दीपावली 2023 : शुभ योग मे करे माँ लक्ष्मी का पूजन, जानिए कारखाने व्यापारिक स्थल और घर के लिए लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :- दीपावली का पर्व कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को पूरे देश में मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश, माता लक्ष्मी, मां सरस्वती, श्री रामजानकी और हनुमान जी की विशेष रूप से पूजा की जाती है ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने से धन दौलत में बरकत होती है और सुख समृद्धि बनी रहती है।

इस वर्ष अमावस्या तिथि 12 नवंबर को दोपहर 2:43 बजे से प्रारंभ हो रहा है और अगले दिन 13 नवंबर को दोपहर 12:56 तक रहेगी । दीपावली के दिन मां लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व है । कार्तिक मास की अमावस्या महालक्ष्मी के प्राकट्य की तिथि है । सतयुग में समुद्र मंथन से इसी दिन महालक्ष्मी जी प्रकट हुई थी । इसी तिथि मे त्रेता युग में रावणवध व लंका विजय करके भगवान श्री राम अयोध्या लौटे थे । इस खुशी में घर घर दीप जलाकर लोग उत्सव मनाते हैं ।

सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त

इस दिन सुबह 9 बजे से लेकर 12 बजे तक व्यापारी गद्दी पूजन कर सकते है । उद्योगों, कल कारखानों और थोक व्यापारियों के यहां इसी समय से दीपावली की पूजा शुरू हो जाएगी ।  दिन में 11:36 से 12:24 बजे तक अभिजीत मुहूर्त है । दोपहर 1:30 से 3 बजे तक शुभ का चौघड़िया है । शाम को 3:50 से 5:20 तक गोधूली बेला है  जोकि पंचांग के सारे दोषों से मुक्त, शुद्ध और पवित्र मानी गई है । गृहस्थ लोगों के लिए यह सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त है ।

रात्रि 10:20 बजे तक शुभ, अमृत और चल का चौघड़िया है  इसमें भी पूजा की जा सकती है । फिर अर्धरात्रि पश्चात 1:30 बजे से 2:56 तक लाभ का चौघड़िया है, जो लोग शुभ और स्थिर लग्न में मां महालक्ष्मी का पूजन करना चाहते हैं उनके लिए दिन में 12:44 से 2:19 बजे तक स्थिर कुम्भ लग्न है । संध्या 5:33 से रात्रि 7:32 तक वृषभ लग्न और अर्द्ध रात्रि 12 बजे से 2:10 तक सिंह लग्न है जो कि लक्ष्मी जी को विशेष रूप से प्रिय है।

अभिजीत मुहूर्त और शुभ का चौघड़िया

सुबह 7:00 बजे से लेकर 9:00 बजकर 30 मिनट तक वृश्चिक उसके बाद 11:30 पर धनु लग्न रहेगा इस लग्न में ऑटोमोबाइल वर्कशॉप,तांबा, पीतल और स्टील का व्यापार करने वाले व्यक्तियों को महालक्ष्मी का पूजन कर सकते है।इसके साथ ही कुछ व्यापारी धनु लग्न को श्रेष्ठ मानते हैं क्योंकि धनु लग्न का स्वामी शुक्र ग्रह है । पूर्वांहन  11:28 से 1:11 तक मकर लग्न रहेगा। इस मकर लग्न में अभिजीत मुहूर्त भी होगा इसमें शुभ का चौघड़िया भी उत्तम है । अभिजीत मुहूर्त और शुभ के चौघड़िया में चार्टर्ड अकाउंटेंट, वकील, प्रॉपर्टी डीलर के लिए पूजा का मुहूर्त है ।

मीन लग्न मे पूजन

दोपहर 2:38 तक कुंभ और 4:03 तक मीन लग्न रहेगा मीन लग्न के स्वामी बृहस्पति देव है इस समय में पूजा उद्योग धंधों में दिन दोगुनी रात चौगुनी उन्नति कराएगा। इस समय में फाइनेंसर और बैंकों में पूजा करनी चाहिए। शाम 4:58 से 5:40 तक मेष लग्न रहेगी इसमें चर का चौघड़िया भी मनोकामना मूर्ति में सहायक होगा।

 प्रदोष काल मे पूजन

दीपावली में प्रदोष काल में महालक्ष्मी पूजन का सर्वाधिक महत्व होता है शाम 5:27 से रात 8:09 तक प्रदोष काल में ही मेष लग्न और शुभ अमृत के चौघड़िया भी विराजमान रहेंगे । प्रदोष काल का अर्थ होता है दिन और रात्रि का संगम। प्रदोष काल में भगवान विष्णु को दिन के स्वरूप और रात को लक्ष्मी के स्वरूप में माना जाता है प्रदोष काल के स्वामी भगवान शिव शंकर स्वयं है । इस योग में व्यापारियों, गृहस्थियों को महालक्ष्मी, कुबेर, दवात, कलम, तराजू, तिजोरी आदि का पूजन करना कल्याणकारी सिद्ध होगा ।

इसके बाद अर्धरात्रि में सिंह लग्न 12:13 से 2:30 तक रहेगी। 13 नवम्बर को सोमवती अमावस्या है, जिसे दर्श और श्राद्ध अमावस्या भी कहते हैं ।  इस दिन स्नान दान का विशेष महत्व है ।

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