गरियाबंद में नक्सली ने हथियार के साथ किया सरेंडर, इन बड़ी वारदातों में था शामिल, 1 लाख का था इनाम

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– गरियाबंद जिले में एक बार फिर नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत शासन की आत्मसमर्पण व पुनर्वास नीति तथा गरियाबंद पुलिस के समर्पण हेतु अपील से प्रभावित होकर प्रतिबंधित संगठन सीपीआई माओवादी के डीजीएन डिवीजन के 03 माओवादियों ने हिंसा एवं विनाष के मार्ग को छोड़ कर आत्मसमर्पण किया है।
आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों में नागेष उर्फ रामा कवासी भी शामिल है जिसके ऊपर 01 लाख का इनामी भी घोषित था इसने हथियार सहित आत्मसमर्पण किया है। इसी तहत ओडिसा स्टेट कमेटी सदस्य- प्रमोद उर्फ पाण्डु के गार्ड-जैनी उर्फ देवे मडकम (पार्टी सदस्य) 01 लाख ईनामी एवं सीनापाली एरिया कमेटी (पार्टी सदस्य) मनीला उर्फ सुंदरी कवासी, 01 लाख ईनामी माओवादियों द्वारा भी आत्मसमर्पण किया गया है। इन आत्मसमर्पित माओवादियों का विवरण निम्नानुसार है :-
(01) नागेश उर्फ रामा कवासी
यह ग्राम तर्रेम, थाना-तर्रेम, जिला बीजापुर का निवासी है। वर्ष 2022 में पामेड एरिया कमेटी-डीव्हीसी (पाण्डू) माओवादी द्वारा नक्सल संगठन में भर्ती कराया गया। वर्ष 2023 को ग्राम पामेड से लगे ग्राम रायुम के जंगल में इसे तथा अन्य 20 नये लोगो को 06 माह तक प्रषिक्षण दिया गया। प्रषिक्षण उपरांत इसे और सलीम को इंद्रावती क्षेत्र में भेजा गया जहां एक माह तक रहे। बाद माड भेजे जहां पर सीसी-मनोज सहित अन्य बडे माओवादी मीटिंग के लिये उपस्थिति हुये थे।
10 नक्सलियों के मारे जाने की प्रमुख घटना शामिल रहा।
नवंबर/2023 सीसी-मनोज ने इसे माड से कांकेर-रावस-धमतरी होते हुये गरियाबंद लेकर आया। यहां आने के बाद इसे डीव्हीसी-डमरू के गार्ड के रूप में कार्य करने को कहा गया तब से लेकर उसके गार्ड के रूप काम किया।गरियाबंद अंतर्गत माओवादियों के डीजीएन डिवीजन में सक्रिय रहने के दौरान जिला धमतरी के ग्राम एकावरी मुठभेड में शामिल रहा जिसमें माओवादी सिंघु घायल हुयी थी जो कुछ दिन बाद जंगल से गिरफ्तार हो गयी तथा दिनांक 11.09.2025 को ग्राम मेटाल मुठभेड हुआ जिसमें तीन बडे माओवादी सहित 10 नक्सलियों के मारे जाने की प्रमुख घटना शामिल रहा।
(02) जैनी उर्फ देवे मडकम
यह ग्राम-इतगुडेम, पंचायत पालागुड़ेम, तहसील-आवापल्ली, जिला बीजापुर की रहने वाली है। वर्ष 2016 में 16 साल की उम्र में पूरे वर्ष भर जनमिलिषिया में कार्य किया। वर्ष 2017 को पामेड एरिया कमेटी के मनीला (डीव्हीसी) द्वारा इसे संगठन में सदस्य के रूप में भर्ती कराया गया। माओवादी संगठन में शामिल होने के बाद लगभग 04 माह पामेड क्षेत्र में रही इसी दौरान 08 दिनो तक प्रषिक्षण दिया गया।
मई 2017 को गरियाबंद में सक्रिय माओवादी पुनीत उर्फ रूपेष जो पामेड क्षेत्र में आया था, जिन्होने इसे और अन्य 07 नये माओवादी कैडरों को दक्षिण बस्तर-पष्चिम बस्तर-उत्तर बस्तर होते हुये धमतरी से गरियाबंद लेकर आया। जून 2017 को गरियाबंद पहुंचने बाद सीसी-संग्राम द्वारा इसे ओडिसा स्टेट कमेटी सदस्य-पाण्डु उर्फ प्रमोद के गार्ड के रूप में कार्य करने को कहा गया तब से उसके गार्ड के रूप में कार्य कर रही थी।
अक्टूबर 2017 को ओडिसा क्षेत्र चले गये, ओडिसा से दिसम्बर 2023 को वापस गरियाबंद आये। ओडिसा के ग्राम कुनासोर राहुल क्षेत्र में मुठभेड हुआ जिसमें सावित्री नामक नक्सली मारी गई, वर्ष 2019 को ग्राम नुलुगुम्पा के पास मुठभेड हुआ जिसमें 02 माओवादी पदमा, कमला मारी गई, ग्राम सुराडीह के पास मुठभेड हुआ जिसमें एक पुलिस जवान घायल हुआ, ग्राम कोलोमपारा मुठभेड हुआ जिसमें अजय को गोली लगा था। छ0ग0 के ग्राम एकावरी जिला धमतरी में मुठभेड हुआ जिसमें नीतू वेडदा मारी गई, मई 2025 को ग्राम मोतीपानी थाना शोभा में मुठभेड हुआ जिसमें डीव्हीसी-योगेष मारा गया तथा दिनांक 11.09.2025 को मेटाल मुठभेड हुआ जिसमें तीन बडे माओवादी सहित 10 नक्सली मारे जाने जैसे प्रमुख माओवादी घटना में शामिल रही है।
(03) मनीला उर्फ सुंदरी कवासी –
यह ग्राम- जैगूर, पंचायत-जैगूर, थाना- भैरमगढ, जिला बीजापुर की निवासी है। गांव में बाल संगठन एवं चेतना नाट्य मंच में कार्य कर रही थी। जुलाई 2020 को इसे तथा गांव के अन्य 02 लोगो को रमेष- माटवाडा एरिया कमेटी कमाण्डर ने भर्ती कराया। भर्ती होने के बाद नक्सली लोग इसे ग्राम कोटमेटा में कृषि कार्य के लिये भेज दिये जहां जनवरी 2021 तक रहकर कार्य किया।
जनवरी 2021 को नक्सली कमाण्डर-रमेष इसे वहां से वापस एरिया कमेटी लेकर आया उसके बाद डीव्हीसी-सोनू द्वारा ओडिसा राज्य में विस्तार के लिये इसे सीतानदी (धमतरी) तक छोडने आये जहां से सत्यम गावडे लोग इसे गरियाबंद लेकर आया। फरवरी 2021 से नवम्बर 2021 तक रीजनल कमेटी के साथ रहकर गरियाबंद-ओडिसा सीमा के ग्राम ताराझर, दडईपानी, भालूडिग्गी क्षेत्र में कार्य किया।
चलपति उर्फ जयराम की गार्ड
नवम्बर 2021 को बडे माओवादियों द्वारा भालूडिग्गी क्षेत्र में मीटिंग हुआ, जिसके बाद इसे सीसी-चलपति उर्फ जयराम का गार्ड बनाया गया जहां दिसम्बर 2023 तक गार्ड के रूप में कार्य किया। दिसम्बर 2023 को इसे सीनापाली एरिया कमेटी में भेजा गया तब लेकर अब तक उसी एरिया कमेटी कार्य किया।
गरियाबंद अंतर्गत नक्सली संगठन में रहने के दौरान जुलाई 2022 को ग्राम दडईपानी में ओडिसा पुलिस के साथ मुठभेड हुआ जिसमें समान छोडकर भागे, जनवरी 2025 को ग्राम काण्डसर में मुठभेड हुआ जिसमें 01 नक्सली रोषन मारा गया तथा 03 नक्सली घायल हुये, मई 2025 को ग्राम मोतीपानी में मुठभेड हुआ जिसमें डीव्हीसी-योगेष मारा गया, दिनांक 11.09.2025 को ग्राम मेटाल में मुठभेड हुआ जिसमें तीन बडे माओवादियों सहित 10 नक्सलियों के मारे जाने जैसे प्रमुख घटना शामिल रही।
अवैध वसूली का बना अड्डा
वर्तमान में माओवादियों कि खोखली हो चुकी विचारधारा व माओवादियों के दूषित नीतियों के बारे में तीनो माओवादियों ने बताया कि आज माओवादी निर्दोष ग्रामीणों की पुलिस मुखबीरी के शक में जबरन हत्या, लोगों को बेवजह राशन-सामानों के लिए परेशान करना, शासन के विकास कार्यो को नुकसान पहुचाना या पूरा नहीं होने देना, बस्तर के छोटे-छोटे युवक-युवतियों को बहला-फुसला या उनके परिवार वालो को डरा धमका का माओवादी संगठन में शामिल करना, बडे माओवादियों द्वारा छोटे कैडरों का शोषण करना, स्थानीय लोगो को शासन के विरूद्व आंदोलन के लिए उकसाना एवं निर्माण कार्यो से जुडे ठेकेदारो से अवैध वसूली करने के लिए माओवादी संगठन को अड्डा बना लिये है। इन्ही सब स्थितियों को देखते हुये तथा हमारे साथियों द्वारा लगातार किये जा रहे समर्पण से प्रभावित होकर।
शासन की आत्मसमर्पण-पुनर्वास नीति के समक्ष समर्पण करने पर पद अनुरूप ईनाम राशि की सुविधा, हथियार के साथ समर्पण करने पर ईनाम राशि की सुविधा, बिमार होने पर स्वास्थ्य सुविधा, आवास की सुविधा, रोजगार की सुविधा को देखते हुये हमारे कई माओवादी साथी (आयतु, संजय, मल्लेश, मुरली, टिकेश, प्रमीला, लक्ष्मी, मैना, क्रांति, राजीव, ललिता, दिलीप, दीपक, मंजुला, सुनीता, कैलाश, रनिता, सुजीता, राजेन्द्र, दीपक, जानसी) आत्मसमर्पण कर शासन के इन्ही योजनाओं का लाभ उठा रहे है, जिसके बारे में हम लोगो को समाचार पत्रो व स्थानीय ग्रामीणों के माध्यम से जानकारी मिलता था।
गरियाबंद पुलिस का प्रचार
गरियाबंद पुलिस द्वारा जंगल-गांवों में प्रचारित समर्पण नीति के पोस्टर-पाम्पलेट मिलते थे, जिससे हम लोगों के मन विचार आया कि हम लोग क्यों जंगल में पशुओं की तरह दर-दर भटक रहे है और इन बडे माओवादी कैडरो की गुलामी कर रहे है। माओवादियों की खोखली हो चुकी विचारधारा, जंगल की परेशानियां, शासन की पुनर्वास नीति तथा आत्मसमर्पित साथियों के खुशहाल जीवन से प्रभावित होकर हम लोग भी अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन बिताने के लिए आत्मसर्मपण के मार्ग को अपनाये है।
🔹 तीनों नक्सलियों के आत्ममर्पण में गरियाबंद पुलिस की E-30, STF. Cobra 207 एवं CRPF का योगदान रहा।
🔹 गरियाबंद में सक्रिय समस्त माओवादियों से गरियाबंद पुलिस अपील करता है कि आप आत्मसमर्पण हेतु गरियाबंद के किसी भी थाना/चौकी/कैम्प में आत्मसमर्पण कर सकते है।
🔹 आत्मसमर्पण के लिए इस नंबर पर सम्पर्क कर सकते हैः- नक्सल सेल गरियाबंद-94792-27805
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