नवापारा हरिहर स्कूल सेजेस की प्राचार्य ने नियम विपरीत बेच दी पुस्तक और कबाड़, जांच के लिए पहुंची टीम

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :- गोबरा नवापारा के शासकीय हरिहर स्कूल में पुस्तक घोटाला का मामला सामने आया है, जहां पर स्कूल की प्राचार्य संध्या शर्मा पर ही पुस्तक घोटाला कर उसे कबाड़ व रद्दी पुस्तक बताकर बेचने का आरोप लगा है। बेचने के लिए बकायदा स्कूल के पिछले गेट का इस्तेमाल किया गया है।

आपको बता दें कि शासकीय स्कूलों में गरीब छात्र छात्राओं के लिए शासन के द्वारा मुफ्त में पुस्तक उपलब्ध कराया जाता है जिसे अध्यनरत छात्र छात्राओं को निःशुल्क वितरित किया जाता है जिससे उन बच्चों का शैक्षणिक स्तर बढ़ सके व बच्चे अच्छे से पढ़ाई कर सके। साथ ही इसी विद्यालय में ओपन का सेंटर भी संचालित होता है। ओपन की पुस्तकें भी बड़ी मात्रा में कबाड़ बताकर नियम को दरकिनार कर अवैध तरीके से बेच दिया गया।

जब पुस्तकें उपयोग के लायक नहीं रहे या कबाड़ में तब्दील हो जाए तो ऐसी स्थिति में विधिवत अपने उच्च अधिकारियों से दिशा निर्देश प्राप्त कर व शाला विकास समिति का अनुमोदन प्राप्त कर विक्रय समिति के माध्यम से उसे बेचा जाता है व उससे मिलने वाले पैसे को शासन में चालान के माध्यम से जमा किया जाता है। लेकिन हरिहर स्कूल की प्राचार्य के द्वारा नई नई पुस्तकों को जिसका बंडल खुला भी नहीं था। उसे बिना किसी आदेश के बेच दिया गया। साथ ही उसके पैसे भी कहां गए इसका भी कोई हिसाब किताब नहीं बताया जा रहा है।

प्राचार्य ने बताया विक्रय समिति बनी

वही जब इस मामले में स्कूल की प्राचार्य संध्या शर्मा से बात किया गया तो उनके द्वारा बताया गया की स्कूल स्टाफ और कार्यालयीन स्टाफ को मिलाकर प्राचार्य सहित 9 लोगों की एक टीम बनी हुई थी जो ये काम देख रही थी। हमारे प्रतिनिधि ने जब प्राचार्य से प्रक्रिया के पालन के संबंध में बात की तो उन्होंने पुस्तको पर दीमक लगा हुआ व बेचे गए पुस्तको को सन 2022 का बताकर उसे शासन के गाइड लाइन के अनुसार बेचना बताते हुये अपना पल्ला झाड़ लिया, जबकि शासन के द्वारा किसी भी प्रकार का कोई आदेश जारी नही किया गया था।

टीम में ये रहे शामिल

प्राचार्य के अनुसार इस कमेटी में प्राचार्य संध्या शर्मा, बीएल अवसरिया (ओपन सेंटर के प्रभारी), एमआर नेताम, एसएन देवांगन, सुषमा यादव, महेश कंसारी, कार्यालयीन स्टाफ से अर्चना रणसिंह, दीनबंधु साहू, नंद कुमार ध्रुव शामिल थे। जब हमारे प्रतिनिधि ने इस कमेटी के कुछ सदस्यों से बात की तो सभी ने अनभिज्ञता जता दी।

डीईओ ने बनाई जांच टीम

रायपुर जिला शिक्षा अधिकारी ने इस मामले के लिए दो सदस्यीय जांच टीम बनाई । जिसमें शास. कन्या उच्च. माध्य. विद्यालय नवापारा की प्राचार्य सरिता नासरे तथा तोरला स्कूल की प्राचार्य स्मिता कर शामिल रही। बुधवार दोपहर को अधिकारियों का जांच दल सेजेस नवापारा पहुंचकर अपनी जांच की।

इस संबंध में जांच दल में शामिल अधिकारी सरिता नासरे से बात की तो उन्होंने बताया कि समिति में शामिल सदस्यों का लिखित में अभिमत ले लिया है। सभी का अध्ययन कर हम लोगों का भी अभिमत सहित दस्तावेज डीईओ को सौंप देंगे। निर्णय उच्च अधिकारी ही लेंगे।

अब देखना यह होगा कि इस पूरे मामले में उच्च अधिकारियों के द्वारा कोई कार्रवाई की जाती है या केवल प्रिंसिपल को चेतावनी देकर इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है।

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