सिहावा विधानसभा क्षेत्र से दर्जन भर प्रबल दावेदार, समर्थक भी ठोंक रहे ताल, जानिए कौन-कौन कैंडिडेट की लिस्ट में
सक्रिय नेताओं की पड़ताल हो रही, मंथन का दौर शुरू
(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) धमतरी:- विधानसभा चुनाव के लिए दावेदारों की पड़ताल शुरु हो गई है। जैसे-जैसे समय नजदीक आ रहा है दावेदारों की सूची भी लंबी होती जा रही है। सालों से सक्रिय लोग अपना दावा ठोंक रहे हैं तो नए-पुराने चेहरे भी उभर कर सामने आने लगे हैं। सिहावा विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो यहां से भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों से दर्जन भर प्रत्याशी अपने दावेदारी पेश कर रहे हैं।
वैसे तो विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही महीने शेष रह गए हैं। इसके लिए कांग्रेस-भाजपा के दावेदार तैयारी में जी जान से जुट गए हैं और पार्टी से जुड़े लोगों से संपर्क कर उनका समर्थन भी ले रहे हैं। धमतरी जिले का सिहावा विधानसभा क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट में हमेशा से ही चुनावी मुकाबला रोमांचक रहा है। यहाँ उलटफेर अचानक होती है यही वजह कांग्रेस-भाजपा काफी मंथन के बाद ही यहां प्रत्याशी मैदान में उतारते हैं।
इस बार भी विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशी को लेकर दोनों प्रमुख पार्टियां मंथन कर रही हैं। यही वजह है कि दावेदारों का नाम उभर कर सामने आने लगा है। इस क्षेत्र में कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला होता है और दोनों दलों के कार्यकर्ता व उम्मीदवार जीत के लिए जी जान लगा देते हैं। फिलहाल योग्य उम्मीदवार की तलाश शुरू हो गई है। चुनावी बिगुल बजने के पहले दावेदारी का दौर शुरू भी हो गया है।
वर्तमान स्थिति पर गौर करें तो भाजपा कांग्रेस में दर्जन भर प्रबल दावेदार हैं। भाजपा के दावेदारों की बात करें तो जिला पंचायत सदस्य एवं मितानिन संघ की जिला अध्यक्ष अनीता ध्रुव का नाम प्रमुखता से सामने आया है। वे क्षेत्र की मूलभूत समस्याओं के लिए धरना प्रदर्शन में अगुवाई करती रही है। प्रदेश सरकार के कई आलोचनात्मक कार्यों को लेकर वे प्रखरता से सामने आई है। क्षेत्र के अनेक समस्याओं की मांगों को लेकर वे कई बार चक्काजाम आंदोलन, पदयात्रा, जल सत्याग्रह कर चुकी है। पिछले 3-4 सालों से विभिन्न धरना प्रदर्शन, आंदोलन में सक्रिय रही श्रीमती अनीता ध्रुव स्वयं को जनसेवा के लिए समर्पित बताती है। यही वजह है कि पार्टी के कार्यकर्ताओं व क्षेत्रवासियों का जुड़ाव बढ़ा है।
इसी प्रकार भाजपा में पूर्व विधायक श्रवण मरकाम एवं पूर्व विधायिका पिंकी शिवराज शाह का नाम भी जाना पहचाना है। अपने कार्यकाल में क्षेत्र में विभिन्न विकास कार्यों को संपादित कर चुके हैं और इसी के दम पर अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं। पूर्व जिला सदस्य प्रेमलता नागवंशी प्रबल दावेदारों में शामिल है। वह क्षेत्र के मुद्दों को लेकर मुखर रही हैं। भाजपा में अनुसूचित जन जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम भी टिकिट की दौड़ में शामिल है लेकिन कुछ लोग दबे जुबान से उन्हें बाहरी मान रहे हैं पर मरकाम अपनी दावेदारी मजबूत करते रहे हैं। इसी तरह भाजपा से सत्यवती नेताम, मोहन पुजारी सांसद प्रतिनिधि, महेश गोटा सरपंच, महेन्द्र नेताम सरपंच, दिनेश्वरी नेताम जनपद अध्यक्ष, ईश्वरी ध्रुव सरपंच, रोहित दीवान, डॉं. के.एल.शांडिल्य, बंशीलाल सोरी जनपद सदस्य, राजाराम मंड़ावी भी अपने-अपने किस्मत आजमा रहे हैं।
कांग्रेस दावेदारों की बात करें तो सीटिंग विधायक डॉं.लक्ष्मी ध्रुव का टिकट लगभग तय माना जा रहा है। डॉं.लक्ष्मी ध्रुव क्षेत्र में पिछले 4 वर्षों से विकास कार्यों को गति दे रही हैं। लोगों की समस्याओं से अवगत होने एवं सुलझाने में भी सजग रही है। इसके अलावा पूर्व विधायक अंबिका मरकाम ने अपने कार्यकाल में विकास कार्य किए हैं। साथ पार्टी को आगे बढ़ाने में भी उनका योगदान रहा है इसीलिए वे वरिष्ठता को महत्व देने एवं अनुभवी प्रत्याशी को मौका देने की मांग करते हुए अपने दावेदारी पेश कर रही है। कांग्रेस जिला पंचायत सदस्य मनोज साक्षी, सरपंच संघ के अध्यक्ष राजू सोम, सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष उमेश देव के अलावा गोंडवाना समाज प्रमुख रामप्रसाद मरकाम, शोभी राम नेताम, चन्द्रकला नेताम भी कांग्रेस के प्रमुख दावेदार है।
वैसे तो आगामी कुछ महीनों के बाद विधानसभा का बिगुल बज जाएगा। ऐसे में दावेदार कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। पार्टी के कार्यक्रमों में सभी चेहरे नजर आने लगे हैं जो कभी अपने कार्यों तक सीमित रहते थे। इस विधानसभा क्षेत्र में अक्सर उलटफेर की स्थिति बनती रही है ऐसे में आने वाले दिनों में ही स्पष्ट हो पाएगा कि इस बार किसे टिकट मिलेगा। फिलहाल आगामी विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी अपनी दावेदारी मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं दोनों दलों के नेता सोशल मीडिया में भी खूब एक्टिव नजर आ रहे हैं आए दिन पार्टी के लोगों से संपर्क कर रहे हैं कई लोग ग्राम भ्रमण कर लोगों से समर्थन भी मांग रहे हैं। देखना यह है कि भाजपा कांग्रेस किन दावेदारों पर दांव लगाती है।