करू भात खाकर तिजहारिन रखेंगी व्रत, बसों में बढ़ी तिजहारिन की भीड़, बाजार में दिखी रौनक
(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :- पति के दीर्घायु जीवन और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना का पर्व तीजा शुक्रवार को मनाया जाएगा। इससे पहले आज गुरुवार रात तिजहारिन महिलाएं करू भात खाकर अपना व्रत शुरू करेंगी। गुरुवार रात से शनिवार गणेश चतुर्थी की सुबह तक यानी करीब 36 घंटे तक महिलाएं यह व्रत रखेंगी। महिलाएं इस दौरान बगैर कुछ खाए-पिए भगवान शिव और पार्वती की आराधना करेंगी।
बसों में बढ़ी तिजहारिनों की भीड़
सुबह महिलाएं पारंपरिक व्यंजन खाकर अपना उपवास खोलेंगी। तीजा से जुड़ी एक अहम परंपरा व्रत के लिए मायके जाने की है। तीजा से एक-दो दिनों पहले से ही बस स्टैण्ड में तिजहारिनों की भारी भीड़ देखने को मिली। बस, ऑटो में भीड़ बढ़ गई और बाजार में रौनकता छाई हुई है। शहर से लेकर गांव-गांव तक तिजहारिनों में उत्साह है। तीजा मनाने के लिए बड़ी संख्या में महिलाएं अपने मायके आ-जा रहीं है।
तीज को लेकर तैयारी जारी
बता दें कि सोमवार दो सितंबर को पोला का पर्व था, अब इसके बाद तीजा को लेकर तैयारी जारी है। तीजा एक ऐसा पर्व है, जिसे सुहागिन महिलाएं अपने मायके में मनाए जाने को लेकर उत्साहित रहती हैं। तिजहारिन महिलाओं द्वारा त्योहार को लेकर उत्साह देखा जा रहा है। कई महिलाएं तीज त्योहार मनाने के लिए अपने मायके पहुंच चुकी हैं।
जिन महिलाओं का मायके आना संभव नहीं हो सका है, उनके द्वारा अपने ससुराल में ही रहकर इस उत्सव को धूमधाम से मनाने की योजना बना ली गई है। वैसे तिजहारिनों का अभी आना-जाना लगा हुआ है, इसलिए बस व ऑटो में भीड़ चल रही है। स्थानीय बस स्टैंड में यात्रियों की काफी भीड़ रही।
महिलाएं सोलह श्रृंगार करके शिव-पार्वती की पूजा-अर्चना करेंगी
तीजा पर्व में महिलाएं सोलह श्रृंगार करके मायके की साड़ी पहनकर भगवान शिव-माता पार्वती की पूजा-अर्चना करती है। त्योहारी सीजन के चलते कपड़े, सराफा, श्रृंगार (मनिहारी) दुकानों में ग्राहकी बढ़ी हुई है। सर्वाधिक भीड़ कपड़े तथा मनिहारी की दुकानों में देखी जा रही है। भीड़ के कारण बाजार में पूरी तरह से रौनकता छाई हुई है। दुकानदारों को भी काफी उम्मीद है कि इस तीज त्योहार के अवसर पर कपड़े गहने और मनिहारी सामान खरीदने के लिए ग्राहक दुकानों में पहुंचते रहेंगे।
सितंबर माह होगा त्योहार मय
2 सितंबर को पोला था। इसके बाद 5 को महिलाएं करू भात खाएंगी। दूसरे दिन यानी की 6 सितंबर को व्रत तोड़ेंगी। इसके बाद 7 सितंबर को गणेश चतुर्थी की शुरुआत होगी और विघ्नहर्ता की प्रतिमा पंडाल और घर-घर में स्थापना की जाएगी। 8 सितंबर को ऋषि पंचमी मनाई जाएगी, फिर 11 दिनों के बाद 17 सितंबर को गणेश प्रतिमा का हवन पूजन व भोग भंडारे के बाद विसर्जन कार्यक्रम शुरू होगा। 17 सितंबर को भगवान विश्वकर्मा की पूजा होगी। 18 सितंबर से पितृपक्ष आरंभ होगा। इस तरह से सितंबर माह त्योहारों के उल्लास से भरा हुआ रहेगा।
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