स.शि.मं. नवापारा में मनाया गया नागपंचमी का पर्व, पुराण से पर्यावरण तक नाग पंचमी का है खास महत्व

जनमेजय ने आस्तिक मुनि की बात मानी और यज्ञ रोक दिया, जिससे नाग जाति का विनाश होने से बच गया।

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– सरस्वती शिशु मंदिर नवापारा में नाग पंचमी पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर किशोर भारती एवं कन्या भारती अध्यक्ष युवराज साहू, गीतांजली साहू सहित सभी पदाधिकारियों ने नाग देवता पर तिलक वंदन कर आरती की। सभी बच्चों ने नागदेवता के छाया चित्र पर फूल, श्रीफल दूध, अर्पित कर आशीर्वाद लिया।

इस अवसर पर नाग देवता की महत्ता बताते हुए विद्यालय के प्राचार्य गौरी शंकर निर्मलकर ने कहा कि नाग देवता की पूजा करने से भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं। लेकिन आज सर्प की संख्या लगातार घट रही हैं। खेतों में कीटनाशक दवाईयों का लगातार उपयोग इसका मुख्य कारण है। इससे सर्पों को हानि होती हैं। उन्होंने बच्चों को बताया कि वे हमारे दुश्मन नहीं है, किसी भी जीव-जंतु को मारना नहीं चाहिए। उनको सताना नहीं चाहिए। भारत पर्व प्रधान देश है जहां हर दिन एक उत्सव होता हैं। हमें अपनी परंपरा का निर्वहन करना चाहिए और उनके पौराणिक महत्व की जानकारी होनी चाहिए।

इसलिए मनाते है नागपंचमी

इस अवसर पर वरिष्ठ आचार्य नरेश यादव ने कहा कि भविष्य पुराण के अनुसार नागो ने अपनी माता की बात नहीं मानी, इसलिए उन्हें श्राप मिला था कि वे जनमेजय यज्ञ में जलकर भस्म हो जाएंगे। घबराए हुए नाग ब्रम्हा जी के पास गए और अपनी जान बचाने उनसे प्रार्थना की। तब ब्रम्हा जी ने कहा कि नागवंश के महात्मा जरत्कारु के पुत्र आस्तिक समस्त नाग की रक्षा करेंगे।

आस्तिक मुनि ने यज्ञ की आग में जलते हुए सांपों पर दूध डाला, जिससे वे शांत हो गए और जलने से बच गए। जनमेजय ने आस्तिक मुनि की बात मानी और यज्ञ रोक दिया, जिससे नाग जाति का विनाश होने से बच गया। उस दिन सावन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि थी तब से नागपंचमी का पर्व मनाया जाता हैं।

सर्प किसानों के मित्र

उन्होंने आगे बताया कि आज के दिन घर के द्वार पर नाग देवता का चित्र बनाया जाता है और विधी-विधान से पूजन किया जाता हैं। नाग किसानों का मित्र होता है फसल में कीड़े होने से वे फसल को काट देते है नाग कीड़े को खाकर फसल की रक्षा करते हैं। कक्षा पंचम के छात्र प्रह्लाद साहू ने कहानी के माध्यम से बताया कि नाग को हम देवता मानते है बेवजह उन्हें नहीं मारना चाहिए। हिंदू धर्म में प्रत्येक जीव की रक्षा करने की सीख दी गई हैं। कार्यक्रम का संचालन संगीत प्रमुख रेणु कुमार निर्मलकर और आभार नारायण प्रसाद पटेल ने किया।

इस अवसर पर वरिष्ठ शिक्षक दीपक देवांगन, नरेंद्र साहू, नारायण पटेल, नंद साहू, तामेश्वर साहू, वाल्मीकि धीवर रेणु निर्मलकर संजय सोनी, कृष्ण कुमार वर्मा, नेहा सोनकर, हलेश्वरी साहू, परमेश्वर सिन्हा, मंजू ममता, देवकी साहू, साहू, चेतन लोमेश साहू, प्रतिभा यादव, गीताजंली नेताम सहित समस्त छात्र और स्टाफ उपस्थित थे। उक्त जानकारी प्रचार प्रसार से सरोज कंसारी ने दी।

छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज से जुड़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें

https://chat.whatsapp.com/CkhMZMO6zDG8IdQsfVBnJd

यह खबर भी जरुर पढ़े

प्रतिभा का सम्मान होना चाहिए इससे अन्य बच्चों को प्रेरणा मिलती है, शिशु मंदिर के होनहार विद्यार्थी हुए सम्मानित

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button