर उन्हें खिलाने का काम कर रहे है।

गणेश साहू, छत्रेश तिवारी, श्लोक शर्मा, अरमान राजपूत, बादल देवांगन, हर्षित कंसारी, छवि साहू ,देवराज साहू, शुभ्र साहू इन बच्चों के ग्रुप ने ये जिम्मा सम्हाला है। उन्होंने प्रयाग न्यूज को बताया कि बाहर घूमने वाली गायें कचरा खाने को मजबूर है गायों को भरपेट चारा नहीं मिलने से वे कचरा में पॉलिथीन, कागज सहित सभी अनुयोगी सामानों को भी खा लेती है और उन्हे पचा नहीं पाती है। जिससे वे काल का ग्रास बन रही है। इसलिए हम बच्चों के ग्रुप मिलकर अपने जेब खर्च से आटो किराये पर लेकर चारा खिलाने निकलते है कभी कभी वेस्ट सब्जियां नहीं मिलती तो सब्जी भी खरीदते है।

टोकते भी है लोग

उन्होंने बताया कि पहले हम चार लोग ही यह कार्य कर रहे थे फिर बाकी दोस्तों को पता चला तो उन्होंने भी हमारा साथ देना शुरू कर दिया। कुछ लोग उनके इस काम पर टोकते भी है कि तुम लोग रोड पर कचरा फैलाते हो लेकिन वो इनकी परवाह किए बगैर इस काम को लगभग 2 महीने से कर रहे है। चलने-फिरने में असमर्थ या किसी शारीरिक दुर्बलता से जूझ रही गायों को पशु चिकित्सालय भी पहुंचा कर उनका इलाज करवाते है।

गर्मियों की छुट्टियों में ये बच्चे गौ सेवा करके अपने जीवन का सदुपयोग कर रहे हैं और एक प्रेरणास्त्रोत बन रहे हैं। गौ सेवा के माध्यम से बच्चों में पशु प्रेम, सेवा भावना, पर्यावरण के प्रति जागरूकता, सामाजिक जिम्मेदारी, अनुशासन और समर्पण जैसे मूल्य भी विकसित हो रहे हैं। वे गौ माता की सेवा करके समाज में सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं और दूसरों को भी अच्छा कार्य करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

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