34 माओवादी कैडरों ने किया आत्मसमर्पण, ₹84 लाख का इनाम था घोषित

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– बस्तर अंचल में शांति, विश्वास और विकास की दिशा में एक और महत्वपूर्ण सफलता मिली है। बीजापुर जिले में ₹84 लाख के इनामी 34 माओवादी कैडरों ने हिंसा का मार्ग त्यागते हुए भारतीय संविधान में आस्था जताई है और समाज की मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया है।

पुनर्वास करने वालों में दक्षिण सब जोनल ब्यूरो के 34 माओवादी, DKSZC के अलावा तेलंगाना स्टेट कमेटी, AOB डिवीजन के माओवादी भी शामिल है। बीजापुर जिले में 01 जनवरी 2024 से अब तक 824 माओवादी मुख्यधारा में शामिल हुए, 1079 माओवादी गिरफ्तार हुए। वहीं 220 माओवादी अलग अलग मुठभेड़ में मारे गये है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी की दृढ़ इच्छाशक्ति के अनुरूप छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त बनाने की दिशा में चल रहे सतत और ठोस प्रयासों का परिणाम है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार की ‘पूना मारगेम’ नीति ने यह सिद्ध कर दिया है कि संवाद, संवेदनशीलता और विकास, हिंसा से कहीं अधिक प्रभावी समाधान हैं। यह आत्मसमर्पण केवल हथियार छोड़ने की घटना नहीं है, बल्कि भय और भ्रम से मुक्त होकर सम्मानजनक जीवन की ओर लौटने का निर्णय है।

हिंसा का मार्ग त्यागें

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार आत्मसमर्पण करने वाले सभी व्यक्तियों के पुनर्वास, सुरक्षा, आजीविका, कौशल विकास और सामाजिक पुनर्समावेशन के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, ताकि वे समाज में आत्मनिर्भर बन सकें।

मुख्यमंत्री ने आज भी भटके हुए युवाओं से अपील करते हुए कहा कि वे हिंसा का मार्ग त्यागें, लोकतंत्र और विकास के साथ कदम से कदम मिलाकर चलें तथा प्रदेश और देश के निर्माण में सहभागी बनें। छत्तीसगढ़ को शांति, विश्वास और उज्ज्वल भविष्य का प्रदेश बनाना राज्य सरकार का अटल संकल्प है और इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सभी स्तरों पर समन्वित प्रयास जारी रहेंगे।

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