NSS के पूर्व स्वयंसेवकों द्वारा जिला स्तरीय सम्मेलन एवं सम्मान समारोह का हुआ आयोजन, संयुक्त कलेक्टर गरियाबंद हुए शामिल
(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) राजिम :- राष्ट्रीय सेवा योजना, राजिम के पूर्व स्वयंसेवकों के द्वारा जिला स्तरीय पूर्व स्वयंसेवक सम्मेलन एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया । जिसका उद्देश्य गरियाबंद जिले के अंतर्गत उन स्वयंसेवको को एक मंच प्रदान करना जिन्होंने एन एस एस के अंतर्गत अब तक राष्ट्रीय व राज्य स्तर के साहसिक शिविर ,एन आई सी ,आर डी सी आदि शिविरों में अपनी सहभागिता दर्ज कर अपना व अपने जिले व संस्था को गौरवान्वित किया है । जिससे आने वाले स्वयंसेवक उनसे प्रेरणा ले सके।
इस कार्यक्रम का आयोजन ग्राम किरवई के विद्यालय प्रांगण में किया गया । इस कार्यक्रम को एक दिवा शिविर का स्वरूप प्रदान करते हुए संचालित किया गया। जिसमें भारत सरकार खेल व युवा कल्याण मंत्रालय द्वारा निर्धारित स्वच्छता जागरूकता अभियान, सेवा से सीखे , यंग लीडर डायलॉग आदि थीम को ध्यान में रखकर किया गया। इस कार्यक्रम में लगभग जिले के सभी शासकीय ,स्वशासी, विद्यालय व महाविद्यालय के पूर्व व वर्तमान स्वयंसेवक बड़ी संख्या में सम्मिलित हुए। कार्यक्रम का प्रारंभ ग्राम भ्रमण व ग्राम के विभिन्न चौक चौराहों व हैंडपंप रंगमंच देव स्थल आदि की साफ सफाई के साथ किया गया। साथ ही ग्राम वासियों को स्वच्छता का महत्व बतलाते हुए स्वच्छ रहने के फायदे बताते हुए रैली के माध्यम से ग्रामवासियों को जागरूक किया गया।
स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का आयोजन
कार्यक्रम की अगली कड़ी में सेवा से सीखे के अंतर्गत सोहम हास्पीटल के सहयोग से ग्राम वासियों के लिए नेत्र प्रशिक्षण एवं स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया जिसमें लगभग 114 लोगों ने स्वास्थ्य लाभ लिया। अनुभवी डॉक्टर एवं उनकी टीम ने इस नेक कार्य में अपना सहयोग प्रदान किया। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय सेवा योजना छत्तीसगढ़ राज्य प्रमुख अधिकारी डॉ नीता वाजपेयी व विशिष्ट अतिथि डॉ मालती तिवारी जिला संगठक जिला महासमुंद विशिष्ट, कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्राम सरपंच यथार्थ शर्मा व मार्गदर्शक डॉ समीक्षा चंद्राकर जिला संगठक जिला गरियाबंद उपस्थित रहे।
NSS स्व अनुशासित होना सीखाता है
विधिवत रूप से सरस्वती पूजन व अतिथि स्वागत के उपरांत आयोजक मंडल के द्वारा प्रतिवेदन पठन किया गया। तत्पश्चात अतिथियों के कर कमलों से सभी विशिष्ट उपलब्धि प्राप्त स्वयंसेवकों को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की कड़ी को आगे बढ़ाते हुए उद्बोधन की श्रृंखला में सर्वप्रथम मुख्य अतिथि ने अपने वक्तव्य में कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई से जुड़े हुए स्वयंसेवकों एवं कार्यक्रम अधिकारियों को त्वरित लाभ के लिए एन एस एस में नहीं आना चाहिए बल्कि राष्ट्रीय सेवा योजना आपको स्व अनुशासित होना सीखाता है यह आपको एक अलग पहचान दिलाता है छात्रों की भीड़ में भी एन एस एस का स्वयंसेवक अलग से पहचाना जा सकता है।
विशिष्ट अतिथि मालती तिवारी ने अपने वक्तव्य में कहा कि यह कार्यक्रम राष्ट्रीय सेवा योजना पूर्व स्वयंसेवकों का सम्मेलन नहीं अपितु एक परिवार का सम्मेलन है। ऐसा कार्यक्रम एक बार नहीं अपितु प्रतिवर्ष निरंतर किया जाना चाहिए । कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए शुभकामनाएं भी दी। ग्राम सरपंच ने अपने गांव को कार्यक्रम स्थल के रूप में चुनने के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि इस तरह के कार्यक्रम के लिए वे अपना सहयोग प्रदान करते रहेंगे।
संयुक्त कलेक्टर ने बताए सफलता के मंत्र
द्वितीय सत्र की शुरुआत स्वयं सेवको के परिचय सत्र के रूप में किया गया । स्वयंसेवकों को प्रतियोगी परीक्षाओं व कैरियर एवं व्यवहारिक जीवन में आने वाली चुनौतियों के संबंध में मार्गदर्शन हेतु राकेश गोलछा संयुक्त कलेक्टर गरियाबंद स्वयंसेवकों के बीच उपस्थित रहें। उन्होंने समाज सेवा के साथ-साथ छात्र जीवन अध्ययन में आने वाली चुनौतियां और भविष्य में प्रशासनिक सेवा परीक्षा में सफलता के मंत्र बताये। इस संबंध में उन्होंने श्रोताओं की जिज्ञासा व समस्याओं का समाधान बताते हुए मार्गदर्शन किया।
बुराई से बचकर रहें
कार्यक्रम की अंतिम कड़ी में सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन हुआ। जिसमें जिले के विभिन्न महाविद्यालय व विघालय के स्वयंसेवकों ने पारंपरिक वेशभूषा के साथ विलुप्त होती जनजातीय संस्कृति के नृत्यों की मनमोहक प्रस्तुति दी। जो वर्तमान सरकार के जनजातीय गौरव व अस्मिता के लक्ष्य को समर्पित रहा। नाटक और लोकगीतों के माध्यम से ग्राम वासियों को लंबे समय तक बांधे रखा। सांस्कृतिक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर अमृतलाल साहू नगर निरीक्षक थाना राजिम उपस्थित रहे उन्होंने युवाओं को देश का भविष्य कहते हुए सभी को मद्यपान जैसी बुराई से बचकर रहने की सलाह दी । वर्तमान समय में साइबर ठगी की समस्या से बचने के उपायों की विस्तृत जानकारी प्रदान की।
इस कार्यक्रम में 175 स्वयंसेवकों ने अपना पंजीयन करवाया व 5 महाविद्यालय की टीम शामिल हुए। इस कार्यक्रम (एक दिवा शिविर) की परिकल्पना व उसे मूर्त रूप देने में धरम, रूपेश, इन्द्र, ओंकार,शिवा, दिलीप, निखिल, योगेश, नन्हा, योगेन्द्र,अजय,तेज रविना,महिमा, खुशी, कविता ने मुख्य रूप से अपना सहयोग प्रदान किया।
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